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पहलू खान मामला: सीएम गहलोत ने की समीक्षा, HC में करेंगे अपील - pehlu khan mob lynching

पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय ले लिया है. साथ ही इस बार मामले में कोई चूक न हो इसलिए खुद मुख्यमंत्री गहलोत मामले की समीक्षा में जुट गए हैं. पढ़ें पूरी खबर....

अशोक गहलोत
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Published : Aug 16, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 4:55 AM IST

नई दिल्ली/जयपुर: पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में छह आरोपियों के बरी हो जाने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस मामले में फिर से जांच की अपील करेगी. जानकारी के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने आज उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें इस मामले की हाई कोर्ट में अपील करने का फैसला लिया गया है.

बता दें, गौ रक्षकों की एक भीड़ द्वारा पहलू खान को पीट-पीटकर मार दिए जाने के करीब दो साल बाद अलवर सत्र न्यायालय ने बुधवार को मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने इन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. अलवर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नंबर-1, डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में फैसला सुनाया गया था.

मामले की सुनवाई 7 अगस्त को समाप्त हुई थी. मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन नाबालिग शामिल हैं, जो पहले से जमानत पर हैं. पीड़ित के परिवार ने 44 गवाह प्रस्तुत किए थे.
पहलू खान (55) हरियाणा के नूह के रहने वाले थे. पिकअप वैन से राजस्थान से हरियाणा मवेशी ले जाने के दौरान भीड़ ने गौ तस्करी के संदेह में पिटाई की, जिसकी वजह से उनकी सरकारी अस्पताल में 3 अप्रैल 2017 को मौत हो गई.

इसी के मद्देनजर गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें-पहलू खान मामले में अदालत का फैसला चौंकाने वाला: प्रियंका गांधी

इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था। इसमें दिखाई दे रहा है कि पहलू खान को आक्रामक भीड़ पीट रही है. अदालत वीडियो साक्ष्य से स्पष्ट रूप से संतुष्ट नहीं थी.

साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने पहलू खान द्वारा मौत से पहले बयान में बताए गए छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. बाकी के तीन आरोपी नाबालिग है और उन पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा रहा है.

पहलू खान केस को आधार बनाते हुए राजस्थान सरकार ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाया. इस कानून के मुताबिक दो या दो से अधिक लोगों द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में आएगा.

नई दिल्ली/जयपुर: पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में छह आरोपियों के बरी हो जाने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस मामले में फिर से जांच की अपील करेगी. जानकारी के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने आज उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें इस मामले की हाई कोर्ट में अपील करने का फैसला लिया गया है.

बता दें, गौ रक्षकों की एक भीड़ द्वारा पहलू खान को पीट-पीटकर मार दिए जाने के करीब दो साल बाद अलवर सत्र न्यायालय ने बुधवार को मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने इन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. अलवर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नंबर-1, डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में फैसला सुनाया गया था.

मामले की सुनवाई 7 अगस्त को समाप्त हुई थी. मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन नाबालिग शामिल हैं, जो पहले से जमानत पर हैं. पीड़ित के परिवार ने 44 गवाह प्रस्तुत किए थे.
पहलू खान (55) हरियाणा के नूह के रहने वाले थे. पिकअप वैन से राजस्थान से हरियाणा मवेशी ले जाने के दौरान भीड़ ने गौ तस्करी के संदेह में पिटाई की, जिसकी वजह से उनकी सरकारी अस्पताल में 3 अप्रैल 2017 को मौत हो गई.

इसी के मद्देनजर गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें-पहलू खान मामले में अदालत का फैसला चौंकाने वाला: प्रियंका गांधी

इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था। इसमें दिखाई दे रहा है कि पहलू खान को आक्रामक भीड़ पीट रही है. अदालत वीडियो साक्ष्य से स्पष्ट रूप से संतुष्ट नहीं थी.

साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने पहलू खान द्वारा मौत से पहले बयान में बताए गए छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. बाकी के तीन आरोपी नाबालिग है और उन पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा रहा है.

पहलू खान केस को आधार बनाते हुए राजस्थान सरकार ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाया. इस कानून के मुताबिक दो या दो से अधिक लोगों द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में आएगा.

Intro:
जयपुर

पहलू खान मामले पर सरकार एक्शन में , सीएम गहलोत ने की कोर्ट के फैसले समीक्षा , मामले का पतिक्षण कर मजबूती से ऊपरी अदालत में करेंगे अपील

एंकर:- पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के बाद कोंग्रेस की गहलोत सरकार एक्शन में , सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में कोर्ट के फैसले समीक्षा की , सीएम गहलोत ने एसीएस होम राजीव स्वरूप, डीजी भूपेंद्र सिंह , एडीजी बीएल सोनी सहित विधि विभाग के आला अधिकारियों के साथ मामले का परीक्षण कर मजबूती से ऊपरी अदालत में अपील करने पर चर्चा की ।





Body:VO:- पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय ले लिया है , लेकिन इस बार मामले में इस तरह की कोई चूक नहीं रहे इसको लेकर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मामले की परीक्षण में जुट गए हैं , यही वजह है कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप डीजीपी भूपेंद्र सिंह एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की , बैठक में सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों का भी परीक्षण किया गया इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विधि विभाग के अधिकारियों को इस बात का परीक्षण करने के निर्देश दिए कि आखिर पूरे मामले में कहां पर सरकार के स्तर पर चूक रही जिसकी वजह से आरोपियों को संदेह का लाभ मिलते हुए कोर्ट ने बरी किया। दरअसल पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के वक्त अप्रैल 2017 में अलवर में भीड़ में पहलू खान पर हमला कर दिया था जिसमें घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी , इस मामले पर कांग्रेस ने मोब लिंचिंग का आरोप लगाया था कांग्रेस लगातार उस समय तत्कालीन सरकार पर दबाव बनाती रही थी भीड़ में जानबूझकर पहलू खान पर हमला किया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई जब पहलू खान गोपालन के लिए हरियाणा से गाय लेकर आया था लेकिन तथाकथित गौरक्षकों ने पहलू खान पर हमला बोल दिया था ।




Conclusion:VO:- पहलू खान मामले को आधार बनाते हुए राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही हाल ही में विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून लाया गया , दो या दो से अधिक भीड़ द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में माना गया और उसने कठोर कानून की धाराओं को भी जोड़ा गया है ।
Last Updated : Sep 27, 2019, 4:55 AM IST
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