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कश्मीरी पंडितों की वापसी : सरकार प्रतिबद्ध, सभी पक्षों का सहयोग जरूरी

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों की वापसी पर बयान दिया है. इसके बाद राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने विस्थापितों की कश्मीर घाटी में वापसी पर सभी पक्षों के सहयोग और समर्थन को अहम बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

लाखों कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरर्णाथी
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Published : Aug 16, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:29 AM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश में कश्मीरी पंडितों की वापसी पर सकारात्मक संकेत दिए हैं. इस पर मलिक के सलाहकार फारुक खान ने प्रतिक्रिया दी है. फारुक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में पूरी तरह वापसी सभी पक्षों के सहयोग तथा समर्थन से ही संभव है.

खान ने कहा, 'कश्मीरी विस्थापितों की घाटी में पूरी तरह वापसी तभी संभव है जब कश्मीरी प्रवासियों से सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव साझा करने वाले, कश्मीर के समाज समेत सभी पक्ष सहयोग तथा समर्थन करें'. उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है.

खान ने कहा कि शरणार्थियों के लिए 3,000 पदों पर भर्ती और घाटी में काम कर रहे शरणार्थी कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी.

यह बयान जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद आया है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद घाटी में तीन लाख से अधिक विस्थापित पंडितों के लौटने की उम्मीदें जाग गई हैं.

पढ़ें- अपनी मातृभूमि लौटने को लालायित हैं कश्मीरी पंडित

उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने कत्लेआम मचा दिया था. इसके बाद से लाखों कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे. इस संबंध में कई कश्मीरी पंडित कहते हैं कि वे अपने ही देश में शरणार्थी की तरह जीवन बिता रहे हैं.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश में कश्मीरी पंडितों की वापसी पर सकारात्मक संकेत दिए हैं. इस पर मलिक के सलाहकार फारुक खान ने प्रतिक्रिया दी है. फारुक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में पूरी तरह वापसी सभी पक्षों के सहयोग तथा समर्थन से ही संभव है.

खान ने कहा, 'कश्मीरी विस्थापितों की घाटी में पूरी तरह वापसी तभी संभव है जब कश्मीरी प्रवासियों से सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव साझा करने वाले, कश्मीर के समाज समेत सभी पक्ष सहयोग तथा समर्थन करें'. उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है.

खान ने कहा कि शरणार्थियों के लिए 3,000 पदों पर भर्ती और घाटी में काम कर रहे शरणार्थी कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी.

यह बयान जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद आया है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद घाटी में तीन लाख से अधिक विस्थापित पंडितों के लौटने की उम्मीदें जाग गई हैं.

पढ़ें- अपनी मातृभूमि लौटने को लालायित हैं कश्मीरी पंडित

उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने कत्लेआम मचा दिया था. इसके बाद से लाखों कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे. इस संबंध में कई कश्मीरी पंडित कहते हैं कि वे अपने ही देश में शरणार्थी की तरह जीवन बिता रहे हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 12:14 HRS IST




             
  • कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी सभी पक्षों के सहयोग से ही मुमकिन : राज्यपाल के सलाहकार ने कहा



जम्मू, 16 अगस्त (भाषा) जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में पूरी तरह वापसी सभी पक्षों के सहयोग तथा समर्थन से ही मुमकिन है।



खान ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘कश्मीरी विस्थापितों की घाटी में पूरी तरह वापसी तभी संभव है जब कश्मीरी प्रवासियों से सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव साझा करने वाले, कश्मीर के समाज समेत सभी पक्ष सहयोग तथा समर्थन करें।’’ 



उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।



खान ने कहा कि शरणार्थियों के लिए 3,000 पदों पर भर्ती और घाटी में काम कर रहे शरणार्थी कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।



यह बयान जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद घाटी में तीन लाख से अधिक विस्थापित पंडितों के लौटने की उम्मीदों के मद्देनजर आया है।


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 5:29 AM IST
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