नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बिहार में विधानसभा चुनाव टालने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार करते हुए कहा कि चुनाव टालने के लिए कोविड-19 आधार नहीं हो सकता है. याचिका में राज्य के कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होने तक चुनाव स्थगित किए जाने का अनुरोध किया गया था.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग प्रत्येक चीज पर विचार करेगा.
पीठ ने कहा कि यह समय से पूर्व दायर की गई याचिका है क्योंकि विधानसभा चुनावों के लिए अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.
याचिकाकर्ता, अविनाश ठाकुर ने शीर्ष अदालत से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते चुनाव टालने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. इसमें कहा गया था कि लोक प्रतिनिधित्व कानून में असाधारण स्थितियों में चुनाव टाले जाने का प्रावधान है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि राज्य बाढ़ से भी काफी प्रभावित हुआ है और ऐसे में लोगों का एक जगह इकट्ठा होना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है.
अदालत ने कहा कोविड-19 चुनाव स्थगित करने का वैध कारण नहीं है. अधिवक्ता ने तर्क दिया कि रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट विषम परिस्थितियों में चुनाव को टालने की अनुमति देता है, लेकिन अदालत ने इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया.
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याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि मानव का जीवन सर्वोपरि है न कि चुनाव, यहां तक कि विधायक भी इसके कहर से नहीं बचे हैं. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग हर पहलू पर विचार करेगा.