नई दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 20 राज्यों के पानी की गुणवत्ता जांच में दिल्ली का पानी सबसे खराब बताया था. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट को गलत करार देते हुए राजनीति से प्रेरित बताया था, केजरीवाल ने कहा था कि किसी भी राज्य का पानी सिर्फ 11 स्थानों के पानी की जांच से गंदा नहीं ठहराया जा सकता.
केजरीवाल के बयान पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि इस विषय पर सियासत नहीं होनी चाहिए.
पासवान ने केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा था, 'दिल्ली के पीने के पानी की दोबारा जांच के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मैंने बना दी है और आप भी अपनी ओर से सक्षम अधिकारियों को नामित करें ताकि नमूने लेकर जांच हो सके.'
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और सदस्य शलभ कुमार को मनोनीत किया है. फिलहाल एमएलए मोहनिया का नाम दिए जाने पर पासवान ने आपत्ति जतायी है.
रामविलास ने केजरीवाल से कहा, 'मोहनिया की जगह किसी विशेषज्ञ या अधिकारी का नाम रखें क्योंकि हम लोगों ने जो नाम दिये हैं, वे सभी बीआईएस के अधिकारी हैं. मैंने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ का नाम सुझाया है, दोनों ओर से कमेटी में विशेषज्ञ रहें तो बेहतर होगा क्योंकि यह तकनीकी मामला है.'
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पासवान ने कहा, 'आज तक किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने बीआईएस पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन अरविंद केजरीवाल सवाल उठा रहे हैं, हम चाहते हैं कि 31 दिसम्बर तक केंद्र और दिल्ली सरकार की संयुक्त टीम पानी की जांच का काम पूरा कर रिपोर्ट लोगों के सामने पेश कर दे.'
उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी के किसी विधायक को अब तक मैंने यह कहते नहीं देखा कि उनके इलाके में पानी साफ है.'
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बता दें कि केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंदर में ही भारतीय मानक ब्यूरो आता है. पासवान ने कहा, 'बीआईएस के 32 नाम हम देंगे और दिल्ली सरकार भी 32 नाम दे, जिसमें जल बोर्ड के अधिकारी रहें.'