ETV Bharat / bharat

मैसूर की 'विरासत' में लगेंगे चार चांद, बनेगा चंदन का संग्रहालय

मैसूर शहर चंदन के लिए जाना जाता है. इस विरासत को बचाए रखने के लिए सरकार चंदन का संग्रहालय बनाने पर विचार कर रही है. इसकी मदद से लोगों को चंदन की प्रजातियों के बारे में जागरुक किया जाएगा और उन्हें इसकी खेती करने की तकनीकों से अवगत कराया जाएगा.

sandalwood museum in mysore
sandalwood museum in mysore
author img

By

Published : Nov 12, 2020, 8:27 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक का शहर मैसूर कई कारणों से प्रसिद्ध है. इनमें मैसूर पाक मिठाई, मैसूर जैसमिन, मैसूर दशहरा और चंदन आदि शामिल हैं. इस शहर को यह प्रसिद्धि चंदन की वजह से मिली है. यहां के चंदन से बने उत्पादों को दुनियाभर में बेचा जाता है.

चंदन एक अलग किस्म का पेड़ होता है, जिसकी लकड़ी से खुशबू आती है. मैसूर श्रीगंध नाडू के लिए जाना जाता है, यह चंदन का क्षेत्र है, जिसे 1908 में मैसूर के राजाओं ने स्थापित किया था, वहीं पर सैंडल डीपो भी स्थित है. यह देश का पहला सैंडल डीपो है.

sandalwood museum in mysore
चंदन की लकड़ी

इसी का विस्तार करने के लिए सरकार मैसूर पैलेस के भीतर सैंडल संग्रहालय बनाने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य लोगों को चंदन के बारे में जागरुक करना और उन्हें इसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

रिपोर्टों की मानें तो 25 नवंबर के बाद इस संग्रहालय का उद्घाटन होगा. इसकी मदद से लोगों को चंदन के पौधों के बारे में जानकारी प्रदान की जा सकेगी. लोगों को यह भी बताया जा सकेगा कि इसकी खेती कैसे हो सकती है और उसके लिए क्या-क्या आवश्यक हैं.

पढ़ें-तस्कर के बैग से मिली 30 किलोग्राम चंदन की लकड़ी, सूडान से आया था भारत

बेंगलुरु : कर्नाटक का शहर मैसूर कई कारणों से प्रसिद्ध है. इनमें मैसूर पाक मिठाई, मैसूर जैसमिन, मैसूर दशहरा और चंदन आदि शामिल हैं. इस शहर को यह प्रसिद्धि चंदन की वजह से मिली है. यहां के चंदन से बने उत्पादों को दुनियाभर में बेचा जाता है.

चंदन एक अलग किस्म का पेड़ होता है, जिसकी लकड़ी से खुशबू आती है. मैसूर श्रीगंध नाडू के लिए जाना जाता है, यह चंदन का क्षेत्र है, जिसे 1908 में मैसूर के राजाओं ने स्थापित किया था, वहीं पर सैंडल डीपो भी स्थित है. यह देश का पहला सैंडल डीपो है.

sandalwood museum in mysore
चंदन की लकड़ी

इसी का विस्तार करने के लिए सरकार मैसूर पैलेस के भीतर सैंडल संग्रहालय बनाने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य लोगों को चंदन के बारे में जागरुक करना और उन्हें इसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

रिपोर्टों की मानें तो 25 नवंबर के बाद इस संग्रहालय का उद्घाटन होगा. इसकी मदद से लोगों को चंदन के पौधों के बारे में जानकारी प्रदान की जा सकेगी. लोगों को यह भी बताया जा सकेगा कि इसकी खेती कैसे हो सकती है और उसके लिए क्या-क्या आवश्यक हैं.

पढ़ें-तस्कर के बैग से मिली 30 किलोग्राम चंदन की लकड़ी, सूडान से आया था भारत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.