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मरदु फ्लैट मामला : SC ने राज्य को मलबा हटाने के दिए निर्देश

केरल के कोच्चि में मरदु की बची हुईं दोनों इमारतों को रविवार को ढहा दिया गया. जैन कोरल कोव के अलावा इसमें दो लक्जरी अपार्टमेंट परिसर और गोल्डन कायालोरम बने हुए थे. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह मलबा हटाने के साथ ही उस जगह को सामान्य करे. जानें कोर्ट ने और क्या कुछ कहा...

sc on maradu flats case
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jan 13, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 5:26 PM IST

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को शीर्ष अदालत के पहले आदेश के अनुसार मरदु फ्लैट के विध्वंस पर केरल राज्य द्वारा दायर अनुपालन रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया.

हालांकि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने इस मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया और राज्य को मलबा हटाने और उस जगह को सामान्य करने के लिए कहा है. इसके साथ ही राज्य को रिपोर्ट पेश करने के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया है, जब अगली सुनवाई होनी है.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खंडपीठ ने मामले में पक्षकारों से अनुरोधों का आवेदन करने के लिए कहा है.

कुछ फ्लैट मालिकों ने सोमवार को बेंच को बताया कि वे SC से रकम के लिए संपर्क करना चाहते थे. इसके साथ ही चाहते थे कि राज्य कोर्ट की फीस का ध्यान रखे.

पढ़ें : केरल में ढहाए गए अवैध अपार्टमेंट, देखें कैसे पलभर में जमींदोज हुईं इमारतें

आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने मरदु फ्लैट को ध्वस्त रखने का आदेश दिया था क्योंकि उन्होंने तटीय विनियमन क्षेत्र नियम का उल्लंघन किया था. इसके साथ ही उन्हें 25 लाख का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था.

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को शीर्ष अदालत के पहले आदेश के अनुसार मरदु फ्लैट के विध्वंस पर केरल राज्य द्वारा दायर अनुपालन रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया.

हालांकि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने इस मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया और राज्य को मलबा हटाने और उस जगह को सामान्य करने के लिए कहा है. इसके साथ ही राज्य को रिपोर्ट पेश करने के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया है, जब अगली सुनवाई होनी है.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खंडपीठ ने मामले में पक्षकारों से अनुरोधों का आवेदन करने के लिए कहा है.

कुछ फ्लैट मालिकों ने सोमवार को बेंच को बताया कि वे SC से रकम के लिए संपर्क करना चाहते थे. इसके साथ ही चाहते थे कि राज्य कोर्ट की फीस का ध्यान रखे.

पढ़ें : केरल में ढहाए गए अवैध अपार्टमेंट, देखें कैसे पलभर में जमींदोज हुईं इमारतें

आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने मरदु फ्लैट को ध्वस्त रखने का आदेश दिया था क्योंकि उन्होंने तटीय विनियमन क्षेत्र नियम का उल्लंघन किया था. इसके साथ ही उन्हें 25 लाख का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था.

Intro:The Supreme Court today took on record the compliance report filed by the state of Kerela on demolition of Maradu flats as per the apex court's earlier order. Though Justice Arun Mishra refused to dispose off the case now and has asked the state to remove the debris and restore the place and submit the report on it by 10th February when the next hearing will take place.


Body:The bench comprising of Justice Arun Mishra and Justice MR Shah have also asked the parties to the case to make an application of their requests and then argue the case. Today some flat owners told the bench that they wanted to approach the HC for the sum of money and wanted the state to take care of the court fees.

Last year the apex court had ordered the demolition of the Maradu flats as they violated the Coastal Regulation Zone rule. They were also asked by the court to pay a compensation of 25 lakhs to the flat owners.


Conclusion:Yesterday the last illegal settlement was also demolished.
Last Updated : Jan 13, 2020, 5:26 PM IST
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