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विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सचिन पायलट - अभिषेक मनु सिंधवी

राजस्थान विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट पहुंचे. सचिन पायलट की ओर से दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई सीजे इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता करेंगे.

स्पीकर के नोटिस को पायलट की चुनौती
स्पीकर के नोटिस को पायलट की चुनौती
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Published : Jul 16, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Jul 17, 2020, 7:11 AM IST

जयपुर : राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए गए अयोग्यता के नोटिस को चुनौती देने के मामले में आज हाईकोर्ट की खंडपीठ में दोपहर एक बजे सुनवाई होगी. सचिन पायलट के समर्थक पृथ्वीराज मीणा सहित 19 विधायकों ने याचिका में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिकता को चुनौती दी है.

इससे पहले गुरुवार को सचिन सहित समर्थित विधायकों ने स्पीकर की कार्रवाई को एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान ही पायलट की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वे याचिका में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दायर करना चाहते हैं क्योंकि प्रार्थी एमएलए विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं. ऐसे में मामले की सुनवाई खंडपीठ की ओर से की जानी चाहिए.

सचिन पायलट ने संशोधन के लिए वापस ली याचिका.

वहीं, स्पीकर और विधानसभा सचिव की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व एमएस सिंघवी ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए. जिस पर एकलपीठ ने दोनों पक्षों को सुनकर प्रार्थी एमएलए को याचिका में संशोधन करने की मंजूरी दी.

सचिन पायलट गुट की दलील
सचिन पायलट गुट की ओर से एकलपीठ के समक्ष यह भी दलील दी गई कि कांग्रेस विधायक दल की 2 बैठकों में ना रहने से दलबदलू कानून लागू नहीं हो जाता है. संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक दलबदल विरोधी कानून लगाया जा सकता है, अगर सदस्य स्वैच्छिक तौर पर पार्टी को छोड़ देता है या फिर विधानसभा में पार्टी के आदेश के विपरीत वोट करता है.

इन्होंने दी है स्पीकर की कार्रवाई को चुनौती
हाईकोर्ट में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित विधायक पीआर मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, विश्वेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, जी खटाना, इन्द्रराज, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, हेमाराम चौधरी, रामनिवास गावरिया, अमर सिंह, बृजेन्द्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीना, मुकेश कुमार भाकर, राकेश पारख, हरीश मीना और रमेश चंद मीणा शामिल हैं. याचिका में विधानसभा स्पीकर और सचिव सहित सीपी जोशी को पक्षकार बनाया है.

सूत्रों के अनुसार विधायकों को ये नोटिस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191 और सपठित 10वीं अनुसूची तथा राजस्थान विधानसभा दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम 1989 के प्रावधान के तहत जारी किए गए हैं.

कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की ओर से की गई शिकायत के आधाार पर बागी विधायकों को नोटिस जारी किया गया है.

विधायकों से कहा गया था कि वे अपने लिखित जवाब तीन दिन में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करें. नोटिस में कहा गया है कि विधायक अगर लिखित टिप्पणी या जवाब नहीं देते हैं तो सम्बद्ध याचिका पर एक पक्षीय सुनवाई कर उसका निस्तारण कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के बागी नेता पायलट का नाम लिए बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे. उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि खरीद फरोख्त की कोशिश हुई है

हालांकि, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में भाजपा सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं.

पायलट ने बुधवार सुबह कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों को हवा दे रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके.

जयपुर : राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए गए अयोग्यता के नोटिस को चुनौती देने के मामले में आज हाईकोर्ट की खंडपीठ में दोपहर एक बजे सुनवाई होगी. सचिन पायलट के समर्थक पृथ्वीराज मीणा सहित 19 विधायकों ने याचिका में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिकता को चुनौती दी है.

इससे पहले गुरुवार को सचिन सहित समर्थित विधायकों ने स्पीकर की कार्रवाई को एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान ही पायलट की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वे याचिका में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दायर करना चाहते हैं क्योंकि प्रार्थी एमएलए विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं. ऐसे में मामले की सुनवाई खंडपीठ की ओर से की जानी चाहिए.

सचिन पायलट ने संशोधन के लिए वापस ली याचिका.

वहीं, स्पीकर और विधानसभा सचिव की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व एमएस सिंघवी ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए. जिस पर एकलपीठ ने दोनों पक्षों को सुनकर प्रार्थी एमएलए को याचिका में संशोधन करने की मंजूरी दी.

सचिन पायलट गुट की दलील
सचिन पायलट गुट की ओर से एकलपीठ के समक्ष यह भी दलील दी गई कि कांग्रेस विधायक दल की 2 बैठकों में ना रहने से दलबदलू कानून लागू नहीं हो जाता है. संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक दलबदल विरोधी कानून लगाया जा सकता है, अगर सदस्य स्वैच्छिक तौर पर पार्टी को छोड़ देता है या फिर विधानसभा में पार्टी के आदेश के विपरीत वोट करता है.

इन्होंने दी है स्पीकर की कार्रवाई को चुनौती
हाईकोर्ट में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित विधायक पीआर मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, विश्वेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, जी खटाना, इन्द्रराज, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, हेमाराम चौधरी, रामनिवास गावरिया, अमर सिंह, बृजेन्द्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीना, मुकेश कुमार भाकर, राकेश पारख, हरीश मीना और रमेश चंद मीणा शामिल हैं. याचिका में विधानसभा स्पीकर और सचिव सहित सीपी जोशी को पक्षकार बनाया है.

सूत्रों के अनुसार विधायकों को ये नोटिस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191 और सपठित 10वीं अनुसूची तथा राजस्थान विधानसभा दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम 1989 के प्रावधान के तहत जारी किए गए हैं.

कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की ओर से की गई शिकायत के आधाार पर बागी विधायकों को नोटिस जारी किया गया है.

विधायकों से कहा गया था कि वे अपने लिखित जवाब तीन दिन में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करें. नोटिस में कहा गया है कि विधायक अगर लिखित टिप्पणी या जवाब नहीं देते हैं तो सम्बद्ध याचिका पर एक पक्षीय सुनवाई कर उसका निस्तारण कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के बागी नेता पायलट का नाम लिए बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे. उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि खरीद फरोख्त की कोशिश हुई है

हालांकि, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में भाजपा सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं.

पायलट ने बुधवार सुबह कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों को हवा दे रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके.

Last Updated : Jul 17, 2020, 7:11 AM IST
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