नई दिल्ली : राज्यसभा ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पहले सप्ताह में कामकाज के लिए निर्धारित अवधि का 90 फीसदी से अधिक समय कार्य निष्पादन में इस्तेमाल करते हुए इसे उच्च सदन के 250वें सत्र के लिए विशेष उपलब्धि बताया है.
राज्यसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि उच्च सदन में कार्य निष्पादन हेतु पहले सप्ताह के लिए निर्धारित 28 घंटों में 25 घंटे तक सदन की बैठक चली.
इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि करार देते हुए अधिकारी ने बताया कि इस सप्ताह सोमवार को शुरु हुए सत्र के पहले पांच दिनों में दो घंटा 43 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित रहने के कारण नहीं हो सकी.
राज्यसभा में पहले सप्ताह के कामकाज संबंधी ब्योरे के अनुसार सभापति एम.वेंकैया नायडू की अनुमति से उच्च सदन में अति महत्वपूर्ण विषय में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत वायु प्रदूषण के मुद्दे पर तीन घंटे तक चर्चा हुई.
पिछले 13 वर्षों में 43 सत्रों के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर किसी विषय पर यह अब तक की सबसे लंबी चर्चा थी.
इसके पहले 1984 के सिख दंगा मामलों के पीड़ितों के लिए शुरू किये गये राहत कार्यों की समीक्षा के मुद्दे पर 2006 में राज्यसभा के 207वें सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चार घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई थी.
ये भी पढ़ें : संसद में कांग्रेस का हंगामा, दोनों सदन कल तक के लिए स्थगित
इस सप्ताह सदन में जिन प्रमुख विधेयकों पर चर्चा हुई, उनमें ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के संरक्षण संबंधी विधेयक भी शामिल है. इस पर चर्चा अगले सप्ताह भी जारी रहेगी. इसके अलावा किराये की कोख (सरोगेसी) से जुड़े मामलों में नियामक कानून के विधेयक को विस्तृत चर्चा के बाद 23 सदस्यीय प्रवर समिति के समक्ष भेजा गया.
उल्लेखनीय है कि सभापति नायडू सदन में सदस्यों से लगातार राज्यसभा के 250वें सत्र में सदन की कार्यवाही को सुचारु बनाने की लगातार अपील कर रहे हैं, जिससे इस सत्र को भविष्य के लिए बेहतर कामकाज की नजीर बनाया जा सके.