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उन्नाव रेप मामला- पीड़िता को 25 लाख की मदद, CRPF की मिली सुरक्षा - security to victim

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार को उन्नाव रेप पीड़िता को ₹25 लाख का मुआवजा और सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश दिया है.

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Published : Aug 1, 2019, 6:09 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह शुक्रवार तक उन्नाव रेप पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा दे.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता, उसकी मां, चाचा, नजदीकी रिश्तेदार और वकील को सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.

इससे पहले कोर्ट ने उन्नाव रेप केस से जुड़े सभी पांच मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उन्नाव रेप केस पर अब रोजाना सुनवाई होगी और इसे 45 दिनों में पूरा करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए.

इस केस में अगर किसी को और कोई शिकायत हो तो उसकी सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट खुद करेगा.

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ की टीम करेगी. साथ ही पीड़िता के वकील को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट में सीआरपीएफ रिपोर्ट सौंपेगी.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सवाल पूछा कि क्या पीड़िता के चाचा जेल में हैं? चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यूपी सरकार से पीड़िता के चाचा के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
साथ ही यह भी कहा है कि अगर वे रायबरेली जेल से दूसरी जगह अपना ट्रांसफर कराना चाहते हैं या नहीं. अगर चाहते हैं, तो उनका ट्रांसफर किया जाए.

आज क्या हुआ कोर्ट में
1. आज सुबह जब मामले की सुनवाई हुई तो उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को कोर्ट में 12 बजे तक मौजूद रहने का आदेश दिया.दिल्ली भेजे जाने पर सीजीआई ने कहा कि डॉक्टर सबसे अच्छे न्यायाधीश हैं, वे फैसला कर सकते हैं कि क्या पीड़िता और उसके वकील को दिल्ली भेजा जा सकता है.
2. सीजेआई ने पीड़िता की हालत के विषय में सॉलिसिटर जनरल जानकारी ली.
3. सॉलिसिटर ने कहा कि पीड़िता वेंटिलेटर पर है. सीजीआई ने पूछा क्या वह लाए जाने की स्थिति में है? पीड़िता को एयरलिफ्ट कर सकते हैं. हम एम्स अस्पताल से पूछेंगे.
4. हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता दिखाई है.

उन्नाव पीड़िता की मां ने CJI को लिखी थी चिट्ठी

सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से जवाब मांगा. कोर्ट ने पूछा उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की ओर से 12 जुलाई को लिखे गए खत को उनके सामने लाने में देरी क्यों हुई
इस पर रजिस्ट्री ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें लगभग 6 हजार आवेदन प्राप्त हुआ था. हमें पीड़िता के बारे में पता नहीं था. प्रत्येक आवेदन की स्क्रीनिंग होती है, और हमारे पास 6 हजार पत्र थे. हमें जैसे ही इस पत्र के विषय में जानकारी हुई हमने कोर्ट के समक्ष पेश किया.

शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं.

उन्नाव मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को बृहस्पतिवार को इससे अवगत करा सकते हैं.
पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए.न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं.

पीठ ने कहा, 'हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं. हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे.'शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा.

गौरतलब है कि न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता द्वारा सीजेआई को लिखे पत्र पर बुधवार को संज्ञान लिया था और अपने सेक्रेटरी जनरल से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी कि इस पत्र को 17 जुलाई से अब तक उनके संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तलब किया है. कोर्ट ने सीबीआई के अधिकारी को पेश होने के लिए कहा है. कोर्ट ने सीबीआई से 12 बजे तक स्टेटस रिपोर्ट की मांग की है.

बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई उन्नाव रेप मामले से जुड़ी स्थिति के बारे में जांच का पूरा विवरण चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर किया जा सकता है.खबर है कि सॉलिसिटर जनरल टी मेहता ने सीजेआई को सूचित किया है कि उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों के साथ बातचीत की, जो इस मामले की जांच कर रहे हैं.

सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि वे इस समय लखनऊ में हैं और 12 बजे तक दिल्ली पहुंचना संभव नहीं होगा.जानकारी के अनुसार सीजेआई ने कल के लिए मामले को स्थगित करने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को इस बात की नारजगी जाहिर की कि आखिर पीड़ित परिवार की ओर से लिखा गया पत्र कोर्ट के सामने क्यों पेश नहीं किया गया.

सीबीआई की थ्योरी
घटना को लेकर अपनी थ्योरी बताते हुए सीबीआई ने कहा कि ट्रक गलत साइड से लहराता हुआ आ रहा था.

ट्रक देखकर कार के ड्राइवर ने बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन कार ओवरस्पीड होने के चलते ट्रक के पिछले हिस्से में जा टकराई.

टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रक की कमानी टूट गई और पहिया पीछे की ओर घुस गया.

घटनास्थल पर मौजूद दो दुकानदारों से भी बातचीत की है.सीबीआई पहले ही ट्रक ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.ट्रक के मालिक को सीबीआई ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया था.

अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर ट्रक के मालिक को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

सीबीआई जहां रायबरेली पुलिस की एसआईटी जांच से इनपुट ले रही है. वहीं फॉरेंसिक लैब एक्सपर्ट से भी पूछताछ की गई है. सीबीआई ने एक्सपर्ट से दुर्घटना की जानबूझकर होने को लेकर सवाल जवाब किए हैं.

कुछ दिनों पहले जब उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिवार के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए घर से निकली तो रायबरेली के पास उसकी गाड़ी को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई थी.

पीड़िता और उसका परिवार इसे जेल में बंद आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की और से रची गई साजिश बता रहा है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह शुक्रवार तक उन्नाव रेप पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा दे.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता, उसकी मां, चाचा, नजदीकी रिश्तेदार और वकील को सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.

इससे पहले कोर्ट ने उन्नाव रेप केस से जुड़े सभी पांच मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उन्नाव रेप केस पर अब रोजाना सुनवाई होगी और इसे 45 दिनों में पूरा करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए.

इस केस में अगर किसी को और कोई शिकायत हो तो उसकी सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट खुद करेगा.

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ की टीम करेगी. साथ ही पीड़िता के वकील को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट में सीआरपीएफ रिपोर्ट सौंपेगी.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सवाल पूछा कि क्या पीड़िता के चाचा जेल में हैं? चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यूपी सरकार से पीड़िता के चाचा के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
साथ ही यह भी कहा है कि अगर वे रायबरेली जेल से दूसरी जगह अपना ट्रांसफर कराना चाहते हैं या नहीं. अगर चाहते हैं, तो उनका ट्रांसफर किया जाए.

आज क्या हुआ कोर्ट में
1. आज सुबह जब मामले की सुनवाई हुई तो उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को कोर्ट में 12 बजे तक मौजूद रहने का आदेश दिया.दिल्ली भेजे जाने पर सीजीआई ने कहा कि डॉक्टर सबसे अच्छे न्यायाधीश हैं, वे फैसला कर सकते हैं कि क्या पीड़िता और उसके वकील को दिल्ली भेजा जा सकता है.
2. सीजेआई ने पीड़िता की हालत के विषय में सॉलिसिटर जनरल जानकारी ली.
3. सॉलिसिटर ने कहा कि पीड़िता वेंटिलेटर पर है. सीजीआई ने पूछा क्या वह लाए जाने की स्थिति में है? पीड़िता को एयरलिफ्ट कर सकते हैं. हम एम्स अस्पताल से पूछेंगे.
4. हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता दिखाई है.

उन्नाव पीड़िता की मां ने CJI को लिखी थी चिट्ठी

सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से जवाब मांगा. कोर्ट ने पूछा उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की ओर से 12 जुलाई को लिखे गए खत को उनके सामने लाने में देरी क्यों हुई
इस पर रजिस्ट्री ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें लगभग 6 हजार आवेदन प्राप्त हुआ था. हमें पीड़िता के बारे में पता नहीं था. प्रत्येक आवेदन की स्क्रीनिंग होती है, और हमारे पास 6 हजार पत्र थे. हमें जैसे ही इस पत्र के विषय में जानकारी हुई हमने कोर्ट के समक्ष पेश किया.

शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं.

उन्नाव मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को बृहस्पतिवार को इससे अवगत करा सकते हैं.
पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए.न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं.

पीठ ने कहा, 'हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं. हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे.'शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा.

गौरतलब है कि न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता द्वारा सीजेआई को लिखे पत्र पर बुधवार को संज्ञान लिया था और अपने सेक्रेटरी जनरल से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी कि इस पत्र को 17 जुलाई से अब तक उनके संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तलब किया है. कोर्ट ने सीबीआई के अधिकारी को पेश होने के लिए कहा है. कोर्ट ने सीबीआई से 12 बजे तक स्टेटस रिपोर्ट की मांग की है.

बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई उन्नाव रेप मामले से जुड़ी स्थिति के बारे में जांच का पूरा विवरण चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर किया जा सकता है.खबर है कि सॉलिसिटर जनरल टी मेहता ने सीजेआई को सूचित किया है कि उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों के साथ बातचीत की, जो इस मामले की जांच कर रहे हैं.

सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि वे इस समय लखनऊ में हैं और 12 बजे तक दिल्ली पहुंचना संभव नहीं होगा.जानकारी के अनुसार सीजेआई ने कल के लिए मामले को स्थगित करने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को इस बात की नारजगी जाहिर की कि आखिर पीड़ित परिवार की ओर से लिखा गया पत्र कोर्ट के सामने क्यों पेश नहीं किया गया.

सीबीआई की थ्योरी
घटना को लेकर अपनी थ्योरी बताते हुए सीबीआई ने कहा कि ट्रक गलत साइड से लहराता हुआ आ रहा था.

ट्रक देखकर कार के ड्राइवर ने बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन कार ओवरस्पीड होने के चलते ट्रक के पिछले हिस्से में जा टकराई.

टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रक की कमानी टूट गई और पहिया पीछे की ओर घुस गया.

घटनास्थल पर मौजूद दो दुकानदारों से भी बातचीत की है.सीबीआई पहले ही ट्रक ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.ट्रक के मालिक को सीबीआई ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया था.

अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर ट्रक के मालिक को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

सीबीआई जहां रायबरेली पुलिस की एसआईटी जांच से इनपुट ले रही है. वहीं फॉरेंसिक लैब एक्सपर्ट से भी पूछताछ की गई है. सीबीआई ने एक्सपर्ट से दुर्घटना की जानबूझकर होने को लेकर सवाल जवाब किए हैं.

कुछ दिनों पहले जब उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिवार के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए घर से निकली तो रायबरेली के पास उसकी गाड़ी को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई थी.

पीड़िता और उसका परिवार इसे जेल में बंद आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की और से रची गई साजिश बता रहा है.

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PRI GEN LGL NAT
.NEWDELHI LGD39
SC-4TH LD UNNAO
Unnao rape: SC directs transfer of cases to Delhi; orders Rs 25L compensation to survivor
(Eds: Updating with details)
         New Delhi, Aug 1 (PTI) The Supreme Court Thursday directed the transfer of all five cases registered in connection with the Unnao rape incident from a court in Uttar Pradesh to a court in the national capital.
         The apex court also directed the Uttar Pradesh government to provide Rs 25 lakh to the rape survivor as an interim compensation.
         Besides, it directed the CBI to complete within seven days the investigation of the fifth case relating to the last Sunday's accident in which the woman and her lawyer were critically injured and two of her aunts killed.
         A bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi made it clear that the agency can only seek extension of additional seven days time for probe in the accident case and that too in exceptional circumstances.
         The bench, also comprising Justices Deepak Gupta and Aniruddha Bose, directed that the trial in the main case relating to the rape of the survivor will have to be completed within 45 days from its commencement.
         The top court said that the name of the presiding judge for the trial of the cases will be decided after an in-chamber consultation.
         The apex court said it was passing an exparte order without the representation of the accused persons to ensure expeditious investigation and trial in the cases keeping in view the peculiar facts and circumstances of the case.
         The bench said it will not entertain any plea seeking to vacate or alter the order passed today.
         The apex court directed that the survivor, her mother and other members of the family will be provided security by the CRPF and an officer of the level of commandant will file a compliance report forthwith.
         The court also took note of the oral instructions received by the CBI from the doctors of the King George Medical College Hospital that both the survivor and her lawyer are in a condition to be airlifted to AIIMS, New Delhi.
         It will however pass the order in this regard after receiving instruction from their family members.
         The court will hear the case again on Friday during which it will also hear a plea moved on behalf of Mahesh Singh, the survivor's uncle who has been lodged in a jail in Rae Bareilly, to be shifted to a jail in the capital.
         Singh's wife was also in the ill fated car and had died in the accident.
         He participated in her cremation on Wednesday after the Allahabad High Court granted him parole for a day.
         CBI, which has taken over the investigation into Sunday's road accident, booked 10 people for murder, including BJP legislator Kuldeep Singh Sengar, who is already in jail, charged with the rape of the Unnao woman when she was a minor in 2017. PTI RKS SJK ABA MNL LLP
SA
08011526
NNNN
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