नई दिल्ली: कोरोना वायरस जिस तरीके से देश में पैर पसार रहा है, इसे काबू करने के लिए न केवल डॉक्टर बल्कि वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. भारत के वैज्ञानिक डॉ. सम्राट घोष ने घर में इस्तेमाल होने वाले वैक्यूम क्लीनर को इस तरह मॉडिफाइड किया है, जिससे एक नहीं बल्कि चार तरीकों से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है. इस वैक्यूम क्लीनर को मॉडिफाइड करने में उन्होंने घरेलू वस्तुओं का इस्तेमाल किया है.
भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सम्राट घोष ने बताया कि लोगों में कोरोना को लेकर काफी भय है. बाजार में अगर आप खरीदारी करने जाते हैं तो वहां से वापस मिलने वाले नोट को छूने में डर लगता है.
सैलून में बाल को उठाने में वहां के कर्मचारी डरते हैं. घर की हवा में कोरोना के मौजूद होने का डर लगता है. इसके साथ ही एन-95 जैसे कीमती मास्क को साफ करने का कोई साधन नहीं मिलता है. इन चारों समस्याओं का समाधान उन्होंने घर में इस्तेमाल होने वाले वैक्यूम क्लीनर से किया है. इसके इस्तेमाल से इन चारों ही काम को किया जा सकेगा और कोरोना को मारा जा सकेगा.
डॉ. सम्राट घोष की ओर से बनाये गए इस मॉडिफाइड वैक्यूम क्लीनर के अगले हिस्से में पानी भरने वाली एक पाइप लगाकर इससे एन-95 मास्क को साफ किया जा सकता है. हवा के प्रेशर से इसमें मौजूद वायरस को खींचकर पानी के जार में ले जाया जाता है.
इस पानी में ब्लीच या बाकी केमिकल डाला जाता है. जिससे वायरस मर जाते हैं. इस पाइप या वैक्यूम क्लीनर के आगे पानी की बोतल लगाकर अगर हवा में चलाई जाए तो यहां से भी वायरस को खींचकर पानी के जार में भेजा जा सकता है. प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस पानी से आप फर्श साफ करेंगे तो वहां मौजूद वायरस भी मर जायेंगे.
नोट की सफाई करने में बेहद असरदार
डॉ. सम्राट घोष ने बताया कि बाजार से लाए गए नोट को लेकर लोगों के मन में शंका रहती है. कुछ लोग इसे सैनिटाइज कर देते हैं तो कुछ लोग धो देते हैं. इससे आपके नोट को खराब होने का खतरा रहता है. लेकिन उनके इस खास उपकरण के अगले हिस्से में बहुत ही आसानी से नोट से वायरस खींचा जा सकता है.
इसके लिए उन्होंने अगले हिस्से में पानी की बोतल को काटकर इस तरह से लगाया है, जिसमें नोट रखे जाते हैं. इसके बाद जब वैक्यूम क्लीनर चलाया जाता है तो इसमें मौजूद वायरस को वो खींचकर ब्लीच वाले पानी में ले जाता है.
सैलून के लिए बेहद कारगर होगी मशीन
डॉ. सम्राट घोष के मुताबिक सैलून से बाल उठाने में वहां के कर्मचारियों को डर लगता है. ऐसे में इस मशीन के आगे लगी कार्ट्रिज (पानी की बोतल जिसमें कपड़े की थैली फंसाई गई है) में वैक्यूम क्लीनर से बाल खींचकर उसे बोतल में बंद कर लिया जाता है.
इस तरह से बोतल में बाल भरकर उसे फेंका जा सकता है. अगर चाहें तो इसे डस्टबिन में खाली भी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस मशीन का इस्तेमाल बढ़ने पर इसमें लगने वाली कार्ट्रिज तैयार करने का रोजगार भी उत्पन्न होगा.