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मस्जिद में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति के लिए SC पहुंची हिंदू महासभा, याचिका खारिज

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश की मांग की गई थी. याचिका अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने दायर की थी. जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट.
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Published : Jul 8, 2019, 3:48 PM IST

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा की याचिका को खारिज कर दिया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की मांग है कि महिलाओं को भी मस्जिद में जाने की इजाजत मिले.

सीजेआई रंजन गोगोई का कहना है कि किसी मुस्लिम महिला को आगे आकर इस मांग को उठाना चाहिए. ये याचिका केरल हाई कोर्ट के फैसले के बाद दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के खारिज करने से पहले केरल हाई कोर्ट ने इस मामले को पहले ही खारिज कर दिया था.

केरल हाई कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता (स्वामी दीथात्रेया साई स्वारूप नाथ, केरल एबीएचएमए के अध्यक्ष) का इस मामले से कोई वास्ता नहीं. याचिकाकर्ता का इस्लाम के अनुष्ठानों और प्रथाओं से कोई वास्ता नहीं और न ही अतीत में घटी कोई ऐसी घटना कोर्ट के संज्ञान में है, जिसके चलते कोर्ट इस याचिका का समर्थन करे. साथ ही कोर्ट का कहना है कि ये एक पब्लिसिटी स्टंट है.

याचिका दायर करते हुए याचिकाकर्ता ने 28 सितंबर 2018 में सबरीमला पर आए फैसले का हवाला दिया है.

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा की याचिका को खारिज कर दिया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की मांग है कि महिलाओं को भी मस्जिद में जाने की इजाजत मिले.

सीजेआई रंजन गोगोई का कहना है कि किसी मुस्लिम महिला को आगे आकर इस मांग को उठाना चाहिए. ये याचिका केरल हाई कोर्ट के फैसले के बाद दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के खारिज करने से पहले केरल हाई कोर्ट ने इस मामले को पहले ही खारिज कर दिया था.

केरल हाई कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता (स्वामी दीथात्रेया साई स्वारूप नाथ, केरल एबीएचएमए के अध्यक्ष) का इस मामले से कोई वास्ता नहीं. याचिकाकर्ता का इस्लाम के अनुष्ठानों और प्रथाओं से कोई वास्ता नहीं और न ही अतीत में घटी कोई ऐसी घटना कोर्ट के संज्ञान में है, जिसके चलते कोर्ट इस याचिका का समर्थन करे. साथ ही कोर्ट का कहना है कि ये एक पब्लिसिटी स्टंट है.

याचिका दायर करते हुए याचिकाकर्ता ने 28 सितंबर 2018 में सबरीमला पर आए फैसले का हवाला दिया है.

Intro:The Supreme court bench headed by the Chief Justice of India, Ranjan Gogoi, dismissed a petition filed by Akhila Bharat Hindu Mahasabha seeking permission for women to enter mosques.


Body:CJI Ranjan Gogoi saod that let a muslim woman challenge this. The petituon was moved against the Kerela High Court's dismissal of the plea.

The petition was previously moved to the Kerela High court which had dismissed it saying that the petitioner(Swamy Dethatreya Sai Swaroop Nath, President ,ABHMS,of kerela unit) didn't seem to be a person who should be concerned by rituals and practices of Islam and also doesn't have history of supporting such causes in the past before the courts. It also said that it was an act of a cheap publicity.

The petition was submitted in light of September 28 judgement of the apex court which had allowed women's entry in the Sabrimala Temple.


Conclusion:

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