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वाशिंगटन में भारत व अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता, कई अहम समझौतों पर चर्चा

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Published : Dec 18, 2019, 10:51 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 12:04 AM IST

वाशिंगटन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी उनके अमेरिकी समकक्षों - विदेश मंत्री माइक पोम्पियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने की. भारत और अमेरिका के मंत्रियों की अमेरिकी धरती पर होने वाली पहली टू प्लस टू वार्ता हुई. इस वार्ता से दोनों देशों के बीच सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाले कुछ अहम समझौतों पर चर्चा हुई. जानें विस्तार से...

india us two plus two
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकि रक्षा मंत्री मार्क एस्पर

वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के मंत्रियों की अमेरिकी धरती पर बुधवार को टू प्लस टू वार्ता हुई. इसमें द्विपक्षीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाले कुछ अहम समझौतों पर चर्चा हुई.

विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी उनके अमेरिकी समकक्षों - विदेश मंत्री माइक पोम्पियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने की.

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भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता हुई.

पहली टू प्लस टू वार्ता नई दिल्ली में पिछले साल सितंबर में हुई थी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में प्रणाली को मंजूरी दी थी.

बता दें कि इस वार्ता से पहले इस साल मोदी और ट्रंप की चार मुलाकातें हुई हैं. इनमें सितंबर के महीने में ह्यूस्टन में दोनों का संयुक्त संबोधन भी शामिल है.

यहां भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, टू प्लस टू वार्ता भारत और अमेरिका के बीच सर्वोच्च स्तर की संस्थागत प्रणाली है, जो विदेश नीति, रक्षा तथा सामरिक मुद्दों पर हमारे नजरियों को साथ लाती है. पहली बार अमेरिका में इस तरह का संवाद हो रहा है.'

इसे भी पढे़ं- भारत व अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता 18 दिसम्बर को वाशिंगटन में

शृंगला ने टू प्लस टू वार्ता से पहले कहा, 'हमारे दोनों देशों के बीच विदेश नीति तथा रक्षा के क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई है तथा हम अत्यंत गुणवत्तापूर्ण मुलाकात के लिए आशान्वित हैं.'

दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए अमेरिका के उप सहायक रक्षा मंत्री जोए फेल्टर ने कहा कि बैठक हो रही है, यह तथ्य ही अपने आप में सफलता की ओर इशारा करता है तथा इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका एवं भारत दोनों अपने समान हितों के लिए संबंधों एवं सहयोग को कितनी प्राथमिकता देते हैं.

फेल्टर ने कहा, 'मंत्री अमेरिका-भारत संबंधों के निर्माण की तथा ऐसे भविष्य के साझा दृष्टिकोण को पाने की दिशा में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराना चाहेंगे जहां भारत एक बड़ी महाशक्ति तथा क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में अपनी स्वाभाविक भूमिका समझता है.'

इसे भी पढे़ं- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन से खास बातचीत

दोनों देश, 'सैन्य सूचना की सामान्य सुरक्षा के औद्योगिक सुरक्षा अंश के समझौते' (जीएसओएमआईए-आईएसए) पर औपचारिक रूप से दस्तखत कर सकते हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो.

उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक टू प्लस टू वार्ता में हुई संचार अनुकूलता तथा सुरक्षा सहमति (सीओएमसीएएसए) को कारगर बनाने वाला समझौता होगा.

वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के मंत्रियों की अमेरिकी धरती पर बुधवार को टू प्लस टू वार्ता हुई. इसमें द्विपक्षीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाले कुछ अहम समझौतों पर चर्चा हुई.

विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी उनके अमेरिकी समकक्षों - विदेश मंत्री माइक पोम्पियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने की.

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भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता हुई.

पहली टू प्लस टू वार्ता नई दिल्ली में पिछले साल सितंबर में हुई थी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में प्रणाली को मंजूरी दी थी.

बता दें कि इस वार्ता से पहले इस साल मोदी और ट्रंप की चार मुलाकातें हुई हैं. इनमें सितंबर के महीने में ह्यूस्टन में दोनों का संयुक्त संबोधन भी शामिल है.

यहां भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, टू प्लस टू वार्ता भारत और अमेरिका के बीच सर्वोच्च स्तर की संस्थागत प्रणाली है, जो विदेश नीति, रक्षा तथा सामरिक मुद्दों पर हमारे नजरियों को साथ लाती है. पहली बार अमेरिका में इस तरह का संवाद हो रहा है.'

इसे भी पढे़ं- भारत व अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता 18 दिसम्बर को वाशिंगटन में

शृंगला ने टू प्लस टू वार्ता से पहले कहा, 'हमारे दोनों देशों के बीच विदेश नीति तथा रक्षा के क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई है तथा हम अत्यंत गुणवत्तापूर्ण मुलाकात के लिए आशान्वित हैं.'

दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए अमेरिका के उप सहायक रक्षा मंत्री जोए फेल्टर ने कहा कि बैठक हो रही है, यह तथ्य ही अपने आप में सफलता की ओर इशारा करता है तथा इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका एवं भारत दोनों अपने समान हितों के लिए संबंधों एवं सहयोग को कितनी प्राथमिकता देते हैं.

फेल्टर ने कहा, 'मंत्री अमेरिका-भारत संबंधों के निर्माण की तथा ऐसे भविष्य के साझा दृष्टिकोण को पाने की दिशा में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराना चाहेंगे जहां भारत एक बड़ी महाशक्ति तथा क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में अपनी स्वाभाविक भूमिका समझता है.'

इसे भी पढे़ं- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन से खास बातचीत

दोनों देश, 'सैन्य सूचना की सामान्य सुरक्षा के औद्योगिक सुरक्षा अंश के समझौते' (जीएसओएमआईए-आईएसए) पर औपचारिक रूप से दस्तखत कर सकते हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो.

उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक टू प्लस टू वार्ता में हुई संचार अनुकूलता तथा सुरक्षा सहमति (सीओएमसीएएसए) को कारगर बनाने वाला समझौता होगा.

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Last Updated : Dec 19, 2019, 12:04 AM IST
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