नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली हिंसा पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदेर के खिलाफ अभद्र भाषा का आरोप लगाया गया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीएए विरोधी कार्यक्रम में मंदर के कथित भाषण को दिखाया गया. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने कानून अधिकारी को याचिका दायर करने का निर्देश दिया.
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूर्व आईएएस अधिकारी और इस मामले में याचिकाकर्ता हर्ष मंदर की कथित वीडियो क्लिप दिखाकर उल्लेख किया. मेहता ने कहा कि हर्ष मंदर लोगों को न्याय के लिए सड़कों पर बुलाते हुए देखा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें- उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, सुनवाई से इनकार
इसके पहले उच्चतम न्यायालय ने आज हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि अगर इस तरह से वह अदालतों के बारे में समझते हैं कि पहले यह सभी को समझने का अवसर देना चाहिए.