श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पीडीडी) पर साइबर हमला हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि विभाग के चार डेटाबेस सर्वरों पर रैंसमवेयर से हमला हुआ है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पीडीडी के मुख्य अभियंता अजाज डार ने बताया कि बुधवार को सुबह 4:45 पर विभाग के डेटा सेंटर के चार डेटाबेस सर्वर रैंसमवेयर से संक्रमित पाए गए. साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच कर रही है.
उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस के निर्देशों के बाद संक्रमित सर्वरों को अलग कर दिया गया है. विभाग के पास कुल 55 सर्वर हैं, जिनमें से चार पर साइबर हमला हुआ है.
डार ने आगे बताया कि विभाग के आईटी विशेषज्ञों को आंतरिक ऑडिट के लिए भी बुलाया है. इस तरह के हमले को रैंसमवेयर कहा जाता है. इसमें हैकर सर्वर के डेटा को एन्क्रिप्ट करता है. इसकी वजह से उपयोगकर्ता डेटा को इस्तेमाल नहीं कर पाता है.
अधिकारी के मुताबिक पुलिस ने गुरुवार को परिसर का दौरा किया और हमले की तीव्रता का पता लगाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस माह की बिलिंग साइकिल पहले ही जेनेरेट हो गई थी, वह इस हमले से प्रभावित नहीं होगी. उपभोक्ताओं को बैंकों में जाकर ऑफलाइन बिल जमा करना पड़ेगा, क्योंकि अभी ऑनलाइन पेमेंट संभव नहीं है.
साइबर सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि रैंसमवेयह हमला फ्रॉड के लिए किया जाता है. इसमें चीनी हैकरों के शामिल होने की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती है. उन्होंने बताया कि हैकर फिंशिंग के माध्यम से यूजर का डेटा चुरा लेते हैं और उसे यूजर के ही खिलाफ इस्तेमाल करते हैं.
अधिकारी ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर में किसी सरकारी विभाग पर ऐसा हमला हुआ है.
उन्होंने बताया कि इसको लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने चीन से साइबर हमले के बारे में चेतावनी दी थी.
पढ़ें-भारत सहित छह देशों पर अब उत्तर कोरियाई साइबर हमले का खतरा