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केरल सरकार ने कोरोना वायरस को 'राज्य आपदा' घोषित किया

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Published : Feb 3, 2020, 8:40 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 11:32 PM IST

कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रही है. केरल के एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की सोमवार को पुष्टि होने के साथ ही भारत में इस बीमारी का तीसरा मामला सामने आया है. राज्य ने कोरोना वायरस को अपने राज्य में राजकीय आपदा घोषित किया है. जानें विस्तार से..

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तिरुवनंतपुरम. केरल में तीसरे छात्र के घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद सरकार ने इस बीमारी को “राज्य आपदा” घोषित कर दिया है.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया है ताकि इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएं जाएं.

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कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां

इस बाबत निर्णय मुख्य सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शीर्ष समिति की बैठक में लिया गया.

चिकित्सा बुलेटिन के मुताबिक केरल में चीन और कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 1,999 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से अधिकतर को पृथक केंद्र में रखा गया है जबकि 75 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए विशेष पृथक वार्ड में रखा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि जिन तीन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी हालत स्थिर है और गंभीर नहीं है.

राज्य सरकार ने बताया कि दूसरा मरीज भी कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान में छात्र है और 24 जनवरी को केरल लौटा था.

भारत में इस विषाणु का पहला मामला गुरुवार को त्रिशूर में आया था जब वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.

स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने संक्रमण के दूसरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि छाल को अलप्पुझा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में बनाए गए पृथक वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है.

इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कोल्लम में मीडिया से कहा, 'हम पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में मरीज के नमूनों के साथ किए परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं.'

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद रविवार शाम को उन्होंने कहा, 'अब हमें मरीज के जांच नतीजे मिल गए हैं. अलप्पुझा के छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.'

पहली मरीज, मेडिकल छात्रा त्रिशूर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बने पृथक वार्ड में है.

मंत्री ने कहा, ' हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि विषाणु फैले नहीं. दो मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और वे स्थिर हैं. उनकी हालत गंभीर नहीं है लेकिन उनकी करीब से निगरानी कर रहे हैं.'

चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्य के छात्र वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो इन दो विषाणु संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे.

उन्होंने कहा कि पुलिस इस प्रकिया में मदद कर रही है.

शैलजा ने कहा कि राज्य में दूसरे मामले की पुष्टि होने के बाद लोगों को और सतर्क रहने और बचाव के उपाय मनाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- केरल में कोरोना वायरस का दूसरा मामला आया सामने, रोकथाम के प्रयास तेज

उन्होंने कहा कि त्रिशूर स्थित निजी अस्पतालों के अधिकारियों की बैठक हुई और उन्होंने 87 बिस्तर पृथक वार्ड के लिए रखे हैं. बड़ी संख्या में बिस्तरों की जरूरत को देखते हुए इसी तरह की पहल की यहां जरूरत है.

रविवार शाम साढ़े सात बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक 1,924 लोगों को पृथक केंद्र में और 75 को अस्पतालों में रखा गया है. इनमें से 104 नमूनों को परीक्षण के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया जिनमें 36 में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. अलप्पुझा में नमूनो की जांच के लिए स्थापित एनआईवी की शाखा शुरू हो गई है.

बुलेटिन के मुताबिक 315 लोगों को मलप्पुरम, 291 लोगों को कोझिकोड, 260 को लोगों को एर्णाकुलम में निगरानी में रखा गया है जबकि जिन 75 लोगों को अस्पताल में रखा गया है उनमें सबसे अधिक 22 त्रिशूर, नौ-नौ अलप्पुझा एवं एर्णाकुलम में और आठ को मलप्पुरम में रखा गया है.

केरल में 12 लोगों को रविवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

इस बीच, दो लोगों को कोरोना वायरस के लिए भ्रामक सूचना फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

कृषि मंत्री वी. एस. सुनील कुमार ने बताया कि तीन लोगों को त्रिशूर जिले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.

तिरुवनंतपुरम. केरल में तीसरे छात्र के घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद सरकार ने इस बीमारी को “राज्य आपदा” घोषित कर दिया है.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया है ताकि इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएं जाएं.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां

इस बाबत निर्णय मुख्य सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शीर्ष समिति की बैठक में लिया गया.

चिकित्सा बुलेटिन के मुताबिक केरल में चीन और कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 1,999 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से अधिकतर को पृथक केंद्र में रखा गया है जबकि 75 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए विशेष पृथक वार्ड में रखा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि जिन तीन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी हालत स्थिर है और गंभीर नहीं है.

राज्य सरकार ने बताया कि दूसरा मरीज भी कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान में छात्र है और 24 जनवरी को केरल लौटा था.

भारत में इस विषाणु का पहला मामला गुरुवार को त्रिशूर में आया था जब वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.

स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने संक्रमण के दूसरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि छाल को अलप्पुझा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में बनाए गए पृथक वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है.

इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कोल्लम में मीडिया से कहा, 'हम पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में मरीज के नमूनों के साथ किए परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं.'

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद रविवार शाम को उन्होंने कहा, 'अब हमें मरीज के जांच नतीजे मिल गए हैं. अलप्पुझा के छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.'

पहली मरीज, मेडिकल छात्रा त्रिशूर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बने पृथक वार्ड में है.

मंत्री ने कहा, ' हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि विषाणु फैले नहीं. दो मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और वे स्थिर हैं. उनकी हालत गंभीर नहीं है लेकिन उनकी करीब से निगरानी कर रहे हैं.'

चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्य के छात्र वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो इन दो विषाणु संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे.

उन्होंने कहा कि पुलिस इस प्रकिया में मदद कर रही है.

शैलजा ने कहा कि राज्य में दूसरे मामले की पुष्टि होने के बाद लोगों को और सतर्क रहने और बचाव के उपाय मनाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- केरल में कोरोना वायरस का दूसरा मामला आया सामने, रोकथाम के प्रयास तेज

उन्होंने कहा कि त्रिशूर स्थित निजी अस्पतालों के अधिकारियों की बैठक हुई और उन्होंने 87 बिस्तर पृथक वार्ड के लिए रखे हैं. बड़ी संख्या में बिस्तरों की जरूरत को देखते हुए इसी तरह की पहल की यहां जरूरत है.

रविवार शाम साढ़े सात बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक 1,924 लोगों को पृथक केंद्र में और 75 को अस्पतालों में रखा गया है. इनमें से 104 नमूनों को परीक्षण के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया जिनमें 36 में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. अलप्पुझा में नमूनो की जांच के लिए स्थापित एनआईवी की शाखा शुरू हो गई है.

बुलेटिन के मुताबिक 315 लोगों को मलप्पुरम, 291 लोगों को कोझिकोड, 260 को लोगों को एर्णाकुलम में निगरानी में रखा गया है जबकि जिन 75 लोगों को अस्पताल में रखा गया है उनमें सबसे अधिक 22 त्रिशूर, नौ-नौ अलप्पुझा एवं एर्णाकुलम में और आठ को मलप्पुरम में रखा गया है.

केरल में 12 लोगों को रविवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

इस बीच, दो लोगों को कोरोना वायरस के लिए भ्रामक सूचना फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

कृषि मंत्री वी. एस. सुनील कुमार ने बताया कि तीन लोगों को त्रिशूर जिले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.

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भारत में कोरोना वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि, दोनों मरीजों की हालत स्थिर



तिरुवनंतपुरम, दो फरवरी (भाषा) चीन से हाल ही में लौटे केरल के एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रविवार को पुष्टि होने के साथ ही भारत में इस बीमारी का दूसरा मामला सामने आया है.



चिकित्सा बुलेटिन के मुताबिक केरल में चीन और कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 1,999 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से अधिकतर को पृथक केंद्र में रखा गया है जबकि 75 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए विशेष पृथक वार्ड में रखा गया है.



अधिकारियों ने बताया कि जिन दो लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी हालत स्थिर है और गंभीर नहीं है.



राज्य सरकार ने बताया कि दूसरा मरीज भी कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान में छात्र है और 24 जनवरी को केरल लौटा था.



भारत में इस विषाणु का पहला मामला गुरुवार को त्रिशूर में आया था जब वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.



स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने संक्रमण के दूसरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि छाल को अलप्पुझा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में बनाए गए पृथक वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है.



इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कोल्लम में मीडिया से कहा, 'हम पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में मरीज के नमूनों के साथ किए परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं.'



स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद रविवार शाम को उन्होंने कहा, 'अब हमें मरीज के जांच नतीजे मिल गए हैं. अलप्पुझा के छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.'



पहली मरीज, मेडिकल छात्रा त्रिशूर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बने पृथक वार्ड में है.



मंत्री ने कहा, ' हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि विषाणु फैले नहीं. दो मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और वे स्थिर हैं. उनकी हालत गंभीर नहीं है लेकिन उनकी करीब से निगरानी कर रहे हैं.'



चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्य के छात्र वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं.



केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो इन दो विषाणु संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे.



उन्होंने कहा कि पुलिस इस प्रकिया में मदद कर रही है.



शैलजा ने कहा कि राज्य में दूसरे मामले की पुष्टि होने के बाद लोगों को और सतर्क रहने और बचाव के उपाय मनाने की जरूरत है.



उन्होंने कहा कि त्रिशूर स्थित निजी अस्पतालों के अधिकारियों की बैठक हुई और उन्होंने 87 बिस्तर पृथक वार्ड के लिए रखे हैं. बड़ी संख्या में बिस्तरों की जरूरत को देखते हुए इसी तरह की पहल की यहां जरूरत है.



रविवार शाम साढ़े सात बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक 1,924 लोगों को पृथक केंद्र में और 75 को अस्पतालों में रखा गया है. इनमें से 104 नमूनों को परीक्षण के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया जिनमें 36 में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. अलप्पुझा में नमूनो की जांच के लिए स्थापित एनआईवी की शाखा शुरू हो गई है.



बुलेटिन के मुताबिक 315 लोगों को मलप्पुरम, 291 लोगों को कोझिकोड, 260 को लोगों को एर्णाकुलम में निगरानी में रखा गया है जबकि जिन 75 लोगों को अस्पताल में रखा गया है उनमें सबसे अधिक 22 त्रिशूर, नौ-नौ अलप्पुझा एवं एर्णाकुलम में और आठ को मलप्पुरम में रखा गया है.



केरल में 12 लोगों को रविवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया.



इस बीच, दो लोगों को कोरोना वायरस के लिए भ्रामक सूचना फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.



कृषि मंत्री वी. एस. सुनील कुमार ने बताया कि तीन लोगों को त्रिशूर जिले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 11:32 PM IST
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