नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों को नोवल कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने और प्रबंधित करने के प्रयासों में तेजी लाने की सलाह दी. दोनों ने राज्यपालों, उपराज्यपालों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस मीटिंग में अपने विचार व्यक्त किए.
गौरतलब है कि देश में कोरोना के कारण 56 लोगों की मौत के साथ 2300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. दोनों नेताओं ने कोरोना संकट से निबटने के उपायों पर चर्चा की. इस वायरस के कारण देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है.
राष्ट्रपति भवन से वीडियो कान्फ्रेंस के एजेंडे में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए राज्यों में कोरोना वायरस मामलों की स्थिति, कमजोर तबकों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ रेड क्रॉस की भूमिका और यूनियन और राज्य के प्रयासों के पूरक के तौर पर सिविल सोसायटी, स्वैच्छिक संगठनों, निजी क्षेत्र की भूमिका जैसी शामिल थी. यह 10 दिनों के भीतर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया दूसरा कॉन्फ्रेंस रहा.
27 मार्च को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में 14 राज्यपालों और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रपति के साथ अपने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपने अनुभवों को साझा किया था. शेष राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों ने शुक्रवार को अपने अनुभव साझा किए.
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राष्ट्रपति ने 27 मार्च को राज्यपालों और उपराज्यपालों को कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए रेड क्रॉस और अन्य धार्मिक संगठनों के स्वयंसेवकों की मदद लेने के लिए कहा था.
राष्ट्रपति ने तब भारत की साझा करने और परवाह करने की अंतर्निहित ताकत पर जोर दिया और कहा कि उपायों को समाज के सबसे कमजोर तबके के लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए अमल में लाया जाना चाहिए.