नई दिल्ली/जयपुर: पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में छह आरोपियों के बरी हो जाने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस मामले में फिर से जांच की अपील करेगी. जानकारी के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने आज उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें इस मामले की हाई कोर्ट में अपील करने का फैसला लिया गया है.
बता दें, गौ रक्षकों की एक भीड़ द्वारा पहलू खान को पीट-पीटकर मार दिए जाने के करीब दो साल बाद अलवर सत्र न्यायालय ने बुधवार को मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने इन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. अलवर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नंबर-1, डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में फैसला सुनाया गया था.
मामले की सुनवाई 7 अगस्त को समाप्त हुई थी. मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन नाबालिग शामिल हैं, जो पहले से जमानत पर हैं. पीड़ित के परिवार ने 44 गवाह प्रस्तुत किए थे.
पहलू खान (55) हरियाणा के नूह के रहने वाले थे. पिकअप वैन से राजस्थान से हरियाणा मवेशी ले जाने के दौरान भीड़ ने गौ तस्करी के संदेह में पिटाई की, जिसकी वजह से उनकी सरकारी अस्पताल में 3 अप्रैल 2017 को मौत हो गई.
इसी के मद्देनजर गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.
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इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था। इसमें दिखाई दे रहा है कि पहलू खान को आक्रामक भीड़ पीट रही है. अदालत वीडियो साक्ष्य से स्पष्ट रूप से संतुष्ट नहीं थी.
साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने पहलू खान द्वारा मौत से पहले बयान में बताए गए छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. बाकी के तीन आरोपी नाबालिग है और उन पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा रहा है.
पहलू खान केस को आधार बनाते हुए राजस्थान सरकार ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाया. इस कानून के मुताबिक दो या दो से अधिक लोगों द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में आएगा.