ETV Bharat / bharat

विदेश मंत्री चार दिनी रूस यात्रा पर, चीनी समकक्ष से हो सकती है बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं. इस दौरान विदेश मंत्री की अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की उम्मीद जताई जा रही है. पढ़े विस्तार से..

एस जयशंकर
एस जयशंकर
author img

By

Published : Sep 8, 2020, 4:41 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर के चार दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान मंगलवार को उनके ईरान में रुकने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं.

जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं. उन्होंने बताया कि मॉस्को रवाना होने से पहले जयशंकर संभवत: ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ से तेहरान में मुलाकात करेंगे.

भारत और चीन के सीमा गतिरोध के बीच विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर 9 व 10 सितंबर को मास्को में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्री परिषद की बैठक के साथ अन्य द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे.

मॉस्को में सीएफएम बैठक आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा करेगी और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेगी. यह तीसरी सीएफएम बैठक होगी, जिसमें भारत एससीओ के सदस्य के रूप में भाग लेगा.

इससे पहले 2018 में 23-24 अप्रैल को बीजिंग और 2019 में 21-22 मई को बिश्केक (किर्गिज़ गणराज्य) में दो बैठकों का आयोजन किया गया था.

पढ़ें- चीन का झूठ उजागर, भारतीय सेना ने बताया- पीएलए ने की थी फायरिंग

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष के साथ 90 मिनट की द्विपक्षीय बातचीत की थी, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि विदेश मंत्री जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से एससीओ की बैठक के दौरान मुलाकात करेंगे या नहीं.

इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने वेई को विशेष तौर पर कहा कि भारत अपनी ‘एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आधिकारिक बयान के मुताबिक सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथा स्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए. पूर्वी लद्दाख में मई के शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्ष की शीर्षस्थ स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर के चार दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान मंगलवार को उनके ईरान में रुकने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं.

जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं. उन्होंने बताया कि मॉस्को रवाना होने से पहले जयशंकर संभवत: ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ से तेहरान में मुलाकात करेंगे.

भारत और चीन के सीमा गतिरोध के बीच विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर 9 व 10 सितंबर को मास्को में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्री परिषद की बैठक के साथ अन्य द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे.

मॉस्को में सीएफएम बैठक आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा करेगी और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेगी. यह तीसरी सीएफएम बैठक होगी, जिसमें भारत एससीओ के सदस्य के रूप में भाग लेगा.

इससे पहले 2018 में 23-24 अप्रैल को बीजिंग और 2019 में 21-22 मई को बिश्केक (किर्गिज़ गणराज्य) में दो बैठकों का आयोजन किया गया था.

पढ़ें- चीन का झूठ उजागर, भारतीय सेना ने बताया- पीएलए ने की थी फायरिंग

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष के साथ 90 मिनट की द्विपक्षीय बातचीत की थी, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि विदेश मंत्री जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से एससीओ की बैठक के दौरान मुलाकात करेंगे या नहीं.

इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने वेई को विशेष तौर पर कहा कि भारत अपनी ‘एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आधिकारिक बयान के मुताबिक सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथा स्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए. पूर्वी लद्दाख में मई के शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्ष की शीर्षस्थ स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.