नई दिल्लीः उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके वकील एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले की जांच पूरी करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई को दो सप्ताह का समय और दिया है.
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की एक पीठ ने सीबीआई की चार सप्ताह का समय और देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अनुमति दी है.
सीबीआई ने बलात्कार पीड़िता और उसके वकील के बयान अब तक दर्ज ना हो पाने का हवाला देते हुए अदालत से चार सप्ताह का समय और मांगा था.
वकील को पांच लाख देने का आदेश
आपको बता दें कि पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को घायल वकील को पांच लाख रुपए देने का आदेश भी दिया है. बीते जुलाई में हुए सड़क हादसे में बलात्कार पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायल वकील की हालत गंभीर बताई जा रही है.
इससे पहले न्यायालय ने बीते दो अगस्त को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को घटना की जांच सात दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था. साथ ही स्पष्ट किया था कि असाधारण परिस्थितियों में ही वह इस मामले की जांच की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है. लेकिन किसी भी स्थिति में एक पखवाड़े से ज्यादा यह समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी.
नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप
इससे पहले शीर्ष अदालत ने बलात्कार और दुर्घटना के मुख्य मामलों के अलावा तीन अन्य मामलों को स्थानांतरित कर दिया था. लेकिन बाद में हादसे संबंधी मामले में अपने आदेश को संशोधित किया था. इस मामले के स्थानांतरण पर जांच पूरी होने तक रोक लगा दी गई थी. भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर पर 2017 में नाबालिग से अपने घर पर बलात्कार करने का आरोप है.
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उत्तरप्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई, 2019 को एक ट्रक ने पीड़िता की कार को टक्कर मार दी थी जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. हादसे में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पीड़िता का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.