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भाजपा के संकल्प पत्र पर किसान नेताओं ने दी प्रतिक्रिया - sankalp patr

बीजेपी के संकल्प पत्र पर किसान नेताओं ने दी प्रतिक्रिया. सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप.

ईटीवी भारत से बात करते किसान नेता
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Published : Apr 8, 2019, 6:06 PM IST

Updated : Apr 8, 2019, 8:10 PM IST

नई दिल्ली: भाजपा के संकल्प पत्र पर ईटीवी भारत ने राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं से बात की. .ये नेता मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय किसान महासंघ का नेतृत्व कर रहे हैं और चुनाव के मौसम में देशव्यापी किसान जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं.

मध्य प्रदेश के किसान नेता शिव कुमार ने कहा कि हमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के घोषणा पत्र पर विश्वास नहीं है. अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को नहीं निभाया और न ही किसी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया.

किसान नेताओं से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता

पढ़ें - भाजपा का संकल्प पत्र - किसान, मंदिर, पेंशन पर फोकस

पंजाब से आए किसान नेता ने कहा है कि अगर सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर दे, तो किसानों को 80 हजार का सीधा फायदा होगा. जिससे किसानों को कर्ज लेने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी.

आंध्र प्रदेश के किसान नेता ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार ने भी किसानों के लिए बड़े-बड़े वादे तो किए, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया.

यूपी से आए किसान नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसी के 2 रुपये माफ किए तो किसी के 10 रुपये.

नई दिल्ली: भाजपा के संकल्प पत्र पर ईटीवी भारत ने राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं से बात की. .ये नेता मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय किसान महासंघ का नेतृत्व कर रहे हैं और चुनाव के मौसम में देशव्यापी किसान जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं.

मध्य प्रदेश के किसान नेता शिव कुमार ने कहा कि हमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के घोषणा पत्र पर विश्वास नहीं है. अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को नहीं निभाया और न ही किसी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया.

किसान नेताओं से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता

पढ़ें - भाजपा का संकल्प पत्र - किसान, मंदिर, पेंशन पर फोकस

पंजाब से आए किसान नेता ने कहा है कि अगर सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर दे, तो किसानों को 80 हजार का सीधा फायदा होगा. जिससे किसानों को कर्ज लेने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी.

आंध्र प्रदेश के किसान नेता ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार ने भी किसानों के लिए बड़े-बड़े वादे तो किए, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया.

यूपी से आए किसान नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसी के 2 रुपये माफ किए तो किसी के 10 रुपये.

Intro:भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिये अपना संकल्प पत्र आज जारी किया जिसमें किसानों के लिये विशेष बातें की गई हैं । संकल्प पत्र की सबसे बड़ी बातें ये रही कि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देश भर के सभी किसानों को देने का वायदा किया गया है । इसके साथ बुजुर्ग लघु एवं सीमांत किसानों के लिये पेंशन , एक लाख तक के किसान क्रेडिट कार्ड लोन पर पाँच साल तक ब्याज माफ़ी और समय पर ऋण चुकाने की स्थिति में पूर्ण ब्याज माफ़ी की बात भी की गई है ।
इसके अलावा भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के अपने पुराने वायदे को भी दोहराया है और ये प्रतिबद्धता जताई है कि NDA सरकार इस लक्ष्य को पूर्ण करेगी ।


Body:ETV Bharat ने भाजपा के संकल्प पत्र पर राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं की प्रतिक्रिया ली । ये किसान नेता मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश , कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय किसान महासंघ का नेतृत्व कर रहे हैं और चुनाव के मौसम में देशव्यापी किसान जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं ।
किसान नेताओं ने भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर आज तक के किये वायदे सरकारों ने निभा दिये होते तो किसी संकल्प पत्र की जरूरत ही नहीं पड़ती । किसान नेताओं से बातचीत में सबके विचार यही थे कि घोषणा पत्र और चुनावी वायदों को ले कर सभी राजनीतिक पार्टियों की विश्वशनियता कम हुई है और अब लोग चुनाव से पहले किये वायदों पर कम ही भरोसा करती है ।


Conclusion:वहीं किसान नेताओं का यह भी कहना था कि कर्ज पर ऋण माफी या सभी किसानों को आय समर्थन देने की बजाय अगर सिर्फ सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को ही लागू कर दे तो प्रति एकड़ की उपज मात्र से किसान अस्सी हजार रुपये की कमाई सालाना कर सकता है । इसलिये किसानों को ऋण मुक्ति या ब्याज मुक्ति की बजाय सरकार को किसानों को इनसे मुक्ति दिलाने के लिये वाजिब कदम उठाने की बात करनी चाहिये थी । कुल मिलाकर राष्ट्रीय किसान महासंघ, जो कि देश भर के सौ से ज्यादा किसान संगठनों को एक जुट कर बना है उसने भाजपा के संकल्प पत्र में अपना विश्वास नहीं दिखाया है और इसका कारण उन्होंने 2014 के वादों को पूरा न होना बताया है ।
देखें इस वीडियो में भाजपा के संकल्प पत्र पर अलग अलग राज्यों के किसान नेताओं की राय ।
Last Updated : Apr 8, 2019, 8:10 PM IST
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