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जम्मू-कश्मीर : सरहदी इलाकों के लोगों के लिए एक तरफ कुआं, एक तरफ खाई

पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों और सेना की चौकियों को लगातार निशाना बना रहा है. इसमें कई लोगों की मौत हुई है और कई जख्मी हुए हैं. इसके अलावा दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है.

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Apr 16, 2020, 12:08 AM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए इन दिनों एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति बन गई है. एक ओर ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उपाय कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की तरफ से इन लोगों को निशाना बना कर गोलाबारी की जा रही है.

पिछले महीने से, पाकिस्तान इस केंद्र शासित प्रदेश में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों और सेना की चौकियों को लगातार निशाना बना रहा है. इसमें कई लोगों की मौत हुई है और कई जख्मी हुए हैं. इसके अलावा दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है.

कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा से पिछले कुछ दिनों में घुसपैठियों ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की है और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कवर देने के लिए गोलीबारी की है.

इन तीन जिलों के तहत आने वाले गांवों में दहशत का माहौल है, खासकर कुपवाड़ा में पिछले हफ्ते पाकिस्तान की गोलाबारी में तीन नागरिकों की मौत के बाद.

पुंछ जिले के कस्बा गांव के निवासी शौकत ने कहा, 'मैं पाकिस्तान की गोलाबारी में गंभीर रूप से जख्मी हो गया... एक तरफ हम अपने परिवारों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ वे (पाकिस्तान) हमारे घरों में हमें निशाना बना रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'हम तो एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं.'

बालाकोट निवासी मुमताज बीबी ने कहा कि ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने लिए बंकर बनाने का अनुरोध किया, लेकिन उनके कान पर जू नहीं रेंगी.

उन्होंने कहा, 'हमने मांग की थी कि बंकर बनाए जाएं ताकि हम अपने परिवारों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचा सकें. हम जिला अधिकारियों से मिले लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया। हाल में हमारे घर में तीन गोले गिरे और हम बाल बाल बचे.'

बीबी ने कहा, 'हम सभी दिशानिर्देशों का पालन करके अपने परिवारों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकते हैं, लेकिन हम खुद को मोर्टार गोलों से कैसे बचाएं?'

उन्होंने कहा कि उनका घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

बहरहाल, जिले के एक अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा से सटे सभी सीमावर्ती जिलों में बंकर बनाने की प्रक्रिया कुछ समय पहले शुरू की गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण काम रुक गया.

उन्होंने कहा, 'हम सुनिश्चित करेंगे कि लोगों के रहने के लिए बंकर बनाए जाएं.'

उत्तर कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से हुई गोलाबारी में रविवार को एक नाबालिग और एक महिला समेत तीन नागरिकों की मौत हो गई.

उत्तर कश्मीर के केरन सेक्टर में शनिवार को नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में पांच आतंकियों को ढेर कर दिया गया, हालांकि सेना के पांच जवान भी इस दौरान शहीद हो गए.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए इन दिनों एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति बन गई है. एक ओर ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उपाय कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की तरफ से इन लोगों को निशाना बना कर गोलाबारी की जा रही है.

पिछले महीने से, पाकिस्तान इस केंद्र शासित प्रदेश में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों और सेना की चौकियों को लगातार निशाना बना रहा है. इसमें कई लोगों की मौत हुई है और कई जख्मी हुए हैं. इसके अलावा दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है.

कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा से पिछले कुछ दिनों में घुसपैठियों ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की है और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कवर देने के लिए गोलीबारी की है.

इन तीन जिलों के तहत आने वाले गांवों में दहशत का माहौल है, खासकर कुपवाड़ा में पिछले हफ्ते पाकिस्तान की गोलाबारी में तीन नागरिकों की मौत के बाद.

पुंछ जिले के कस्बा गांव के निवासी शौकत ने कहा, 'मैं पाकिस्तान की गोलाबारी में गंभीर रूप से जख्मी हो गया... एक तरफ हम अपने परिवारों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ वे (पाकिस्तान) हमारे घरों में हमें निशाना बना रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'हम तो एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं.'

बालाकोट निवासी मुमताज बीबी ने कहा कि ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने लिए बंकर बनाने का अनुरोध किया, लेकिन उनके कान पर जू नहीं रेंगी.

उन्होंने कहा, 'हमने मांग की थी कि बंकर बनाए जाएं ताकि हम अपने परिवारों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचा सकें. हम जिला अधिकारियों से मिले लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया। हाल में हमारे घर में तीन गोले गिरे और हम बाल बाल बचे.'

बीबी ने कहा, 'हम सभी दिशानिर्देशों का पालन करके अपने परिवारों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकते हैं, लेकिन हम खुद को मोर्टार गोलों से कैसे बचाएं?'

उन्होंने कहा कि उनका घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

बहरहाल, जिले के एक अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा से सटे सभी सीमावर्ती जिलों में बंकर बनाने की प्रक्रिया कुछ समय पहले शुरू की गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण काम रुक गया.

उन्होंने कहा, 'हम सुनिश्चित करेंगे कि लोगों के रहने के लिए बंकर बनाए जाएं.'

उत्तर कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से हुई गोलाबारी में रविवार को एक नाबालिग और एक महिला समेत तीन नागरिकों की मौत हो गई.

उत्तर कश्मीर के केरन सेक्टर में शनिवार को नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में पांच आतंकियों को ढेर कर दिया गया, हालांकि सेना के पांच जवान भी इस दौरान शहीद हो गए.

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