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SC ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उप्र में पराली जलाने पर पर्यावरण मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट

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Published : Oct 14, 2019, 11:48 PM IST

दिल्ली में 13 अक्टूबर की रात दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 301अंक पर पहुंच गया था और राष्ट्रीय राजधानी के सभी हिस्सों में रात के समय वायु गुणवत्ता 'बहुत ही खराब' की श्रेणी में पहुंच गयी थी. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने वाली रिपोर्ट मांगी है.

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता 'बहुत खराब' की श्रेणी में आ चुकी है. इससे चिंतित उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए, उच्च कार्यबल की सिफारिशों के बारे में पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति दीपक गुप्त की पीठ के समक्ष राजधानी में वायु गुणवत्ता का मुद्दा उस समय उठा, जब प्रदूषण के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहीं अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इस बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए.

अपराजिता ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर रोकथाम के लिए उच्चस्तरीय कार्य बल की उप समिति की रिपोर्ट स्वीकार किये जाने संबंधी केन्द्र के कथन के बाद शीर्ष अदालत ने पिछले साल 29 जनवरी को इस मामले में आदेश पारित किया था.

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के पिछले साल के आदेश के बाद काफी समय बीत चुका है और अब पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को इन निर्देशों पर अमल के बारे में स्थिति रिपोर्ट पेश करनी चाहिए.

पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. पराली जलाने के मामले में उप समिति की रिपोर्ट पर अमल के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ही नोडल मंत्रालय है.

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति के प्रबंधन के लिए केन्द्रीय सचिवालय ने 23 नवम्बर, 2017 को विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी.

इस समिति ने पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या पर काबू पाने के लिए खेतों से पराली निकालने के काम में मशीनों के इस्तेमाल सहित अनेक उपाय सुझाये थे.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता 'बहुत खराब' की श्रेणी में आ चुकी है. इससे चिंतित उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए, उच्च कार्यबल की सिफारिशों के बारे में पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति दीपक गुप्त की पीठ के समक्ष राजधानी में वायु गुणवत्ता का मुद्दा उस समय उठा, जब प्रदूषण के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहीं अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इस बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए.

अपराजिता ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर रोकथाम के लिए उच्चस्तरीय कार्य बल की उप समिति की रिपोर्ट स्वीकार किये जाने संबंधी केन्द्र के कथन के बाद शीर्ष अदालत ने पिछले साल 29 जनवरी को इस मामले में आदेश पारित किया था.

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के पिछले साल के आदेश के बाद काफी समय बीत चुका है और अब पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को इन निर्देशों पर अमल के बारे में स्थिति रिपोर्ट पेश करनी चाहिए.

पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. पराली जलाने के मामले में उप समिति की रिपोर्ट पर अमल के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ही नोडल मंत्रालय है.

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति के प्रबंधन के लिए केन्द्रीय सचिवालय ने 23 नवम्बर, 2017 को विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी.

इस समिति ने पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या पर काबू पाने के लिए खेतों से पराली निकालने के काम में मशीनों के इस्तेमाल सहित अनेक उपाय सुझाये थे.

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SC-POLLUTION
Stubble burning in Punjab, Haryana and western UP: SC asks MoEF to file status report
         New Delhi, Oct 14 (PTI) With the air quality plunging to "very poor" category in Delhi, the Supreme Court on Monday asked the Ministry of Environment, Forests and Climate Change to file a status report on the recommendations of a high level task force on prevention of stubble burning in Punjab, Haryana and western Uttar Pradesh.
         The overall Air Quality Index (AQI) in Delhi touched the 301 mark by 10 pm on Sunday and during night, the air quality had plunged to the "very poor" category in all the parts of the national capital.
         The issue cropped up before a bench of justices Arun Mishra and Deepak Gupta when senior advocate Aparajita Singh, assisting the top court as an amicus curiae in the pollution matter, said that MoEF should be asked to file a status report on this.
         Singh told the bench that on January 29 last year, the apex court has passed an order on the issue after the Centre had said that report of a sub-committee of the high level task force on prevention of stubble burning in these three states was accepted.
         She said that as long time has gone by since the top court's last year order, MoEF should be asked to file a status report about the implementation of the directions as well as the report of the committee.
         The bench asked the MoEF, which is the nodal ministry for implementation of the report of the sub-committee on stubble burning, to file a status report within two weeks.
         On November 23, 2017, a high level task force for management of air pollution in Delhi and the national capital region (NCR) comprising experts and senior officials of various departments was constituted by the Cabinet Secretariat.
         The committee, in its report, has suggested a slew of measures including use of machines to combat the menace of pollution due to stubble burning.
         The issue of crop burning had came up before the apex court which is hearing a matter related to pollution in Delhi-NCR. PTI ABA
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