नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें सरकारी तंत्र द्वारा राजद्रोह कानून के कथित दुरुपयोग के निपटने के लिए उचित प्रणाली बनाने का अनुरोध किया गया था. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता उचित प्राधिकार के पास जा सकते हैं.
न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील उत्सव सिंह बैंस से कहा कि वह कथित तौर पर छात्रों को सीएए और एनआरसी के विरोध में नाटक के मंचन की अनुमति देने के लिए कर्नाटक के एक स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ दायर राजद्रोह के मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध नहीं कर सकते.
बैंस ने पीठ से कहा कि वह प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध नहीं कर रहे हैं, और याचिकाकर्ता ने राजद्रोह कानून के कथित दुरुपयोग के निपटने के लिए उचित प्रणाली बनाने का भी अनुरोध किया है.
पीठ ने मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए कहा,'प्रभावित पक्ष को आने दीजिए और हम उन्हें सुनेंगे. ये आपकी तरफ से क्यों होना चाहिए.'