नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. पार्टी का प्लान है कि चुनावी तिथि घोषित होने से पहले महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए जाए. इसके पीछे का कारण है कि चुनावी तिथि की घोषणा के बाद इन रैलियों का पहले से प्रभाव बना रहे. साथ ही इन रैलियों के खर्च भी चुनावी खर्च में न जोड़े जा सके.
इन रैलियों के दौरान विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में अटकी हुई परियोजना को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखा सकते हैं. साथ ही जो परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं उन्हें पूरा करने के लिए पीएम एक निर्धारित तिथि की भी घोषाणा कर सकते हैं.
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही अलग-अलग राज्यों में रैलियों की शुरुआत करने जा रहे हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री की रैलियों की शुरुआत 7 सितंबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद और 8 को हरियाणा की रैली के बाद ही हो चुकी थी. मगर आने वाले दिनों में 12 सितंबर को प्रधानमंत्री झारखंड के रांची में जाकर रैली करेंगे और उम्मीद की जा रही है कि इस रैली में प्रधानमंत्री झारखंड से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं को भी हरी झंडी दिखाएंगे.
महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके साथ ही बीजेपी की ओर से क्षेत्रीय नेताओं को भी अपने इलाके में जोर-शोर से काम करने की बात कही गई है.
झारखंड दौरे के दौरान प्रधानमंत्री राजधानी रांची में झारखंड की नई विधानसभा का उद्घाटन भी करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री की रैली 19 सितंबर को नासिक में होगी, जहां पर प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे.
अमित शाह भी चुनावी दौरे की शुरुआत करने जा रहे हैं. अभी तक आधिकारिक तौर पर शाह की रैलियों की तारीख सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है 13 तारीख से शाह भी चुनावी एक्शन में नजर आने वाले हैं.
यही नहीं बीजेपी की नजर सिर्फ इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव पर ही नहीं है, बल्कि हरियाणा महाराष्ट्र झारखंड के साथ-साथ यूपी में भी होने वाले उपचुनाव पर भी. उत्तर प्रदेश की 12 सीटों पर उपचुनाव होना हैं, जिनमें 12 में से 9 सीट बीजेपी के पास थी और यह बीजेपी कोशिश रहेगी की उसे दोबारा हासिल किया जाए.