लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन हो चुका है. ऐसे में देश के कुछ हिस्सों से विरोध की लहरें भी उठती हुई नजर आ रही हैं. इसे लेकर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रसीदी का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि इस्लाम कहता है, एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी. इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है. हम मानते हैं कि यह मस्जिद थी, है, और हमेशा एक मस्जिद होगी. उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि तारीख फिर दोहराई जाएगी, मंदिर तोड़कर फिर मस्जिद बनाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर का शिलान्यास देश और दुनिया के इतिहास में काला दिन था. 1992 को हिंदुस्तान की आन-बान और शान बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. उसके बाद नौ अक्टूबर 2019 को एक ऐसा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया कि मुझे लगता है कि ऐसा फैसला कभी नहीं सुनाया गया होगा.
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर का शिलान्यास देश और दुनिया के इतिहास में काला दिन था. 1992 को हिंदुस्तान की आन-बान और शान बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. उसके बाद नौ अक्टूबर 2019 को एक ऐसा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया कि मुझे लगता है कि ऐसा फैसला कभी नहीं सुनाया गया होगा.
उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई, 1949 तक इसमें नमाज होती रही. कोर्ट ने कहा कि इसमें मूर्तियां रखा जाना गैर संवैधानिक था.
साजिद रसीदी ने कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़ा जाना गैर संवैधानिक था. फिर भी यह जगह राम मंदिर के लिए दे दी गई. मैं समझता हूं कि वह हिंदुस्तान के इतिहास के काले दिन थे.
रसीदी ने आगे कहा कि देश के बहुसंख्यकों ने अल्पसंख्यकों के साथ जो किया है, वह बहुत बुरा है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जो कहा, वह उनका अपना बयान नहीं है, बल्कि ऐसा इस्लाम कहता है.
गौरतलब है कि भूमि पूजन के दिन एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद थी है और रहेगी. इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और वह हमेशा रहेगी, क्योंकि एक बार जब कोई मस्जिद एक जगह पर स्थापित हो जाती है, तो वह अनंत काल तक रहती है.