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पश्चिम बंगाल : रेलवे ने दक्षिणेश्वर तक मेट्रो ट्रेन का पहला ट्रायल किया

भारतीय रेलवे ने कोलकाता के उत्तर-दक्षिणी गलियारे में दक्षिणेश्वर तक मेट्रो ट्रेन का पहला ट्रायल किया है. रेल मंत्रालय के मुताबिक सेवाएं बहाल होने के बाद रोजाना लाखों यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा.

दक्षिणेश्वर तक मेट्रो ट्रेन का पहला ट्रायल
दक्षिणेश्वर तक मेट्रो ट्रेन का पहला ट्रायल
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Published : Dec 23, 2020, 11:08 PM IST

कोलकाता : रेल मंत्रालय ने कहा है कि कोलकाता के प्रसिद्ध सिद्धपीठ दक्षिणेश्वर काली के दर्शन में मेट्रो ट्रेन से मदद मिलेगी. मंत्रालय ने कहा कि मेट्रो का उत्तर-दक्षिणी कॉरिडोर तैयार होने के बाद कनेक्टिविटी बढ़ेगी और रोजाना लाखों यात्रियों को फायदा होगा.

बुधवार को मेट्रो ट्रेन के ट्रायल के मौके पर रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सफल ट्रायल रन के बाद, कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) इसका निरीक्षण करेंगे. इसके बाद नियमों के तहत आम लोगों के लिए मेट्रो संचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी.

अधिकारियों ने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से श्रद्धालुओं को दक्षिणेश्वर काली मंदिर की यात्रा में सुगमता होगी.

यह भी पढ़ें: 8500 करोड़ की मेट्रो परियोजना को मंजूरी, जापान-कनाडा से एमओयू

गौरतलब है कि देश का यह पहला भूमिगत रेलवे शहर के व्यस्त उत्तरी-दक्षिणी धुरी पर नोआपारा से कवि सुभाष स्टेशन तक 27.22 किलोमीटर की लंबाई में फैला है. इस रेलखंड का 15.70 किलोमीटर भाग भूमिगत है.

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नोआपारा और दक्षिणेश्वर के बीच 4 किलोमीटर लंबा हिस्सा ज्यादातर ऊंचे ढांचे (ब्रिज जैसी आकृति) पर है.

उन्होंने कहा कि मेट्रो रेलवे ने अपने उत्तर-दक्षिण लाइन पर नौ स्टेशन बनाने का फैसला किया है. अधिक गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के लिए ईस्ट वेस्ट मेट्रो ने ब्रांडिंग का भी फैसला लिया है.

ब्रांडिंग के लिए बेलगछिया, सोवाबाजार-सुतनुति, चांदनी चौक, फूलबागान, बंगाल केमिकल, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणामयी और जल्द ही बनकर तैयार होने वाले बारानगर स्टेशनों की पेशकश की गई है.

कोलकाता : रेल मंत्रालय ने कहा है कि कोलकाता के प्रसिद्ध सिद्धपीठ दक्षिणेश्वर काली के दर्शन में मेट्रो ट्रेन से मदद मिलेगी. मंत्रालय ने कहा कि मेट्रो का उत्तर-दक्षिणी कॉरिडोर तैयार होने के बाद कनेक्टिविटी बढ़ेगी और रोजाना लाखों यात्रियों को फायदा होगा.

बुधवार को मेट्रो ट्रेन के ट्रायल के मौके पर रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सफल ट्रायल रन के बाद, कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) इसका निरीक्षण करेंगे. इसके बाद नियमों के तहत आम लोगों के लिए मेट्रो संचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी.

अधिकारियों ने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से श्रद्धालुओं को दक्षिणेश्वर काली मंदिर की यात्रा में सुगमता होगी.

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गौरतलब है कि देश का यह पहला भूमिगत रेलवे शहर के व्यस्त उत्तरी-दक्षिणी धुरी पर नोआपारा से कवि सुभाष स्टेशन तक 27.22 किलोमीटर की लंबाई में फैला है. इस रेलखंड का 15.70 किलोमीटर भाग भूमिगत है.

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नोआपारा और दक्षिणेश्वर के बीच 4 किलोमीटर लंबा हिस्सा ज्यादातर ऊंचे ढांचे (ब्रिज जैसी आकृति) पर है.

उन्होंने कहा कि मेट्रो रेलवे ने अपने उत्तर-दक्षिण लाइन पर नौ स्टेशन बनाने का फैसला किया है. अधिक गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के लिए ईस्ट वेस्ट मेट्रो ने ब्रांडिंग का भी फैसला लिया है.

ब्रांडिंग के लिए बेलगछिया, सोवाबाजार-सुतनुति, चांदनी चौक, फूलबागान, बंगाल केमिकल, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणामयी और जल्द ही बनकर तैयार होने वाले बारानगर स्टेशनों की पेशकश की गई है.

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