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सबरीमला मंदिर मुद्दे ने लोकसभा चुनावों में नुकसान पहुंचाया : माकपा

लोकसभा चुनावों में केरल में मिली हार के बाद सीपीआई एम ने कहा कि सबरीमला मंदिर मुद्दे पर पार्टी के स्टैंड से बहुत नुकसान हुआ है. पढ़ें पूरी खबर....

सीताराम येचुरी
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Published : Jun 26, 2019, 11:53 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ में शामिल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने स्वीकार किया कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले का चुनाव पर 'बहुत बड़ा असर' पड़ा है. एलडीएफ राज्य में केवल एक ही सीट पर जीत हासिल कर सका है.

पार्टी की केंद्रीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इसपर राज्य समिति की रविवार और सोमवार को हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान चर्चा हुई. इसके कुछ अंश बुधवार को पार्टी के मुखपत्र 'देशभिमानी' में प्रकाशित हुये.

इसमें कहा गया है कि सबरीमला में महिलाओें के प्रवेश के मसले को विपक्षी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा ने चुनावी अभियान में खूब भुनाया और पार्टी के 'समर्थकों' के मध्य एक 'बड़ा असर' पड़ा.

यह पहली बार है जब माकपा ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि करीब चालीस साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा के दो जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन की घटना ने वाममोर्चे की हार में योगदान दिया है.

उच्चतम न्यायालय ने बीते साल 28 सितम्बर को दिये फैसले में सबरीमला के भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी. इससे पूर्व रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी.

इससे पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश लोकसभा चुनाव में वाममोर्चे की करारी हार की वजह नहीं है और लोगों ने विपक्षी कांग्रेस को इस उम्मीद में वोट दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि वे (कांग्रेस) केंद्र में आ रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि माकपा लोगों की नब्ज पकड़ने में नाकामयाब रही और यह उसकी 'गंभीर' गलती थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी युवाओं को अपनी ओर खींच नहीं सकी और वह भाजपा की तरह सोशल मीडिया के इस्तेमाल करना चाहती है.

तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ में शामिल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने स्वीकार किया कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले का चुनाव पर 'बहुत बड़ा असर' पड़ा है. एलडीएफ राज्य में केवल एक ही सीट पर जीत हासिल कर सका है.

पार्टी की केंद्रीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इसपर राज्य समिति की रविवार और सोमवार को हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान चर्चा हुई. इसके कुछ अंश बुधवार को पार्टी के मुखपत्र 'देशभिमानी' में प्रकाशित हुये.

इसमें कहा गया है कि सबरीमला में महिलाओें के प्रवेश के मसले को विपक्षी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा ने चुनावी अभियान में खूब भुनाया और पार्टी के 'समर्थकों' के मध्य एक 'बड़ा असर' पड़ा.

यह पहली बार है जब माकपा ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि करीब चालीस साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा के दो जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन की घटना ने वाममोर्चे की हार में योगदान दिया है.

उच्चतम न्यायालय ने बीते साल 28 सितम्बर को दिये फैसले में सबरीमला के भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी. इससे पूर्व रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी.

इससे पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश लोकसभा चुनाव में वाममोर्चे की करारी हार की वजह नहीं है और लोगों ने विपक्षी कांग्रेस को इस उम्मीद में वोट दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि वे (कांग्रेस) केंद्र में आ रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि माकपा लोगों की नब्ज पकड़ने में नाकामयाब रही और यह उसकी 'गंभीर' गलती थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी युवाओं को अपनी ओर खींच नहीं सकी और वह भाजपा की तरह सोशल मीडिया के इस्तेमाल करना चाहती है.

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KL-SABARIMALA-CPI(M)
Sabarimala temple issue led to LS poll debacle: CPI(M)
          Thiruvananthapuram, Jun 26 (PTI) After the Lok Sabha poll drubbing in Kerala, where the LDF could win only a single seat, the ruling CPI(M) Wednesday admitted the entry of two women into the Sabarimala temple did cause a "big impact" at the hustings.
          This was stated in a post-poll evaluation report, prepared by the party's central committee and discussed during the two-day state committee meeting here on Sunday and Monday, excerpts of which were published in party mouthpiece "Deshabhimani" on Wednesday.
          A day after the human wall of women was organised by the ruling front on January 1, two women had trekked the holy hills and offered prayers at the Sabarimala temple.
          This was much used by the Opposition Congress-led UDF and the BJP during the election campaign, creating a "big impact" among party sympathisers, it was stated in the report.
          This is the first time that the CPI(M) has openly admitted the entry of the two women -- Bindu and Kanakadurga (both in their forties) -- into the Lord Ayyappa temple on January 2 had contributed to the Front's defeat.
          The Supreme Court had on September 28 last year allowed women of all age groups to offer prayers at the Ayyappa temple in Sabarimala, where earlier women and girls in the menstrual age were forbidden.
          Protests had broken out in the state after the LDF government decided to implement the verdict.
          Earlier, Chief Minister Pinarayi Vijayan had stated that Sabarimala women's entry issue was not the reason for the ruling Left front's rout in the LS polls and had claimed that many voted for Congress-led UDF, which won 19 seats, expecting it to form the government at the Centre.
          While the CPI(M) and the LDF government decided to favour the SC court verdict, the Congress and the BJP first supported and later changed their stance.
          They launched a "vicious" campaign against the LDF and succeeded in attracting the section of voters close to LDF, the report stated.
          The fear that the BJP would ride to power at the Centre once again, created a pro-UDF wave among secular minds and led to votes being polled in favour of the UDF, it said.
          The report said the CPI(M) failed to read the pulse of the people, which was a "serious" flaw.
          Though there was good acceptance of the LDF government's performance among people, it, however, was not reflected in the poll outcome and this needed to be examined.
          The report also stated that at the centre there was a need to form a secular government for which there was need to strengthen the Left presence.
          However, the LDF could not garner the confidence of the electorate.
          To ensure the defeat of CPI(M) and the LDF, the report alleged that in Thiruvananthapuram, Attingal, Pathnamthitta, Thrissur and Palakkad, the BJP gave a share of their votes in favour of UDF.
          The report said even though it was the Left party which was at the receiving end of political violence in the state, the UDF, the BJP and the media succeeded in unleashing a campaign blaming the CPI(M) and LDF for the same.
          Despite a chunk of its votes going to the UDF kitty, the BJP could garner 15.56 per cent votes and this has created a "big scare", it said adding to stall the saffron party's growth in the state, there is need to put up a united fight and be patient.
          In some party strongholds, there has been an erosion in the votebank, and it needs to be examined why despite the party's efforts and the good performance of the government, the party failed to expand it voter base.
          The report stated the party had failed to attract youngsters and wanted it to tap social media like the BJP.
          It also expressed anguish over the erosion in its traditional votebank in its strongholds. PTI UD SS
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