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स्कूली शिक्षा पर NITI आयोग की रिपोर्ट : शीर्ष पर केरल, हरियाणा में सबसे ज्यादा सुधार

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया (NITI आयोग) ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का इंडेक्स (School Education Quality Index) जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा पर सबसे ज्यादा सुधार हुआ है. ओवरऑल मापदंड के आधार पर केरल शीर्ष पर रहा है. जानें पूरा विवरण

रिपोर्ट जारी करने के दौरान नीति आयोग के अधिकारी
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Published : Sep 30, 2019, 5:44 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:02 PM IST

नई दिल्ली : नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया (NITI आयोग) ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का इंडेक्स (School Education Quality Index) जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा पर सबसे ज्यादा सुधार हुआ है. ओवरऑल मापदंड के आधार पर केरल शीर्ष पर रहा है.

देश भर के राज्यों के प्रदर्शन में बहुत बड़ा अंतर दिखाते हुए, नीति आयोग ने अपने स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक में 81.9 प्रतिशत अंक के साथ केरल को नंबर 1 स्थान पर रखा, जबकि हरियाणा ने इंक्रीमेंटल प्रदर्शन रैंकिंग में सर्वोच्च स्कोर किया. जबकि उत्तर प्रदेश ने सबसे कम अंक हासिल किए हैं.

बता दें कि स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (SEQI) स्कूल शिक्षा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, ताकि इस क्षेत्र की शक्तियों और कमजोरियों की पहचान के साथ-साथ आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जा सकें.

इस रिपोर्ट को तीन भागों- बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है.

मीडिया से बात करते अमिताभ कांत

यह सूचकांक राज्यों के सर्वेक्षण के आंकड़ों, राज्यों और तीसरे पक्ष के सत्यापन से स्व-रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के आधार पर सीखने के परिणामों, इक्विटी और बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के आधार पर राज्यों का आकंलन करता है.

गौरतलब है कि इस बार 20 बड़े राज्यों में से, 18 ने 2015-16 और 2016-17 के बीच अपने समग्र प्रदर्शन में सुधार किया है, जिसके लिए राज्यों को वृद्धिशील प्रदर्शन रेटिंग दी गई है.

हरियाणा, असम और उत्तर प्रदेश ने अपने प्रदर्शन में सबसे अधिक सुधार किया है, जबकि छोटे राज्यों में, मणिपुर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा जबकि यूनियन टेरेटरी की सूची में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है.

मीडिया को संबोधित करते हुए, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने और अपेक्षित पाठ्यक्रम सुधार और नीतिगत हस्तक्षेप करने के लिए एक मंच प्रदान करके शिक्षा नीति पर एक फैसला लेना है.

मीडिया से बात करते राजीव कुमार

पढ़ें- बिहार की बारिश में ग्लैमरस फोटोशूट, बाढ़ की ओर खींचा लोगों का ध्यान

उन्होंने कहा कि केवल चिंता का विषय इक्विटी इंडेक्स है. उन्होंने बताया कि अधिकांश बड़े राज्यों में 60 प्रतिशत के आसपास समूह है. छोटे राज्यों ने बड़े लोगों की तुलना में बेहतर किया है.
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी पृष्ठभूमि के बच्चों को शिक्षा की गुणवत्ता समान रूप से मिलनी चाहिए,

सूचकांक मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्व बैंक के सहयोग से सरकार थिंक टैंक द्वारा तैयार किया गया है.

हालांकि, पश्चिम बंगाल ने राज्य के डेटा को साझा करने से इनकार करते हुए इस सूचकांक में भाग नहीं लिया.

नई दिल्ली : नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया (NITI आयोग) ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का इंडेक्स (School Education Quality Index) जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा पर सबसे ज्यादा सुधार हुआ है. ओवरऑल मापदंड के आधार पर केरल शीर्ष पर रहा है.

देश भर के राज्यों के प्रदर्शन में बहुत बड़ा अंतर दिखाते हुए, नीति आयोग ने अपने स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक में 81.9 प्रतिशत अंक के साथ केरल को नंबर 1 स्थान पर रखा, जबकि हरियाणा ने इंक्रीमेंटल प्रदर्शन रैंकिंग में सर्वोच्च स्कोर किया. जबकि उत्तर प्रदेश ने सबसे कम अंक हासिल किए हैं.

बता दें कि स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (SEQI) स्कूल शिक्षा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, ताकि इस क्षेत्र की शक्तियों और कमजोरियों की पहचान के साथ-साथ आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जा सकें.

इस रिपोर्ट को तीन भागों- बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है.

मीडिया से बात करते अमिताभ कांत

यह सूचकांक राज्यों के सर्वेक्षण के आंकड़ों, राज्यों और तीसरे पक्ष के सत्यापन से स्व-रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के आधार पर सीखने के परिणामों, इक्विटी और बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के आधार पर राज्यों का आकंलन करता है.

गौरतलब है कि इस बार 20 बड़े राज्यों में से, 18 ने 2015-16 और 2016-17 के बीच अपने समग्र प्रदर्शन में सुधार किया है, जिसके लिए राज्यों को वृद्धिशील प्रदर्शन रेटिंग दी गई है.

हरियाणा, असम और उत्तर प्रदेश ने अपने प्रदर्शन में सबसे अधिक सुधार किया है, जबकि छोटे राज्यों में, मणिपुर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा जबकि यूनियन टेरेटरी की सूची में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है.

मीडिया को संबोधित करते हुए, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने और अपेक्षित पाठ्यक्रम सुधार और नीतिगत हस्तक्षेप करने के लिए एक मंच प्रदान करके शिक्षा नीति पर एक फैसला लेना है.

मीडिया से बात करते राजीव कुमार

पढ़ें- बिहार की बारिश में ग्लैमरस फोटोशूट, बाढ़ की ओर खींचा लोगों का ध्यान

उन्होंने कहा कि केवल चिंता का विषय इक्विटी इंडेक्स है. उन्होंने बताया कि अधिकांश बड़े राज्यों में 60 प्रतिशत के आसपास समूह है. छोटे राज्यों ने बड़े लोगों की तुलना में बेहतर किया है.
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी पृष्ठभूमि के बच्चों को शिक्षा की गुणवत्ता समान रूप से मिलनी चाहिए,

सूचकांक मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्व बैंक के सहयोग से सरकार थिंक टैंक द्वारा तैयार किया गया है.

हालांकि, पश्चिम बंगाल ने राज्य के डेटा को साझा करने से इनकार करते हुए इस सूचकांक में भाग नहीं लिया.

Intro:New Delhi: Showing a huge gap in the performance of states across the country, NITI Aayog ranked Kerela at number 1 position with the score of 81.9 percent in its School Education Quality index, while Haryana scored highest in the Incremental Performance Ranking. Uttar Pradesh has scored the lowest.


Body:The School Education Quality index (SEQI) evaluates the performance of States and Union Terretories in the school education sector, to identify the strengths and weaknesses in this sector as well as to take the required corrective measures. This report has been categorized into three parts- larger states, smaller states and Union Terretories.

This index assesses states on the basis of learning outcomes, access, equity and infrastructure facilities, by suing survey data, self-reported data from States and third-party verification.

Among the 20 large states, 18 have improved their overall performance between 2015-16 and 2016-17, for which incremental performance ratings have been given to the states. Haryana, Assam and Uttar Pradesh have shown the most improvement in their performance. Among the smaller states, Manipur emerged as the best performer. While Chandigarh topped in the list of Union Terretories.

While addressing the media, NITI Aayog's CEO Amitabh Kant said, "The objective of the index is to bring an outcome focussed on education policy by providing states and UTs with a platform to identify their strengths and weaknesses and undertake requisite course corrections and policy interventions."

"The only point to worry about is the equity index. Most of the larger states cluster around the score of 60 percent. Smaller states have done better than the larger ones. We want that children from all background should get the equal quality of education," said the Vice Chairman of NITI Aayog, Rajiv Kumar.


Conclusion:The index has been prepared by the government think tank in collaboration with Ministry of Human Resource Development and World Bank.

However, West Bengal didn't participated in this index by refusing to share data of the state.
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:02 PM IST
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