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डॉक्टरों की सुरक्षा : SC में याचिका दायर, जुलाई में होगी सुनवाई - पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल

डॉक्टरों की हड़ताल के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई भी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. अदालत ने इसके लिए जुलाई का समय तय किया है. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jun 18, 2019, 6:38 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में देशभर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई. इस याचिका को वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर किया था. अलख की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. साथ ही पीठ ने इसकी सुनवाई जुलाई माह में करने की बात कही है.

इस संबंध में पीठ का कहना है क्योंकि डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है इसलिए इस मामले पर अवकाश पीठ के समक्ष सुनवाई की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित पीठ के समक्ष सुनवाई जुलाई में सूचीबद्ध तरीके से की जाएगी.

इसके साथ ही पीठ ने कहा कि डॉक्टरों पर हमला एक गंभीर मुद्दा है और उनकी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.

मीडिया से बातचीत करते हुए वकील अलख आलोक श्रीवास्तव
इस मुद्दे पर अपना तर्क रखते हुए अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ डॉक्टरों का नहीं, बल्कि उन गरीब मरीजों का भी है जो ऐसे मामलों में पीड़ित बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि गरीब मरीजों के पास सरकारी अस्पताल में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.

पढ़ें: WB के चिकित्सकों की हड़ताल खत्म, देश के अन्य हिस्सों में भी काम पर लौट रहे डॉक्टर

गौरतलब है, अलख आलोक ने सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार से कहा गया कि वह राज्य के सभी अस्पतालों में सभी डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करें.

बता दें, पश्चिम बंगाल के एनआरसी अस्पताल में एक 85 वर्षीय मरीज की मौत के बाद वहां एक डॉक्टर पर हमला किया गया. इसके अलावा उन्हें बलात्कार और एसिड से हमले की भी धमकी दी गई.

इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की और आवश्यक सेवाओं को भी वापस ले लिया. जिसके बाद बीते रोज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के साथ एक बैठक की. इस दौरान ममता ने डॉक्टरों की सभी मांगें मानी और डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म की.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में देशभर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई. इस याचिका को वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर किया था. अलख की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. साथ ही पीठ ने इसकी सुनवाई जुलाई माह में करने की बात कही है.

इस संबंध में पीठ का कहना है क्योंकि डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है इसलिए इस मामले पर अवकाश पीठ के समक्ष सुनवाई की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित पीठ के समक्ष सुनवाई जुलाई में सूचीबद्ध तरीके से की जाएगी.

इसके साथ ही पीठ ने कहा कि डॉक्टरों पर हमला एक गंभीर मुद्दा है और उनकी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.

मीडिया से बातचीत करते हुए वकील अलख आलोक श्रीवास्तव
इस मुद्दे पर अपना तर्क रखते हुए अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ डॉक्टरों का नहीं, बल्कि उन गरीब मरीजों का भी है जो ऐसे मामलों में पीड़ित बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि गरीब मरीजों के पास सरकारी अस्पताल में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.

पढ़ें: WB के चिकित्सकों की हड़ताल खत्म, देश के अन्य हिस्सों में भी काम पर लौट रहे डॉक्टर

गौरतलब है, अलख आलोक ने सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार से कहा गया कि वह राज्य के सभी अस्पतालों में सभी डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करें.

बता दें, पश्चिम बंगाल के एनआरसी अस्पताल में एक 85 वर्षीय मरीज की मौत के बाद वहां एक डॉक्टर पर हमला किया गया. इसके अलावा उन्हें बलात्कार और एसिड से हमले की भी धमकी दी गई.

इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की और आवश्यक सेवाओं को भी वापस ले लिया. जिसके बाद बीते रोज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के साथ एक बैठक की. इस दौरान ममता ने डॉक्टरों की सभी मांगें मानी और डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म की.

Intro:The Supreme Court refused to pass any order today on the petition filed by advocate, Alakh Alok Srivastava, seeking to provide security and safety to the doctors of government run hospitals across the country.


Body:The bench observed that as the strike has been called off, there is no urgency of matter to be heard before the vacation bench and will be listed in July for hearing before a regular bench.It also observed that attack on the doctors is a serious issue, their safety is very important.

Alakh Alok Srivastav, also argued saying that the matter was not just about doctors but also the poor patients who suffer in such cases as they have no option other than going to the government hospital.

Yesterday, Alakh Alok Srivastava, filed a petition seeking safety and security to doctors in all the government run hospitals. The petition seeked Union Home ministry, Health ministry and West Bengal government to depute government appointed security personells to all the doctors in state run hospitals.




Conclusion:After an 85 year old patient died in West Bengal's NRC hospital, the doctors were attacked there and were threatened of rape and acid attack. The doctors all across the country went on strike and had also withdrawn essential services. Yesterday Chief Minister of West Bengal, Mamta Bannerjee accepted all the demands of the doctors and the strike was called off across the country.
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