रुड़की : शिक्षा नगरी की बेटियां पूरे प्रदेश का नाम देश-विदेश में रोशन कर रही हैं. अभी तक यहां की बेटियों ने लोको पायलट, बॉलीवुड, संगीत, रेसलिंग, प्रशासनिक सेवाओं में कमाल कर दिया है. अब एक और बेटी द्वारा रुड़की का नाम रोशन किया गया है जिसने अंतरराष्ट्रीय ड्रैगन बोट कप 2019 में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा है. उनकी इस उपलब्धि से परिजन काफी खुश हैं.
भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है कि क्योंकि अभी तक देश के पास वाटर स्पोर्ट्स रेसिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई पदक नहीं है. पूजा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड से 16 लड़कियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिनमें 8 लड़कियों को रिजर्व रखा गया और 8 लड़कियों ने दमखम के साथ हिस्सा लेकर 7 अन्य पदक के साथ ही कांस्य पदक पर कब्जा जमाया.
पूजा चौहान के कोच फिलिप मैथ्यू ने बताया कि वह आर्मी से रिटायर्ड हैं और वह स्वयं भी 18 गोल्ड मैडल जीत चुके हैं. उन्होंने बताया कि 34 टीमों के साथ कड़ा मुकाबला करते हुए भारत सेमीफाइनल तक पहुंचा. यहां भारत का मुकाबला अमेरिका, रूस, स्पेन, हांगकांग, चाइना, चाइना निंग्बो के साथ हुआ.
500 मीटर की प्रतियोगिता में चाइना ने गोल्ड, चाइना निंग्बो ने सिल्वर व भारत ने ब्रांस मेडल जीता. अपनी इस जीत पर भारत की बेटियां खुशी से झूम उठीं और तिरंगे को हाथों में लेकर ग्राउंड का चक्कर लगाया.
पूजा चौहान ने बताया कि चाइना द्वारा उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया और प्रतियोगिता से एक दिन पहले पहुंची लड़कियों के चार्ज (रहना-खाना) को भी वापस कर दिया.
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पूजा चौहान ने कोच पैनल के सदस्यों बिजेंद्र सिंह, मंजीत सिंह, दिलीप चौहान व ठाकुर मंडेला का भी इस प्रतियोगिता में योगदान पर आभार जताया. विशेष रुप से उन्होंने रुड़की के शिवालिक क्लब और खान क्लब के कोच पीयूष शर्मा व फिरोज खान को भी धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा कि शिवालिक क्लब के कोच फिलिप मैथ्यू की कड़ी लगन और उनकी मेहनत से ही उन्हें यह सफलता मिली है. उन्होंने सरकार से अपील की है कि खेल जगत की ऐसी प्रतिभाओं को बेस्ट खिलाड़ी के सम्मान से नवाजा जाए, जिनकी बदौलत आज भारत को वाटर स्पोर्ट्स में कांस्य पदक मिला.