मेरठ : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है. दोनों देशों के विवाद का असर आम नागरिकों पर पड़ता है. दरअसल, पाकिस्तान से 29 साल पहले ब्याहकर भारत आईं सबा फरहत को भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई है.
सबा फरहत नागरिकता पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं. नागरिकता पाने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन प्रयास व्यर्थ साबित हुए हैं. पाकिस्तान की रहने वाली सबा की शादी 29 साल पहले फरहत मसूद से हुई थी.
सबा ने शादी के बाद अपना देश छोड़ दिया. भारत में बस गईं, लेकिन वह भारत की नागरिक नहीं बन पाईं हैं. नागरिकता प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं और शर्तों को पूरा करने के बावजूद सबा की फाइल जिला प्रशासन कार्यालयों के चक्कर में उलझ गई है.
सबा के अनुसार वह पिछले 29 वर्षों से भारत में एक यात्रा वीजा पर रह रही हैं, इससे उन्हें साधारण भारतीय नागरिक की तरह रहना बहुत मुश्किल हो गया है. वह मेरठ में रहती है.
सबा फरहत कहती हैं कि उनके तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें भारतीय नागरिकता से वंचित रखा गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों पर प्रतिबंध के कारण वह मेरठ के बाहर नहीं जा सकती थी. सबा भारत की बहू बन गईं, लेकिन नागरिक नहीं बन सकी. अपनी दर्द बयां करते हुए सबा की आंखें भी चमक उठीं.
पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करते हुए देखने के बाद, सबा खुद के लिए आशावादी हैं, लेकिन जिला स्तर पर सरकारी कार्यालयों की धीमी गति और अधिकारियों के रवैये से निराश हैं.
भारतीय नागरिकता पाने के लिए सबा फरहत की सभी कोशिशें सरकारी कार्यालयों के दरवाजे पर आकर रुक जाती हैं, लेकिन सबा की नागरिकता हासिल करने की कोशिशें आज भी जारी हैं और सबा को उम्मीद है कि एक दिन उनका प्रयास सफल होगा.
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में तीन जवान शहीद, चार घायल
दरअसल, पाकिस्तानी मूल की फाखरा नौरीन को आखिरकार भारतीय नागरिकता मिल गई है. नौरीन पाकिस्तान के झेलम की रहने वाली हैं. उनका निकाह बुलंदशहर के नसीम के साथ हुआ था. काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें 32 साल बाद भारत की नागरिकता मिली, जिसको लेकर नौरीन ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
फाखरा नौरीन को नागरिकता मिलने के बाद सबा फरहत को भी आशा है कि उन्हें भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी.