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तीन तलाक के खिलाफ कानून से सशक्त होंगी महिलाएं : रीता बहुगुणा जोशी

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Published : Jul 31, 2019, 8:50 PM IST

तीन तलाक बिल के संसद में पारित होने की खुशी हर ओर देखने को मिल रही है. ऐसे में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब चाय मीठी हो जाने पर कोई पुरुष तलाक नहीं देगा. महिलाएं अब सशक्त होंगी.

रीता जोशी.

नई दिल्ली: तीन तलाक बिल के संसद में पारित होने के बाद ही सत्ता पक्ष के खेमे में खुशी की लहर है. ऐसे में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अब रोजाना की किचकिच खत्म होगी. मुस्लिम महिलाओं को चाय मीठी हो जाने पर कोई पुरुष तलाक नहीं दे सकेगा.

इस विधेयक पर बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि इसके पारित होने से मुस्लिम महिलाएं अब सशक्त होंगी. मुस्लिम महिलाओं को छोटी-छोटी उम्र में तलाक जैसा दंड झेलना पड़ रहा था. महिलाएं भी कानून न होने के चलते आवाज उठाने से डरती थी, मगर अब ऐसा नहीं होगा. हर महिला को कानून का सहारा मिलेगा.

रीता बहुगुणा जोशि से ईटीवी भारत की बातचीत

रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी से बातचीत के दौरान कहा कि जब उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण मंत्री थी तो दर्जनों ऐसे मामले उनके पास आए, जिनमें समय पर खाना नहीं बनाने या चाय अच्छी नहीं बनाने या कुछ अन्य घरेलू कारणों के चलते तलाक दे दिया गया. यहां तक कि बेटी हो जाने पर भी पतियों ने तलाक दे दिए हैं. कानून बन जाने से ये महिलाएं खुल कर अपनी बात रख सकेंगी.

आगे वे कहती हैं कि ये कानून हर समुदाय की महिलाओं को बल देगा. महिलाएं इसे उदाहरण की तरह लेंगी और अपनी बाते खुल कर सभी के बीच रख सकेंगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये कदम वोट बैंक के लिए नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाओं के कल्याण के लिए उठाया गया है. हर महिला को इस तरह की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं. साथ ही उन्होंने उन महिलाओं को भी बधाई दी, जो इस कुरीति के खिलाफ हिम्मत जुटा कर सामने आईं थी.

नई दिल्ली: तीन तलाक बिल के संसद में पारित होने के बाद ही सत्ता पक्ष के खेमे में खुशी की लहर है. ऐसे में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अब रोजाना की किचकिच खत्म होगी. मुस्लिम महिलाओं को चाय मीठी हो जाने पर कोई पुरुष तलाक नहीं दे सकेगा.

इस विधेयक पर बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि इसके पारित होने से मुस्लिम महिलाएं अब सशक्त होंगी. मुस्लिम महिलाओं को छोटी-छोटी उम्र में तलाक जैसा दंड झेलना पड़ रहा था. महिलाएं भी कानून न होने के चलते आवाज उठाने से डरती थी, मगर अब ऐसा नहीं होगा. हर महिला को कानून का सहारा मिलेगा.

रीता बहुगुणा जोशि से ईटीवी भारत की बातचीत

रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी से बातचीत के दौरान कहा कि जब उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण मंत्री थी तो दर्जनों ऐसे मामले उनके पास आए, जिनमें समय पर खाना नहीं बनाने या चाय अच्छी नहीं बनाने या कुछ अन्य घरेलू कारणों के चलते तलाक दे दिया गया. यहां तक कि बेटी हो जाने पर भी पतियों ने तलाक दे दिए हैं. कानून बन जाने से ये महिलाएं खुल कर अपनी बात रख सकेंगी.

आगे वे कहती हैं कि ये कानून हर समुदाय की महिलाओं को बल देगा. महिलाएं इसे उदाहरण की तरह लेंगी और अपनी बाते खुल कर सभी के बीच रख सकेंगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये कदम वोट बैंक के लिए नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाओं के कल्याण के लिए उठाया गया है. हर महिला को इस तरह की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं. साथ ही उन्होंने उन महिलाओं को भी बधाई दी, जो इस कुरीति के खिलाफ हिम्मत जुटा कर सामने आईं थी.

Intro: भाजपा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि अब उन मुस्लिम महिलाओं को कम से कम चाय खराब बनाने या खाना शराब बनाने या पति की के आवाज पर जवाब ना देने जैसे छोटी-छोटी बातों पर तलाक जैसे दंश को नहीं झेलना पड़ेगा,ये महिलाओं को मुस्लिम महिलाओं को शशक्त करने की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम है, मुस्लिम महिलाओं को खास तौर पर छोटी छोटी उम्र में तलाक का दंश झेलना पड़ रहा था कहीं ना कहीं वह कानून नहीं होने की वजह से आवाज भी नहीं उठा पाती थी कानून का सहारा मिलेगा


Body: रीता जोशी ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि जब उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण मंत्री थे तो दर्जनों उनके पास ऐसे मामले आए जिनमें समय पर खाना नहीं बनाने या चाय अच्छी नहीं बनाने यह किसी के सुंदर नहीं रहो ने या फिर मोटी हो जाने की दशा में भी तलाक दे दिया गया है यहां तक कि यहां तक कि बेटी हो जाने पर भी शौहर ने तलाक दे दिया ऐसे भी कई मामले हमारे मंत्रालय में आए थे यह महिलाएं तलाक के विद्युत को लेकर काफी डरी रहती थी और अब बॉर्डर उनके जीवन से खत्म हो जाएगा और वह खुलकर जी पाएंगे


Conclusion: उन्होंने कहा संदेश ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के लिए बल्कि उन महिलाओं के लिए भी जो हिंदू धर्म में है उन्हें भी एक बल मिलेगा इस समाज में अगर उनके खिलाफ भी कोई अत्याचार या कुरीति फैल रही है तो वह उसके खिलाफ आवाज उठाएं यह कहीं ना कहीं एक संदेश है कि महिलाओं के साथ सरकार है कानून है इधर से यह कदम वोट बैंक के लिए नहीं उठाया है हां यह जरूर है कि मुस्लिम या फिर मुस्लिम महिलाओं को पहले की सरकार है कहीं ना कहीं वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करती रही थी लेकिन इस बार यह कदम मोदी सरकार ने किसी भी तरह से वोट बैंक के लिए नहीं उठाया है मैंने कहा इस बिल को पास होने में वह महिलाएं भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने हिम्मत की जाने की ओर इसके खिलाफ आवाज उठाने ki
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