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आत्मनिर्भर सप्ताह का आगाज, रक्षा मंत्री बोले- सात हजार उद्योग होंगे लाभान्वित

साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में आज से आत्मनिर्भर सप्ताह की शुरुआत हो गई. इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ भी शरीक हुए. उन्होंने कहा कि देश में निर्माण बढ़ने पर पूंजी को लघु और मध्यम उद्योग में लगाया जा सकता है.

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Published : Aug 10, 2020, 5:21 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 7:53 PM IST

rajnath
आत्मनिर्भर सप्ताह की हुई शुरुआत

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर हम खुद भारत के भीतर चीजों का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं, तो हम देश की पूंजी के एक बड़े हिस्से को बचाने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा हमारी सरकार द्वारा टाइमली पर और थॉटफुल इंटरवेंशन जैसे घरेलू पूंजी खरीद के लिए अलग बजट, के ऊपर विशेष ध्यान देकर भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड-19 के कारण हमारा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की स्थापित आपूर्ति श्रृंखला, तरलता, यात्रा / परिवहन आदि प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने कहा कि इसी दिशा में बढ़ने के लिए हम आत्मनिर्भर सप्ताह माना रहे हैं, जिसमें हम कुछ ऐसे कदम उठाएंगे जो हमें स्वदेशीकरण, रक्षा बुनियादी ढांचे में निवेश तथा रक्षा विनिर्माण क्षमता में विस्तार की ओर ले जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि मैं समझता हूं हमारा देश, दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाए रखने में कामयाब होगा। इस तरह के आयोजनों की इसमें बड़ी भूमिका होगी, ऐसा मेरा विश्वास है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ की मौजूदगी में आत्मनिर्भर सप्ताह की हुई शुरुआत

सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर’ का मतलब कभी भी स्वयं को दुनिया से अलग करना नहीं होता है। मुझे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का एक कथन याद आता है. उन्होंने स्वदेशी के संदर्भ में कहा था, कि नाव चलाने के लिए जल आवश्यक है. पर इसका मतलब यह नहीं है कि जल इतना हो जाए जिसमें नाव डूब जाए.

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाएं, जो सीमा पर निर्भयता के साथ देश की सुरक्षा में लगी हैं, उनके पीछे इनकी अहम भूमिका है। यही नहीं, जिस समय हमारा देश कोविड-19 के संकट से गुजर रहा है, उसमें भी इन उद्योग के विभिन्न प्रकार के योगदानों को भुलाया नहीं जा सकता है.

सिंह ने कहा कि आने वाले समय में इस सूची में हम और भी चीजें डालेंगे, जिससे हम करोड़ों के आयात को बचा पाएंगे. आज मुझे, हमारे रक्षा पी.एस.यू. और OFBs के इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते देख, बड़ी खुशी और गर्व का अनुभव हो रहा है. यह उद्योग हमारे बलों के पीछे के बल हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि इसी संदर्भ में मुझे यह बतलाते हुए ख़ुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 आइटमों की ऐसी सूची निकाली है जो अब हम आयात नहीं करेंगे. इस सूचि को हम नकारात्मक सूची कहते हैं, जिसमें सिर्फ छोटे आइटम नहीं, बल्कि उच्च और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी वाली हथियार प्रणाली भी हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपनी स्थानीय विनिर्माण, जनशक्ति को बढ़ा सकते हैं, जिससे हमारी घरेलू रक्षा उद्योग और जीवंत हो जाएगी. इसके साथ-साथ इनसे जुड़ी MSMEs, स्टार्ट-अप, R & D संस्थान को भी बढ़ावा मिलेगा और और इनसे जुड़े लाखों परिवारों को तरह-तरह के स्पिन-ऑफ लाभ भी मिलेगें.

रक्षा मंत्री बोले कि यदि हम अपने सभी साजो-सामान अपने देश में ही निर्मित करने में सक्षम होते हैं, तो देश की पूँजी का एक बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं, जिसका उपयोग हमारी रक्षा मंत्रालय से जुड़ी लगभग 7,000 MSMEs को बढ़ावा देने में किया जा सकता है.

दुनिया भर में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग में, रक्षा उद्योग हमेशा से आगे रही हैं. रक्षा तकनीक का प्रयोग सिविल क्षेत्रों में भी किया जाता है. इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि नागरिक समाज के लिए भी बहुत लाभकारी हो सकता है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज, रक्षा मंत्रालय के डीडीपी, DPSUs और ओएफबी द्वारा मिलकर शुरू किए जा रहे 'आत्मनिर्भर भारत सप्ताह' के उद्घाटन के अवसर पर, आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. इस सप्ताह के दौरान होने वाली सभी गतिविधियां, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देंगी.

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' का विजन, इस महामारी के कठिन समय में, न केवल आर्थिक विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि उससे कहीं अधिक हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक लक्ष्य है.

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि दूसरों के बल पर निर्भर रहकर कभी भी अपना आत्मविश्वास नहीं बनाया जा सकता है. उसके लिए स्वयं का आत्मनिर्भर होना ही एकमात्र रास्ता है. श्री मोदी जी ने इसके लिए 5-I, यानी ‘इंटेंट, इन्क्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन का रास्ता सुझाया है.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर हम खुद भारत के भीतर चीजों का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं, तो हम देश की पूंजी के एक बड़े हिस्से को बचाने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा हमारी सरकार द्वारा टाइमली पर और थॉटफुल इंटरवेंशन जैसे घरेलू पूंजी खरीद के लिए अलग बजट, के ऊपर विशेष ध्यान देकर भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड-19 के कारण हमारा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की स्थापित आपूर्ति श्रृंखला, तरलता, यात्रा / परिवहन आदि प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने कहा कि इसी दिशा में बढ़ने के लिए हम आत्मनिर्भर सप्ताह माना रहे हैं, जिसमें हम कुछ ऐसे कदम उठाएंगे जो हमें स्वदेशीकरण, रक्षा बुनियादी ढांचे में निवेश तथा रक्षा विनिर्माण क्षमता में विस्तार की ओर ले जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि मैं समझता हूं हमारा देश, दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाए रखने में कामयाब होगा। इस तरह के आयोजनों की इसमें बड़ी भूमिका होगी, ऐसा मेरा विश्वास है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ की मौजूदगी में आत्मनिर्भर सप्ताह की हुई शुरुआत

सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर’ का मतलब कभी भी स्वयं को दुनिया से अलग करना नहीं होता है। मुझे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का एक कथन याद आता है. उन्होंने स्वदेशी के संदर्भ में कहा था, कि नाव चलाने के लिए जल आवश्यक है. पर इसका मतलब यह नहीं है कि जल इतना हो जाए जिसमें नाव डूब जाए.

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाएं, जो सीमा पर निर्भयता के साथ देश की सुरक्षा में लगी हैं, उनके पीछे इनकी अहम भूमिका है। यही नहीं, जिस समय हमारा देश कोविड-19 के संकट से गुजर रहा है, उसमें भी इन उद्योग के विभिन्न प्रकार के योगदानों को भुलाया नहीं जा सकता है.

सिंह ने कहा कि आने वाले समय में इस सूची में हम और भी चीजें डालेंगे, जिससे हम करोड़ों के आयात को बचा पाएंगे. आज मुझे, हमारे रक्षा पी.एस.यू. और OFBs के इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते देख, बड़ी खुशी और गर्व का अनुभव हो रहा है. यह उद्योग हमारे बलों के पीछे के बल हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि इसी संदर्भ में मुझे यह बतलाते हुए ख़ुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 आइटमों की ऐसी सूची निकाली है जो अब हम आयात नहीं करेंगे. इस सूचि को हम नकारात्मक सूची कहते हैं, जिसमें सिर्फ छोटे आइटम नहीं, बल्कि उच्च और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी वाली हथियार प्रणाली भी हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपनी स्थानीय विनिर्माण, जनशक्ति को बढ़ा सकते हैं, जिससे हमारी घरेलू रक्षा उद्योग और जीवंत हो जाएगी. इसके साथ-साथ इनसे जुड़ी MSMEs, स्टार्ट-अप, R & D संस्थान को भी बढ़ावा मिलेगा और और इनसे जुड़े लाखों परिवारों को तरह-तरह के स्पिन-ऑफ लाभ भी मिलेगें.

रक्षा मंत्री बोले कि यदि हम अपने सभी साजो-सामान अपने देश में ही निर्मित करने में सक्षम होते हैं, तो देश की पूँजी का एक बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं, जिसका उपयोग हमारी रक्षा मंत्रालय से जुड़ी लगभग 7,000 MSMEs को बढ़ावा देने में किया जा सकता है.

दुनिया भर में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग में, रक्षा उद्योग हमेशा से आगे रही हैं. रक्षा तकनीक का प्रयोग सिविल क्षेत्रों में भी किया जाता है. इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि नागरिक समाज के लिए भी बहुत लाभकारी हो सकता है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज, रक्षा मंत्रालय के डीडीपी, DPSUs और ओएफबी द्वारा मिलकर शुरू किए जा रहे 'आत्मनिर्भर भारत सप्ताह' के उद्घाटन के अवसर पर, आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. इस सप्ताह के दौरान होने वाली सभी गतिविधियां, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देंगी.

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' का विजन, इस महामारी के कठिन समय में, न केवल आर्थिक विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि उससे कहीं अधिक हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक लक्ष्य है.

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि दूसरों के बल पर निर्भर रहकर कभी भी अपना आत्मविश्वास नहीं बनाया जा सकता है. उसके लिए स्वयं का आत्मनिर्भर होना ही एकमात्र रास्ता है. श्री मोदी जी ने इसके लिए 5-I, यानी ‘इंटेंट, इन्क्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन का रास्ता सुझाया है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 7:53 PM IST
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