नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल करने वाले पेशेवरों की मांग बढ़ रही है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थान इसके लिए संक्षिप्त अवधि के पाठ्यक्रम तैयार करने पर विचार कर सकते हैं.
राष्ट्रपति गुरुवार को यहां स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं को लेकर 36 नर्सों को 'नेशनल फ्लोरेन्स नाइटिंगेल अवार्ड’ प्रदान के अवसर पर बोल रहे थे. कोविंद ने आयुष्मान भारत कार्यक्रम अब तक लागू नहीं करने वाले राज्यों से अपील की कि वे यथाशीघ्र इस योजना को लागू करें.
निपाह विषाणु के संक्रमण के चलते पिछले साल मई में अपनी जान गंवाने वाली केरल की लिनी पुतुसेरी को मरणोपरांत यह पुरस्कार प्रदान किया गया. राज्य में निपाह विषाणु का संक्रमण फैलने के दौरान रोगियों की देखभाल में अद्वितीय समर्पण के साथ काम करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया.
कोविंद ने कहा, 'दुनिया को अधिक से अधिक देखभाल और करुणा की जरूरत है तथा नर्सें सेवा की प्रतीक हैं. देश को आपकी नि:स्वार्थ सेवा एवं समर्पण पर गर्व है. आप आयुष्मान भारत कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाएंगी.'
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उन्होंने कहा, 'भारत में, परिवार बुजुर्गों की देखभाल करते हैं. हालांकि, बदलती जीवन शैली में बुजुर्गों की देखरेख के लिए देखभाल करने वाले पेशवरों की मांग बढ़ रही है.'
उन्होंने कहा, 'इन देखभाल करने वालों को वृद्ध जन देखभाल में बुनियादी प्रशिक्षण से निश्चित रूप से फायदा हो सकता है.'
बता दें कि आधुनिक नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेन्स नाइटिंगेल के नाम पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है, जिसे 1973 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू किया था.