जयपुर : कोरोना महामारी के कारण पूरा विश्व प्रभावित है. लगातार बढ़ते लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. कुछ यही हाल मनरेगा श्रमिकों का है. कोरोना के डर और लॉकडाउन ने इनकी रोजी-रोटी को छीन लिया है. मनरेगा श्रमिकों की समस्या को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार क्या कदम उठा रही है, सचिन पायलट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह चर्चा की. पायलट ने कहा कि प्रदेश सरकार ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम दे रही है.
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि लॉकडाउन से पहले राजस्थान में 60 हजार श्रमिक मनरेगा के काम में लगे हुए थे. अब इस संख्या को बढ़ाकर 14 लाख तक पहुंचा दिया गया है. खासकर दैनिक मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले लोगों की स्थिति तो काफी खराब है. ऐसे में मनरेगा के जरिए लोगों को संबल दिया जा रहा है.
मनरेगा कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 200 दिन करें केंद्र
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने श्रमिकों की माली हालत को देखते हुए केंद्र सरकार से कुछ मांग की है. पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को मनरेगा के कार्य दिवसों को बढ़ाना चाहिए. वर्तमान में मनरेगा के तहत 100 दिन काम दिया जाता है. अगर इसे बढ़ाकर 200 दिन किया जाए तो बेहतर होगा. पायलट ने कहा कि राजस्थान में लोगों को खुद के घरों के पास काम दिए हैं. जिससे वह सोशल डिस्टेंसिंग मैंटेन कर सके. पायलट ने कहा कि एनडीए ने मनरेगा की आलोचना की थी लेकिन अभी यही योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लाइफ सेविंग बन चुका है.
मनरेगा के तहत फंड केंद्र से जारी करने की मांग
इसके अलावा सचिन पायलट ने केंद्र से मांग की है कि राज्य को जल्द से जल्द का मनरेगा का तहत मिलने वाला फंड जारी किया जाना चाहिए. सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल दौर में राज्यों के पास आमदनी के कोई साधन नहीं बचे हैं. ऐसे में केंद्र को बिना भेदभाव किए कि कौन बीजेपी का है, कौन कांग्रेस का है, केंद्र को राज्य की मदद के लिए आगे आना होगा.
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सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल दौर में राज्यों के पास आमदनी के कोई साधन नहीं बचे हैं. ऐसे में केंद्र को मदद के लिए आगे आना होगा. अभी तक राज्य को जीएसटी का पैसा भी नहीं मिला है, ऐसे में जल्द मदद नहीं मिली तो राज्य ज्यादा दिनों तक खड़े नहीं रह सकेंगे.