नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारीवलन की पैरोल अवधि एक हफ्ते और बढ़ा दी है. शीर्ष अदालत ने सोमवार को पेरारीवलन की रिहाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए पैरोल की अवधि बढ़ाने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि जब वह मेडिकल जांच के लिए जाए तो पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई, 1991 को एक महिला आत्मघाती हमलावर ने एक चुनाव रैली के दौरान विस्फोट किया था, जिसमें राजीव गांधी मारे गये थे.
इससे पूर्व केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए जी पेरारीवलन की सजा माफी के संबंध में तमिलनाडु के राज्यपाल को फैसला करना है।
सीबीआई ने 20 नवम्बर को दाखिल किये गये अपने हलफनामे में कहा कि मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पेरारीवलन सीबीआई के नेतृत्व वाली ‘मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी’ (एमडीएमए) द्वारा की जा रही और जांच का विषय नहीं है। एमडीएमए जैन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ‘बड़ी साजिश’ के पहलू की जांच कर रही है.
उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी की सजा माफी की याचिका तमिलनाडु के राज्यपाल के पास दो साल से अधिक समय से लंबित रहने पर तीन नवम्बर को नाराजगी जाहिर की थी.
सीबीआई ने अपने 24 पृष्ठ के हलफनामे में कहा, ‘‘यह तमिलनाडु के महामहिम राज्यपाल को फैसला करना है कि माफी दी जानी है या नहीं और जहां तक राहत की बात है कि वर्तमान मामले में सीबीआई की कोई भूमिका नहीं है.
जांच एजेंसी ने कहा कि शीर्ष अदालत 14 मार्च, 2018 को पेरारीवलन के उस आवेदन को खारिज कर चुकी है, जिसमें उसने मामले में दोषी ठहराये जाने के शीर्ष अदालत के 11 मई, 1999 के फैसले को वापस लिये जाने का अनुरोध किया था.