देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम से 4 किलोमीटर ऊपर बनी झील को लेकर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने चिंता जताई है. खतरे को भांपते हुए महाराज ने विभागीय अधिकारियों को झील का निरंतर मॉनिंटरिंग करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही उन्होंने सेटेलाइट के माध्यम से झील पर लगातार नजर बनाए रखने को कहा है.
हालांकि, इससे पहले वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक केदारनाथ धाम पहुंचकर वहां बनी झील का निरीक्षण कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने किसी भी तरह के खतरे की बात से साफ तौर पर इनकार किया था.
बता दें कि डॉक्टरों की टीम ने 16 जून को SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड), पुलिस और जिला प्रशासन की एक टीम के साथ चोराबाड़ी झील का दौरा किया था. जिसके बाद डॉक्टरों ने केदारनाथ धाम से करीब 4 किलोमीटर ऊपर ग्लेशियर में बनी एक झील को चोराबाड़ी झील होने का दावा किया गया था.
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इसके बाद इस झील की जानकारी वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों को दी गयी थी. उस दौरान ये झील लगभग 250 मीटर लंबी और 150 मीटर चौड़ी बताई जा रही थी. जिसके बाद ग्लेशियर के बीच बनी झील का निरीक्षण पर वापस लौटी वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने झील के खतरे की बात पर विराम लगा दिया था.
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के ऊपर बनी झील पर चिंता व्यक्त की है. महाराज ने बताया कि अधिकारियों को निरंतर झील पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सेटेलाइट के माध्यम से वहां बन रहे तालाब का निरीक्षण करने को भी कहा गया है.
वहीं, ग्लोबल वार्मिंग के चलते तेजी से पिघलते ग्लेशियर के कारण झील का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है. इसलिए लगातार झील की मॉनिटरिंग करने को भी कहा गया है.