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आतंकवाद को राजकीय नीति के तौर पर अपनाने वाले देशों को अलग करने की जरूरत : राजनाथ सिंह - पाकिस्तान

ताशकंद में पहली बार आयोजित हो रहे भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास 'डस्टलिक 2019' के ‘कर्टन रेजर’ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा. जानें विस्तार से...

भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास 'डस्टलिक 2019' के ‘कर्टन रेजर’ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोलते हुए...
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Published : Nov 4, 2019, 12:02 AM IST

नई दिल्ली : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा. सिंह ने कहा कि आतंकवाद को राजकीय नीति के तौर पर अपनाने वाले देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया.

बता दें कि सिंह ने ताशकंद में पहली बार आयोजित हो रहे भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास 'डस्टलिक 2019' के ‘कर्टन रेजर’ में यह बात कहीं. उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण है. यह अभ्यास चार से 13 नवंबर तक चलेगा.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास में भारतीय सेना की एक टुकड़ी उज्बेकिस्तानी सेना के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करेगी. इस अभ्यास से दोनों बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ अभ्यास एवं अनुभव साझा होंगे.

Rajnath calls for isolating nations adopting terror as state policy
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट

सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, 'आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कुछ देशों ने आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति के रूप में अपनाया है. ऐसे देशों की निंदा करना और उन्हें अलग थलग करना समय की जरूरत है.'

इसे भी पढ़ें- अगर PAK वाकई आतंकवाद से लड़ना चाहता है, तो हम सेना भेजने को तैयार : राजनाथ सिंह

दरअसल उरी आतंकवादी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने का प्रयास कर रहा है.

सिंह ने शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की 18 वीं बैठक को संबोधित किया. इस दौरान सदस्य देशों से आतंकवाद और उसके समर्थकों से निपटने के लिए सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और तंत्रों को मजबूत करने और उन्हें बिना किसी अपवाद या दोहरे मापदंड के लागू करने का आह्वान किया था.

Rajnath calls for isolating nations adopting terror as state policy
भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

बता दें कि पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है.

सिंह ने शनिवार को अपने उज़्बेकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल बखोदिर निजामोविच कुरबानोव से मुलाकात की थी. रक्षा संबंध बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी. दोनों देशों के बीच तीन सहमतिपत्रों पर हस्ताक्षर हुए थे जिसमें एक सैन्य सहयोग पर था.

इसे भी पढ़ें- ताशकंद में SCO की बैठक में भाग लेने पहुंचे रक्षा मंत्री

सिंह ने 'डस्टलिक 2019' को भारत और उज्बेकिस्तान के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का एक उदाहरण बताते हुए विश्वास जताया कि दोनों देशों के सैनिक जरूरत के समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे.

उन्होंने उजबेकिस्तान सरकार को आश्वासन दिया कि भारतीय सशस्त्र बल अपने उज़्बेकिस्तानी समकक्षों को आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे. उन्होंने सैन्य चिकित्सा में उज्बेकिस्तान को भारत द्वारा पूरे समर्थन का भी वादा किया.

उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक के बाद सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर इस दिशा में एक कदम है.

नई दिल्ली : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा. सिंह ने कहा कि आतंकवाद को राजकीय नीति के तौर पर अपनाने वाले देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया.

बता दें कि सिंह ने ताशकंद में पहली बार आयोजित हो रहे भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास 'डस्टलिक 2019' के ‘कर्टन रेजर’ में यह बात कहीं. उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण है. यह अभ्यास चार से 13 नवंबर तक चलेगा.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास में भारतीय सेना की एक टुकड़ी उज्बेकिस्तानी सेना के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करेगी. इस अभ्यास से दोनों बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ अभ्यास एवं अनुभव साझा होंगे.

Rajnath calls for isolating nations adopting terror as state policy
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट

सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, 'आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कुछ देशों ने आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति के रूप में अपनाया है. ऐसे देशों की निंदा करना और उन्हें अलग थलग करना समय की जरूरत है.'

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दरअसल उरी आतंकवादी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने का प्रयास कर रहा है.

सिंह ने शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की 18 वीं बैठक को संबोधित किया. इस दौरान सदस्य देशों से आतंकवाद और उसके समर्थकों से निपटने के लिए सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और तंत्रों को मजबूत करने और उन्हें बिना किसी अपवाद या दोहरे मापदंड के लागू करने का आह्वान किया था.

Rajnath calls for isolating nations adopting terror as state policy
भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

बता दें कि पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है.

सिंह ने शनिवार को अपने उज़्बेकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल बखोदिर निजामोविच कुरबानोव से मुलाकात की थी. रक्षा संबंध बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी. दोनों देशों के बीच तीन सहमतिपत्रों पर हस्ताक्षर हुए थे जिसमें एक सैन्य सहयोग पर था.

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सिंह ने 'डस्टलिक 2019' को भारत और उज्बेकिस्तान के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का एक उदाहरण बताते हुए विश्वास जताया कि दोनों देशों के सैनिक जरूरत के समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे.

उन्होंने उजबेकिस्तान सरकार को आश्वासन दिया कि भारतीय सशस्त्र बल अपने उज़्बेकिस्तानी समकक्षों को आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे. उन्होंने सैन्य चिकित्सा में उज्बेकिस्तान को भारत द्वारा पूरे समर्थन का भी वादा किया.

उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक के बाद सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर इस दिशा में एक कदम है.

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RAJNATH-TERROR
Rajnath calls for isolating nations adopting terror as state policy
          New Delhi, Nov 3 (PTI) Terming terrorism a global problem, Defence Minister Rajnath Singh on Sunday called for isolating all countries that have adopted terrorism as their state policy, in a reference to Pakistan.
          Speaking at the curtain raiser of the first ever India-Uzbekistan joint exercise 'Dustlik 2019' in Tashkent, Singh said defence cooperation is crucial to the bilateral ties between India and Uzbekistan. The drill will be held from November 4 to 13.
          In the exercise, an Indian Army contingent will train along with Uzbekistan Army. The exercise will enable sharing of best practices and experiences between the armed forces of the two countries and would lead to greater operational effectiveness, the defence ministry said.
          Terrorism is a global problem. There are many examples where some countries have adopted terrorism as their state policy. The need of the hour is to condemn and isolate such countries, Singh said without naming Pakistan.
          After the Uri terror attack, India has been trying to corner Pakistan by seeking to isolate it diplomatically on the issue of cross-border terrorism.
          Singh on Saturday, while addressing the 18th meeting of the Council of Heads of Government of the Shanghai Cooperation Organisation (SCO), had called upon the member countries to strengthen and implement all the existing the international laws and mechanisms, without exception or double standards, to combat terrorism and its enablers.
          Pakistan is also a member of the SCO.
          On Saturday, Singh had met his Uzbek counterpart Major GeneralBakhodir Nizamovich Kurbanov and discussed ways to intensify their defence ties. Three MoUs were also signed including one on military cooperation between the two nations.
          Describing 'Dustlik 2019' as an example of the growing defence collaboration between India and Uzbekistan, Singh expressed confidence that the soldiers of the two countries will stand shoulder-to-shoulder in the time of need.
          He assured the Government of Uzbekistan that the Indian armed forces would provide all possible assistance to their Uzbek counterparts for their modernisation and capacity building. He also promised India's enhanced support to Uzbekistan in military medicine, saying that the MoU signed after his bilateral meeting with the Defence Minister of Uzbekistan is a step in the direction.
          He affirmed India's commitment of developing a state-of-the-art IT complex in Armed Forces Academy of Uzbekistan for the benefit of their soldiers. We will send a team of expert IT professionals and English language instructors to share their expertise with the students of Knowledge Academy, he added.
          Identifying 'Military Technical Cooperation' as an area of huge potential, Singh said India is always ready to share its accomplishments and achievements with Uzbekistan in this field. He expressed confidence that both countries will benefit from this cooperation. PTI PR
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