नई दिल्ली : कोरोना लॉकडाउन में देश में अनाज की कमी न हो इसके लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है. राज्यों में लगातार खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है.
फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के द्वारा राज्यों में लगातार अनाज पहुंचाया जा रहा है. सड़क मार्ग, रेल मार्ग, जल मार्ग के जरिए राज्यों में अनाज पहुंचाया जा रहा है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले 81 करोड़ लोगों को पांच किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो दाल मुफ्त में दिया जा रहा है. बता दें, गरीबों को यह राशन पहले से दिए जा रहे राशन से अतिरिक्त दिया जा रहा है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि 3055 रेल रैक के माध्यम से अब तक फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने 85.54 लाख टन अनाज लोड कर विभिन्न राज्यों को भेजा है और उसमें से 2931 रेल रैक से 82.08 लाख टन अनाज गोदामों में अनलोड हुआ.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 120 लाख अनाज अब तक आवंटित किया गया है, जिसमें से 85.82 लाख टन अनाज का उठाव सभी राज्यों ने कर लिया है.
बता दें, इस संकट की स्थिति में कई गैर-सरकारी समूह (एनजीओ) व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में राहत केंद्र व लंगर चलाया जा रहा है, जहां गरीबों को दो वक्त का खाना दिया जाता है.
ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत एफसीआई के द्वारा इन एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को 21 रुपये प्रति किलो गेहूं व 22 रुपये किलो चावल दिया जा रहा है. जब से लॉकडाउन है तब से लेकर 15 मई तक इन एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को 724 टन गेहूं व 6480 टन चावल दिया गया है.
वहीं आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त में राशन दिया जाएगा. साथ ही जिनके पास राशन कार्ड नहीं होगा, उन्हें भी मुफ्त में अनाज मिलेगा. अगले दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल या गेहूं तथा प्रति परिवार एक किलो चना दाल मुफ्त में दिया जाएगा.
जानकारी के लिए बता दें, 15 मई से प्रवासी मजदूरों के लिए राज्यों को अनाज की सप्लाई भी शुरु कर दी गई है.