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भीमा-कोरेगांव : सुप्रीम कोर्ट से गौतम नवलखा और तेलतुंबडे को गिरफ्तारी से राहत - accused of bhima koregaon case

सर्वोच्च न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामला में आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को 16 मार्च तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया है. आदेश के तहत पुलिस सुनवाई तक नवलखा और तेलतुंबडे को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी. जानें विस्तार से...

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गौतम नवलखा (फाइल फोटो)
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Published : Mar 6, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 2:30 PM IST

नई दिल्ली : भीमा कोरेगांव मामला में सर्वोच्च न्यायालय ने 16 मार्च तक आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया है. 16 मार्च को न्यायालय इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत पुलिस सुनवाई तक नवलखा और तेलतुंबडे को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और उसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी. पुणे पुलिस ने नवलखा और अन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

भीमा कोरेगांव से संबंधित 348 मामले अब तक वापस लिये गये : देशमुख

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में गौतम नवलखा और अन्य आरोपियों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा वारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज के अलावा चार अन्य आरोपी हैं.

नई दिल्ली : भीमा कोरेगांव मामला में सर्वोच्च न्यायालय ने 16 मार्च तक आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया है. 16 मार्च को न्यायालय इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत पुलिस सुनवाई तक नवलखा और तेलतुंबडे को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और उसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी. पुणे पुलिस ने नवलखा और अन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

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पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में गौतम नवलखा और अन्य आरोपियों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा वारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज के अलावा चार अन्य आरोपी हैं.

Last Updated : Mar 6, 2020, 2:30 PM IST
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