नई दिल्ली : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने फैसले का स्वागत किया. भागवत ने कहा कि सभी अतीत भूल कर मिलजुल कर मंदिर निर्माण में जुटें. उन्होंने कहा कि इस फैसले को जय-पराजय की नजर से न देखें.
उन्होंने सभी पक्षों का धन्यवाद किया. इस विवाद के समापन की दिशा में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप परस्पर विवाद को समाप्त करने वाली पहल सरकार की ओर से शीघ्रता पूर्वक होगी, ऐसा हमें विश्वास है.
बता दें, अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसला विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया गया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी.
अदालत ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है.
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विवादित जमीन ट्रस्ट को, मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह दी जाएगी.