नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर सुनवाई की सहमति दे दी है और कहा कि इस मामले पर पांच मार्च को सुनवाई की जाएगी. सारा अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व अपने भाई उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की सहमति देते हुए कहा कि 'स्वतंत्रता से जुड़े मामले पर विचार' किया जा सकता है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का प्रतिनिधित्व करते हुए अटॉर्नी जनरल (एजी) के.के. वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि याचिकाकर्ता द्वारा मामले में हाईकोर्ट नहीं जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है.
एजी ने इसी प्रकृति की याचिकाओं के हाईकोर्ट के समक्ष दायर होने के आंकड़ों व उनके प्रगति का हवाला देते हुए कहा, यहां तक कि हिरासत के मामलों में माना जाता है कि कोई भी हाईकोर्ट से संपर्क करेगा.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अब्दुल्ला पांच अगस्त से पहले भी अनुच्छेद 370 को रद करने को लेकर मुखर आलोचक रहे हैं.
शीर्ष कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया, इसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की बहुत ही खास भू-राजनीतिक स्थिति और इसकी इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान के साथ भौगोलिक निकटता को देखते हुए प्रस्तुत किया गया है. सार्वजनिक आदेश की अवधारणा को प्रासंगिक रूप से देखने की जरूरत है.
प्रशासन ने अब्दुल्ला की हिरासत को जारी रखने के पर्याप्त आधार होने का भी हवाला दिया.
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न्यायमूर्ति मिश्र ने मामले पर गुरुवार को सुनवाई किए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से जुड़े मामले पर विचार किया जा सकता है.
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की प्रतिक्रिया को भी रिकॉर्ड पर लिया.