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प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर संसद में 'संग्राम'

प्रमोशन में आरक्षण मिले या नहीं, इस विषय पर संसद में खूब हंगामा हुआ. विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाए. हालांकि, सरकार ने कहा कि विपक्षी पार्टियां इस विषय पर राजनीति कर रही हैं. सरकार ने दो टूक कहा कि जान बूझकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. पढ़ें विस्तार से खबरें.

reservation in promotion
संसद में प्रोन्नति में आरक्षण का मसला
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Published : Feb 10, 2020, 7:39 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:57 PM IST

नई दिल्ली : प्रोन्नति में आरक्षण का मसला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. लोजपा सांसद चिराग पासवान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को पलटने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पुणे पैक्ट का ही परिणाम है कि एससी और एसटी को यह संवैधानिक अधिकार मिला है. यह खैरात या दया में नहीं मिला है.

चिराग पासवान का केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह
चिराग ने प्रमोशन में आरक्षण और नौकरी में आरक्षण पर अपनी बात रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश को पूरी तरह से खारिज करती है.

चिराग पासवान ने उठाया आरक्षण का मुद्दा

पासवान ने केंद्र सरकार से इस विषय पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आरक्षण से जुड़े जितने भी कानून हैं, उसे हमेशा के लिए नौवीं सूची में डाला जाए.

सरकार इस मामले को सुलझाने में सक्षम : राजीव रंजन
एससी, एसटी आरक्षण पर जनता दल यूनाइटेड के नेता राजीव रंजन ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को सुलझाने में सक्षम है.

जदयू के सांसद राजीव रंजन का बयान.

अधीर रंजन चौधरी ने रखा कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एससी /एसटी एक्ट पर कांग्रेस की तरफ से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सदियों से अनुसुचित जाति, जनजाति को नजरअंदाज किया गया.

अधीर रंजन चौधरी ने रखा कांग्रेस का पक्ष.

अपना दल भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ
मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण पर दिए गए फैसले के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि एसएसी/एसटी और ओबीसी को संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के खिलाफ दिया गया सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. वंचित वर्गों के अधिकारों पर इससे भयानक कुठाराघात होगा.

अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल का बयान.

बसपा का आरोप- यह सरकार दलित विरोधी है
अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडे ने कहा, 'जिस तरह से उत्तर प्रदेश में हम लोगों ने प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था कराई थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना और सरकार का उसके पक्ष में तर्क देना, इससे साफ है कि यह दलित विरोधी सरकार है.

बसपा सांसद रितेश पांडे का वक्तव्य.

क्या है कोर्ट का फैसला
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए सरकारें बाध्य नहीं हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण किसी का मूल अधिकार नहीं हो सकता.

पढें : हिंदू समुदाय का मतलब BJP नहीं, राजनीतिक लड़ाई को हिंदुओं से न जोड़ें : RSS

लोजपा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार रात को अपने साथी सांसदों के साथ चर्चा की थी.

गौरतलब है कि 2018 में एससी, एसटी कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ा बवाल हुआ था. 2018 के मार्च महीने में इस मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान हिंसा में कुछ लोग मारे भी गए थे. बाद में सरकार ने कानून बनाकर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.

माना जाता है कि मोदी सरकार के कदम से उस साल के अंत में हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी और इसका सियासी नुकसान भी पार्टी को अपनी सरकार गंवाकर उठाना पड़ा था.

नई दिल्ली : प्रोन्नति में आरक्षण का मसला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. लोजपा सांसद चिराग पासवान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को पलटने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पुणे पैक्ट का ही परिणाम है कि एससी और एसटी को यह संवैधानिक अधिकार मिला है. यह खैरात या दया में नहीं मिला है.

चिराग पासवान का केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह
चिराग ने प्रमोशन में आरक्षण और नौकरी में आरक्षण पर अपनी बात रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश को पूरी तरह से खारिज करती है.

चिराग पासवान ने उठाया आरक्षण का मुद्दा

पासवान ने केंद्र सरकार से इस विषय पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आरक्षण से जुड़े जितने भी कानून हैं, उसे हमेशा के लिए नौवीं सूची में डाला जाए.

सरकार इस मामले को सुलझाने में सक्षम : राजीव रंजन
एससी, एसटी आरक्षण पर जनता दल यूनाइटेड के नेता राजीव रंजन ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को सुलझाने में सक्षम है.

जदयू के सांसद राजीव रंजन का बयान.

अधीर रंजन चौधरी ने रखा कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एससी /एसटी एक्ट पर कांग्रेस की तरफ से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सदियों से अनुसुचित जाति, जनजाति को नजरअंदाज किया गया.

अधीर रंजन चौधरी ने रखा कांग्रेस का पक्ष.

अपना दल भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ
मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण पर दिए गए फैसले के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि एसएसी/एसटी और ओबीसी को संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के खिलाफ दिया गया सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. वंचित वर्गों के अधिकारों पर इससे भयानक कुठाराघात होगा.

अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल का बयान.

बसपा का आरोप- यह सरकार दलित विरोधी है
अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडे ने कहा, 'जिस तरह से उत्तर प्रदेश में हम लोगों ने प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था कराई थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना और सरकार का उसके पक्ष में तर्क देना, इससे साफ है कि यह दलित विरोधी सरकार है.

बसपा सांसद रितेश पांडे का वक्तव्य.

क्या है कोर्ट का फैसला
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए सरकारें बाध्य नहीं हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण किसी का मूल अधिकार नहीं हो सकता.

पढें : हिंदू समुदाय का मतलब BJP नहीं, राजनीतिक लड़ाई को हिंदुओं से न जोड़ें : RSS

लोजपा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार रात को अपने साथी सांसदों के साथ चर्चा की थी.

गौरतलब है कि 2018 में एससी, एसटी कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ा बवाल हुआ था. 2018 के मार्च महीने में इस मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान हिंसा में कुछ लोग मारे भी गए थे. बाद में सरकार ने कानून बनाकर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.

माना जाता है कि मोदी सरकार के कदम से उस साल के अंत में हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी और इसका सियासी नुकसान भी पार्टी को अपनी सरकार गंवाकर उठाना पड़ा था.

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लोजपा सोमवार को संसद में उठा सकती है प्रोन्नति में आरक्षण का मसला



नई दिल्ली, (आईएएनएस)| प्रोन्नति में आरक्षण का मसला एक बार फिर तूल पकड़ सकता है. इस मसले पर लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को पलटने की मांग की है.



शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए सरकारें बाध्य नहीं हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण किसी का मूल अधिकार नहीं हो सकता है.



रविवार को दिल्ली में इस मसले पर कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए पासवान ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. पासवान ने मांग की है कि सरकार कोर्ट के फैसले को पलटकर आरक्षण की व्यवस्था पहले की तरह ही बरकरार रखे. सोमवार को यह मामला संसद में भी उठने की संभावना है.



सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान मामले को लोकसभा में उठा सकते हैं. चिराग इसे शून्यकाल के दौरान सदन में उठाएंगे. मामले की राजनीतिक अहमियत को देखते हुए चिराग को विपक्ष समेत कई दलों का समर्थन मिल सकता है.



उधर लोजपा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार रात को ही संसद के दोनों सदनों के एससी, एसटी सांसदों को एक मिलन समारोह के लिए बुलाया है. इनमें सभी दलों के सांसद शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले पर भी चर्चा होगी.



गौरतलब है कि 2018 में एससी, एसटी कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ा बवाल हुआ था. 2018 के मार्च महीने में इस मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान हिंसा में कुछ लोग मारे भी गए थे. बाद में सरकार ने कानून बनाकर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.



माना जाता है कि मोदी सरकार के कदम से उस साल के अंत में हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी और इसका सियासी नुकसान भी पार्टी को अपनी सरकार गंवाकर उठाना पड़ा था.


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 7:57 PM IST
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