नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए खिलौने जैसे उत्पादों का देश में ही उत्पादन करने पर जोर दिया. इस पर कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में नीट और जेईई की परीक्षा दे रहे छात्र परीक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री खिलौनों पर चर्चा कर रहे थे.
आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 'मन की बात' संबोधन में कहा कि देश के पास खिलौना उद्योग का केंद्र बनने की प्रतिभा और क्षमता है. साथ ही, उन्होंने स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने की अपील की. इसके बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की यह टिप्पणी आई.
'मन_की_नहीं_छात्रों_की_बात' हैशटैग के साथ राहुल ने ट्वीट किया, 'जेईई-नीट के अभ्यर्थी प्रधानमंत्री से परीक्षा पर चर्चा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने खिलौने पर चर्चा की.'
राहुल और उनकी पार्टी (कांग्रेस) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर नीट और जेईई की परीक्षाएं टालने की बड़ी संख्या में छात्रों की मांग का समर्थन किया है. ये परीक्षाएं एक सितंबर से शुरू हो रही हैं.
बता दें कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल कोरोना महामारी के कारण नीट और जेईई परीक्षा को लगातार रद्द करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार विशेष दिशा-निर्देशों के साथ परीक्षा कराने की तैयारी कर चुकी है.
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प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा था कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं.
उन्होंनें कहा कि वैश्विक खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से अधिक है लेकिन इसमें भारत का हिस्सा बेहद कम है, हमें इसे बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा. खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं. खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं.