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जासूसी मामले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत बढ़ी - राजीव शर्मा

चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को पटियाला हाउस कोर्ट ने सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

Rajiv Sharma
स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा
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Published : Sep 21, 2020, 2:32 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 2:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. राजीव शर्मा को 14 सितंबर को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.

सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया
आज राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. स्पेशल सेल ने आठ दिनों की हिरासत की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने राजीव शर्मा को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे गए राजीव शर्मा

राजीव शर्मा ने दायर की जमानत याचिका
राजीव शर्मा ने पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें झूठे तरीके से फंसाया गया है और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. राजीव शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, राजीव शर्मा को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे.

कोई पुख्ता सबूत नहीं
राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील अदीश सी अग्रवाल ने जमानत याचिका में कहा है कि राजीव शर्मा के पास से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला है. याचिका में कहा गया कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है. राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है. याचिका में कहा गया है कि अब राजीव शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है.

पढ़ें: मध्यप्रदेश में गधे ने गाय को काटा, देखें पूरा वीडियो

साइनस और रक्तचाप की बीमारी
याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा 61 वर्ष के हैं और उन्हें साइनस की गंभीर बीमारी है. साइनस का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है. साइनस के इलाज के लिए उन्हें हमेशा एक नेबुलाइजर की जरूरत होती है. उन्हें रक्तचाप की बीमारी है, जिसकी वजह से वह पिछले दस सालों से दवा ले रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा को कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा है.

'एफआईआर की प्रति नहीं दी जा रही है'
याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति स्पेशल सेल उपलब्ध नहीं करवा रहा है. यहां तक कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर इस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड भी नहीं किया गया है. बता दें कि राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि वह राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा मुहैया कराते थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. राजीव शर्मा को 14 सितंबर को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.

सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया
आज राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. स्पेशल सेल ने आठ दिनों की हिरासत की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने राजीव शर्मा को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे गए राजीव शर्मा

राजीव शर्मा ने दायर की जमानत याचिका
राजीव शर्मा ने पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें झूठे तरीके से फंसाया गया है और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. राजीव शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, राजीव शर्मा को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे.

कोई पुख्ता सबूत नहीं
राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील अदीश सी अग्रवाल ने जमानत याचिका में कहा है कि राजीव शर्मा के पास से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला है. याचिका में कहा गया कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है. राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है. याचिका में कहा गया है कि अब राजीव शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है.

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साइनस और रक्तचाप की बीमारी
याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा 61 वर्ष के हैं और उन्हें साइनस की गंभीर बीमारी है. साइनस का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है. साइनस के इलाज के लिए उन्हें हमेशा एक नेबुलाइजर की जरूरत होती है. उन्हें रक्तचाप की बीमारी है, जिसकी वजह से वह पिछले दस सालों से दवा ले रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा को कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा है.

'एफआईआर की प्रति नहीं दी जा रही है'
याचिका में कहा गया है कि राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति स्पेशल सेल उपलब्ध नहीं करवा रहा है. यहां तक कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर इस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड भी नहीं किया गया है. बता दें कि राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि वह राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा मुहैया कराते थे.

Last Updated : Sep 21, 2020, 2:47 PM IST
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