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तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करे केंद्र सरकार : सोनिया गांधी - कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन

किसानों के प्रदर्शन को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द कर देना चाहिए.

सोनिया गांधी
सोनिया गांधी
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Published : Jan 7, 2021, 3:31 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 4:05 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी जारी है. ताजाघटना क्रम में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आजाद भारत इतिहास में पहली बार देश एक दोराहे पर खड़ा है. एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज मांगों के समर्थन में डटा हुआ है, वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार गरीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है.

उन्होंने सरकार से एक फिर यह आग्रह किया कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग भी स्वीकार की जानी चाहिए.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना

सोनिया गांधी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को कम करके संप्रग सरकार के समय की दरों के बराबर किया जाए ताकि देश के लोगों को राहत मिल सके.

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है. आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 रुपये प्रति लीटर. इसके बावजूद डीजल 74.38 रुपये और पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है. ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा कर लगभग 19 लाख करोड़ आम जनता की जेब से वसूले हैं.

सोनिया के मुताबिक, गैस सिलेंडर के दामों को भी भाजपा सरकार ने बेतहाशा बढ़ा हर घर का बजट बिगाड़ा है.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह पेट्रोल व डीज़ल पर उत्पाद शुल्क की दरें संप्रग सरकार के समान करे और त्रस्त जनता को तत्काल राहत प्रदान करे.

गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा लगातार दूसरे दिन कीमतों में बढ़ोतरी करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत गुरुवार को 84.20 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है.

तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को पेट्रोल की कीमत में 23 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 84.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 74.38 रुपये हो गई है. मुंबई में पेट्रोल 90.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.07 रुपये प्रति लीटर है.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी जारी है. ताजाघटना क्रम में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आजाद भारत इतिहास में पहली बार देश एक दोराहे पर खड़ा है. एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज मांगों के समर्थन में डटा हुआ है, वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार गरीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है.

उन्होंने सरकार से एक फिर यह आग्रह किया कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग भी स्वीकार की जानी चाहिए.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना

सोनिया गांधी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को कम करके संप्रग सरकार के समय की दरों के बराबर किया जाए ताकि देश के लोगों को राहत मिल सके.

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है. आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 रुपये प्रति लीटर. इसके बावजूद डीजल 74.38 रुपये और पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है. ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा कर लगभग 19 लाख करोड़ आम जनता की जेब से वसूले हैं.

सोनिया के मुताबिक, गैस सिलेंडर के दामों को भी भाजपा सरकार ने बेतहाशा बढ़ा हर घर का बजट बिगाड़ा है.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह पेट्रोल व डीज़ल पर उत्पाद शुल्क की दरें संप्रग सरकार के समान करे और त्रस्त जनता को तत्काल राहत प्रदान करे.

गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा लगातार दूसरे दिन कीमतों में बढ़ोतरी करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत गुरुवार को 84.20 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है.

तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को पेट्रोल की कीमत में 23 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 84.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 74.38 रुपये हो गई है. मुंबई में पेट्रोल 90.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.07 रुपये प्रति लीटर है.

Last Updated : Jan 7, 2021, 4:05 PM IST
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