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वोडाफोन-आइडिया पर बकाए को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- अब सीधे जेल भेजेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने आज वोडाफोन-आइडिया के ऊपर बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में सुनवाई की. उच्चतम न्यायालय ने टेलीकॉम कंपनी को सख्त चेतावनी दी और कहा कि न्यायालय कंपनी के अधिकारी को जेल भेजेगा. पढ़ें विस्तार से...

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 20, 2020, 7:38 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 8:04 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज वोडाफोन-आइडिया के ऊपर बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में सुनवाई की. उच्चतम न्यायालय ने टेलीकॉम कंपनी को सख्त चेतावनी दी और कहा कि न्यायालय कंपनी के अधिकारी को जेल भेजेगा.

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर सरकार के बकाया 92 हजार करोड़ रुपये के एजीआर मामले की सुनवाई कर रही है.

कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने वित्तीय दस्तावेज और टैक्स की जानकारी कोर्ट में जमा करवा दिए हैं. कंपनी ने पिछले 15 वर्षों में जितनी कमाई की थी, वह खत्म हो चुकी है.

इस पर कोर्ट ने कहा, 'जब आप दशकों से घाटे में चल रहे हैं तो आप बकाया कैसे चुकाएंगे, हम आप पर भरोसा कैसे करें?' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'अगर आप आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे. यह बहुत ही गंभीर मामला है. हम उस व्यक्ति को सीधे जेल भेजेंगे जो भी गलत काम कर रहा है.'

दूरसंचार विभाग की गणना के हिसाब से वित्त वर्ष 2016-17 तक वोडाफोन आइडिया के ऊपर 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. हालांकि कंपनी ने गणना की कुछ गलतियों तथा पहले किये गये कुछ भुगतान पर दूरसंचार विभाग द्वारा गौर नहीं किये जाने का हवाला देते हुए कहा कि इन्हें समायोजित करने के बाद उसके ऊपर बकाया 46 हजार करोड़ रुपये है.

मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष न्यायालय से अपील की है कि कंपनी को बकाया चुकाने के लिए 15 वर्ष का समय दिया जाए.

इससे पहले दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के सांविधिक बकाये को लेकर सरकार को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस तरह कंपनी का अब तक का कुल भुगतान 7,854 करोड़ रुपये हो गया है.

यह भी पढ़ें- अयोध्या : अवशेषों के संरक्षण वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज

वोडाफोन आइडिया ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने पहली तीन किश्तों में 6,854 करोड़ रुपये जमा किये थे. इसके बाद कंपनी ने 17 जुलाई 2020 को एजीआर बकाया राशि को लेकर दूरसंचार विभाग को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया.

इसके साथ, कंपनी ने एजीआर बकाये को लेकर अब तक 7,854 करोड़ रुपये की कुल राशि का भुगतान किया है.

एजीआर मामले पर उच्चतम न्यायालय ने पिछली सुनवाई में कहा था कि वोडाफोन आइडिया सहित निजी दूरसंचार कंपनियों को उचित भुगतान योजना के साथ आना चाहिये. शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा था कि कंपनियों को अभी कुछ बकाये का भुगतान भी करना चाहिये, ताकि पता चले कि वह पूरा भुगतान करने की नीयत रखते हैं.

उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, विधायी बकाये को लेकर प्रावधान करने से मार्च तिमाही में वोडाफोन आइडिया को 73,878 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ था. कंपनी ने तब कहा था कि देनदारियां उसके परिचालन में बने रहने को मुश्किल बना रही हैं.

दूरसंचार कंपनियों के ऊपर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. इसमें वोडाफोन आइडिया के ऊपर कुल 58 हजार करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज वोडाफोन-आइडिया के ऊपर बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में सुनवाई की. उच्चतम न्यायालय ने टेलीकॉम कंपनी को सख्त चेतावनी दी और कहा कि न्यायालय कंपनी के अधिकारी को जेल भेजेगा.

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर सरकार के बकाया 92 हजार करोड़ रुपये के एजीआर मामले की सुनवाई कर रही है.

कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने वित्तीय दस्तावेज और टैक्स की जानकारी कोर्ट में जमा करवा दिए हैं. कंपनी ने पिछले 15 वर्षों में जितनी कमाई की थी, वह खत्म हो चुकी है.

इस पर कोर्ट ने कहा, 'जब आप दशकों से घाटे में चल रहे हैं तो आप बकाया कैसे चुकाएंगे, हम आप पर भरोसा कैसे करें?' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'अगर आप आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे. यह बहुत ही गंभीर मामला है. हम उस व्यक्ति को सीधे जेल भेजेंगे जो भी गलत काम कर रहा है.'

दूरसंचार विभाग की गणना के हिसाब से वित्त वर्ष 2016-17 तक वोडाफोन आइडिया के ऊपर 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. हालांकि कंपनी ने गणना की कुछ गलतियों तथा पहले किये गये कुछ भुगतान पर दूरसंचार विभाग द्वारा गौर नहीं किये जाने का हवाला देते हुए कहा कि इन्हें समायोजित करने के बाद उसके ऊपर बकाया 46 हजार करोड़ रुपये है.

मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष न्यायालय से अपील की है कि कंपनी को बकाया चुकाने के लिए 15 वर्ष का समय दिया जाए.

इससे पहले दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के सांविधिक बकाये को लेकर सरकार को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस तरह कंपनी का अब तक का कुल भुगतान 7,854 करोड़ रुपये हो गया है.

यह भी पढ़ें- अयोध्या : अवशेषों के संरक्षण वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज

वोडाफोन आइडिया ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने पहली तीन किश्तों में 6,854 करोड़ रुपये जमा किये थे. इसके बाद कंपनी ने 17 जुलाई 2020 को एजीआर बकाया राशि को लेकर दूरसंचार विभाग को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया.

इसके साथ, कंपनी ने एजीआर बकाये को लेकर अब तक 7,854 करोड़ रुपये की कुल राशि का भुगतान किया है.

एजीआर मामले पर उच्चतम न्यायालय ने पिछली सुनवाई में कहा था कि वोडाफोन आइडिया सहित निजी दूरसंचार कंपनियों को उचित भुगतान योजना के साथ आना चाहिये. शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा था कि कंपनियों को अभी कुछ बकाये का भुगतान भी करना चाहिये, ताकि पता चले कि वह पूरा भुगतान करने की नीयत रखते हैं.

उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, विधायी बकाये को लेकर प्रावधान करने से मार्च तिमाही में वोडाफोन आइडिया को 73,878 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ था. कंपनी ने तब कहा था कि देनदारियां उसके परिचालन में बने रहने को मुश्किल बना रही हैं.

दूरसंचार कंपनियों के ऊपर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. इसमें वोडाफोन आइडिया के ऊपर कुल 58 हजार करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है.

Last Updated : Jul 20, 2020, 8:04 PM IST
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