नई दिल्ली: एक जून, 2018 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग विभागों में 2.98 लाख से ज्यादा पद खाली थे. जानकारी के मुताबिक इनमें से 2.94 लाख पदों को भरने के लिए सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया जारी है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि पिछले दशक में 4.61 लाख लोग रेलवे में नियुक्त किए गए हैं.
गोयल ने नियुक्ति को सतत प्रक्रिया बताते हुए लोकसभा में कहा कि कैडर की क्षमता निर्धारित करने से पहले कई कारकों का ध्यान रखा जाता है. उन्होंने कहा कि इन कारकों में 'लीव रिजर्व' और 'ट्रेनी रिजर्व' भी शामिल होते हैं.
लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए गोयल ने कहा कि 1991 में रेलवे कर्मचारियों की संख्या 16,54,985 थी. ये संख्या 2019 में 12,48,101 लाख है. गोयल ने जवाब में कहा कि कर्मचारियों की संख्या के कारण रेलवे की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.
गोयल ने बताया कि रिक्तियों के भरने के लिए अलग-अलग रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) और रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) के माध्यम से काम किया जा रहा है.
लिखित उत्तर में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक एक जून, 2019 तक 2,98,574 रिक्तियां थीं. इस आंकड़े में A, B, C और D (भूतपूर्व) श्रेणियों की रिक्तियां भी शामिल हैं. कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रक्रिया जारी है.
साल 2018-19 में 2,94,420 रिक्तियों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है.
गोयल ने कहा कि 1,51,843 पदों के लिए परीक्षाएं ली जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि 2019-20 में 1,42,577 पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी.
बकौल गोयल 2019 में 1,42,577 पदों पर नियुक्ति के लिए रोजगार अधिसूचना जारी की जा चुकी है. इसके लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) का भी ध्यान रखा गया है.
गोयल ने बताया कि काम की गुणवत्ता सिर्फ कर्मचारियों की संख्या पर निर्भर नहीं करती. उन्होंने कहा कि इसके लिए तकनीक और स्वचालित सिस्टम के उपयोग का स्तर भी अहम है.
रेल मंत्री गोयल ने कहा 'काम की गुणवत्ता और कर्मचारियों की संख्या को आपस में जोड़ना सही नहीं है.'
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे अलग-अलग राज्यों में नियुक्ति के लिए RRB के माध्यम से आवेदन आमंत्रित करती है. इसके लिए रेलवे को 21 जोन में बांटा गया है.
रेलवे में नौकरी पाने के इच्छुक लोग नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर संबंधित जोन की रिक्तियों के बारे में विवरण हासिल कर सकते हैं.