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लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पिता श्रीकृष्ण बिरला का निधन - father of om birla

सहकारिता क्षेत्र के पितामह के रूप में पहचाने जाने वाले प्रख्यात समाजसेवी और सहकार नेता श्रीकृष्ण बिरला का निधन हो गया है. वे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पिता थे.

Shri Krishna Birla
श्रीकृष्ण बिरला (फाइल फोटो)
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Published : Sep 30, 2020, 10:59 AM IST

Updated : Sep 30, 2020, 4:43 PM IST

अहमदाबाद : प्रख्यात समाज सेवी और सहकार नेता तथा लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पिता श्रीकृष्ण बिरला का मंगलवार रात निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे. उनकी अंतिम यात्रा 2-न-22 दादाबाड़ी से प्रातः 8 बजे रवाना होकर किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचेगी जहां गाइडलाइंस की पालना करते हुए किया जाएगा.

श्रीकृष्ण बिरला का जन्म 12 जून 1929 को कोटा जिले के कनवास में हुआ था. उनकी शिक्षा पाटनपोल स्कूल में हुई तथा 7 फरवरी 1949 को उनका विवाह इकलेरा निवासी शकुंतला देवी के साथ हुआ.

वर्ष 1950 में मेट्रिक उत्तीर्ण करने के पास करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक कनवास तहसील में अंग्रेजी क्लर्क के रूप में कार्य किया, लेकिन फिर उनकी नियुक्ति कोटा के कस्टम एक्साइज विभाग में कनिष्ठ लिपिक के तौर पर हुई. वर्ष 1976 में कार्यालय अधीक्षक पद पर पदोन्नति के बाद उनका स्थानांतरण जयपुर हो गया, जहां उन्हें ओएस फस्र्ट ग्रेड पर पदोन्नति मिली. वर्ष 1986 में वे पुनः स्थानांतरित होकर कोटा के वाणिज्यिक कर विभाग में आए जहां उन्होंने वर्ष 1988 तक कार्य किया.

सेवाकाल के दौरान श्री श्रीकृष्ण बिरला कर्मचारियों के हितों के सजग सिपाही रहे. उन्होंने वर्ष 1958 से 1961 तक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष की महति जिम्मेदारी निभाई तथा कर्मचारियों के हितों के लिए संघष करते हुए वर्ष 1963, 1971 व 1980 में जेल भी गए.

राजकीय सेवा में व्यस्त रहने के बाद भी उनका सामाजिक क्षेत्र से गहरा जुड़ाव रहा. वे माहेश्वरी समाज के तीन बार अध्यक्ष रहे तथा कोटा जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष के रूप में लगभग 15 वर्ष तक समाज की सेवा की.

श्री कृष्ण बिरला ने कोटा में सहकार क्षेत्र को अग्रणी तथा सक्षम नेतृत्व प्रदान करते हुए सहकारिता को मजबूती प्रदान की. वे वर्ष 1963 से कोटा कर्मचारी सहकारी समिति के सचिव रहे फिर लगभग 26 वर्ष तक समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए कोटा कर्मचारी सहकारी समिति को राजस्थान में एक नई पहचान दिलाई. इसी कारण राजस्थान भर में वे सहकार पुरूष के नाम से भी जाने गए.

पढ़ें :- बाबरी विध्वंस मामला LIVE : विशेष सीबीआई अदालत सुनाएगी फैसला

उनके परिवार में छह पुत्र और तीन पुत्रियां हैं. उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेश कृष्ण बिरला कोटा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटिड, इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी, कोटज्ञ तथा माहेश्वरी समाज कोटा के अध्यक्ष हैं. हरिकृष्ण बिरला राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता से कार्य कर रहे हैं. वे कोटा जिला सहकारी होलसेल उपभोक्ता भंडार एवं भारतेन्दु समिति के अध्यक्ष हैं.

बालकृष्ण बिरला चंबल फर्टीलाइजर्स में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.

ओम कृष्ण बिरला वर्तमान में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से सांसद तथा लोक सभा अध्यक्ष हैं. दयाकृष्ण बिरला और नरेंद्र कृष्ण बिरला निजी व्यवसाय करता है. उनकी तीन पुत्रियां उषा न्याति, निशा मरचून्या और दिशा गुप्ता जिनका विवाह कोटा के प्रतिष्ठित परिवारों मे विवाह हुआ है. इसके अतिरिक्त परिवार में छह पौत्र, चार पौत्रियां, तीन पड़पौत्र एवं एक पड़पौत्री है एवं चार दोहिते और एक दोहिती हैं.

अहमदाबाद : प्रख्यात समाज सेवी और सहकार नेता तथा लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पिता श्रीकृष्ण बिरला का मंगलवार रात निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे. उनकी अंतिम यात्रा 2-न-22 दादाबाड़ी से प्रातः 8 बजे रवाना होकर किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचेगी जहां गाइडलाइंस की पालना करते हुए किया जाएगा.

श्रीकृष्ण बिरला का जन्म 12 जून 1929 को कोटा जिले के कनवास में हुआ था. उनकी शिक्षा पाटनपोल स्कूल में हुई तथा 7 फरवरी 1949 को उनका विवाह इकलेरा निवासी शकुंतला देवी के साथ हुआ.

वर्ष 1950 में मेट्रिक उत्तीर्ण करने के पास करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक कनवास तहसील में अंग्रेजी क्लर्क के रूप में कार्य किया, लेकिन फिर उनकी नियुक्ति कोटा के कस्टम एक्साइज विभाग में कनिष्ठ लिपिक के तौर पर हुई. वर्ष 1976 में कार्यालय अधीक्षक पद पर पदोन्नति के बाद उनका स्थानांतरण जयपुर हो गया, जहां उन्हें ओएस फस्र्ट ग्रेड पर पदोन्नति मिली. वर्ष 1986 में वे पुनः स्थानांतरित होकर कोटा के वाणिज्यिक कर विभाग में आए जहां उन्होंने वर्ष 1988 तक कार्य किया.

सेवाकाल के दौरान श्री श्रीकृष्ण बिरला कर्मचारियों के हितों के सजग सिपाही रहे. उन्होंने वर्ष 1958 से 1961 तक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष की महति जिम्मेदारी निभाई तथा कर्मचारियों के हितों के लिए संघष करते हुए वर्ष 1963, 1971 व 1980 में जेल भी गए.

राजकीय सेवा में व्यस्त रहने के बाद भी उनका सामाजिक क्षेत्र से गहरा जुड़ाव रहा. वे माहेश्वरी समाज के तीन बार अध्यक्ष रहे तथा कोटा जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष के रूप में लगभग 15 वर्ष तक समाज की सेवा की.

श्री कृष्ण बिरला ने कोटा में सहकार क्षेत्र को अग्रणी तथा सक्षम नेतृत्व प्रदान करते हुए सहकारिता को मजबूती प्रदान की. वे वर्ष 1963 से कोटा कर्मचारी सहकारी समिति के सचिव रहे फिर लगभग 26 वर्ष तक समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए कोटा कर्मचारी सहकारी समिति को राजस्थान में एक नई पहचान दिलाई. इसी कारण राजस्थान भर में वे सहकार पुरूष के नाम से भी जाने गए.

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उनके परिवार में छह पुत्र और तीन पुत्रियां हैं. उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेश कृष्ण बिरला कोटा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटिड, इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी, कोटज्ञ तथा माहेश्वरी समाज कोटा के अध्यक्ष हैं. हरिकृष्ण बिरला राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता से कार्य कर रहे हैं. वे कोटा जिला सहकारी होलसेल उपभोक्ता भंडार एवं भारतेन्दु समिति के अध्यक्ष हैं.

बालकृष्ण बिरला चंबल फर्टीलाइजर्स में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.

ओम कृष्ण बिरला वर्तमान में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से सांसद तथा लोक सभा अध्यक्ष हैं. दयाकृष्ण बिरला और नरेंद्र कृष्ण बिरला निजी व्यवसाय करता है. उनकी तीन पुत्रियां उषा न्याति, निशा मरचून्या और दिशा गुप्ता जिनका विवाह कोटा के प्रतिष्ठित परिवारों मे विवाह हुआ है. इसके अतिरिक्त परिवार में छह पौत्र, चार पौत्रियां, तीन पड़पौत्र एवं एक पड़पौत्री है एवं चार दोहिते और एक दोहिती हैं.

Last Updated : Sep 30, 2020, 4:43 PM IST
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