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1984 दंगे : सज्जन कुमार की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

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Published : Sep 4, 2020, 2:54 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 4:22 PM IST

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत मांगी गई थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को इस मामले में उन्हें और अन्य को दोषी ठहराया था, 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सज्जन कुमार की अंतरिम जमानत

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका खारिज कर दी है. कुमार 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. स्वास्थ्य के आधार पर इन्होंने अंतरिम जमानत की मांग की थी.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'माफ करना! हम इच्छुक नहीं हैं.'

कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दलील दी कि कुमार को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत दी जाए क्योंकि वह 20 महीने से जेल में हैं और उनका लगभग 16 किलो वजन कम हो चुका है. उन्हें पुरानी बीमारियों से उबरने की जरूरत है.

दंगों के पीड़ितों में से कुछ लोगों के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील एच एस फूलका ने दलील का विरोध किया और कहा कि कुमार का पहले की अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पढ़ें : सिख दंगा : सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर, 2018 को मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

31 अक्टूबर, 1984 को सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या के बाद भड़के थे.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका खारिज कर दी है. कुमार 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. स्वास्थ्य के आधार पर इन्होंने अंतरिम जमानत की मांग की थी.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'माफ करना! हम इच्छुक नहीं हैं.'

कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दलील दी कि कुमार को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत दी जाए क्योंकि वह 20 महीने से जेल में हैं और उनका लगभग 16 किलो वजन कम हो चुका है. उन्हें पुरानी बीमारियों से उबरने की जरूरत है.

दंगों के पीड़ितों में से कुछ लोगों के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील एच एस फूलका ने दलील का विरोध किया और कहा कि कुमार का पहले की अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पढ़ें : सिख दंगा : सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर, 2018 को मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

31 अक्टूबर, 1984 को सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या के बाद भड़के थे.

Last Updated : Sep 4, 2020, 4:22 PM IST
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