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राहुल बोले- घूमना चाहता हूं कश्मीर, बिना रोकटोक के

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का ऑफर दिया है. इस पर गांधी ने कहा कि उन्हें बिना रोक-टोक के आम लोगों से मिलने की इजाजत मिलनी चाहिए.

राहुल गांधी (नेता, कांग्रेस)
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Published : Aug 13, 2019, 2:29 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 9:00 PM IST

नई दिल्ली/श्रीनगर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ऑफर पर राहुल गांधी ने कहा कि वह कश्मीर आने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें बिना रोक-टोक के आम लोगों से मिलने की इजाजत दी जाए. उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल होंगे.

कांग्रेस नेता मीम अफजल.
सत्यपाल मलिक ने एक दिन पहले ही राहुल को कश्मीर आने का निमंत्रण दिया था. उन्होंने कहा था कि राहुल कश्मीर आना चाहते हैं, तो वह उनके लिए विशेष विमान भेजेंगे. इस पर राहुल ने कहा कि उन्हें विशेष विमान की जरूरत नहीं है. वह चाहते हैं कि उन्हें स्वतंत्र होकर घूमने दिया जाए.
rahul gandhi tweet
राहुल का ट्वीट.

राहुल ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं से मिलना चाहते हैं. वह आम लोगों से मिलना चाहते हैं. वह वहां पर घूमना चाहते हैं. सरकार इसकी इजाजत दे. उन्हें कोई स्पेशल एयरक्राफ्ट की जरूरत नहीं है. एक दिन पहले राज्यपाल ने कहा था कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी के एक नेता के व्यवहार के बारे में शर्मिंदगी महसूस करना चाहिए, जो संसद में 'मूर्ख' की तरह बात कर रहे थे.

मलिक ने कहा, 'मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्यौता दिया है . मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए. आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए.'

राज्यपाल कश्मीर में हिंसा संबंधी कुछ नेताओं के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. शनिवार की रात राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है. उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान सबके लिए समाप्त किए गए हैं. न तो लेह, करगिल, जम्मू, रजौरी और पुंछ में और न ही यहां (कश्मीर) इसे समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण है. इसका कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है.'

मलिक ने कहा कि इस मुद्दे को मुठ्ठी भर लोग हवा दे रहे हैं, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे.

उन्होंने कहा, 'विदेशी मीडिया ने कुछ (गलत रिपोर्टिंग करने का) प्रयास किया और हमने उन्हें चेतावनी दी है. सभी अस्पताल आपके लिए खुले हैं और किसी एक व्यक्ति को भी गोली लगी हो तो आप साबित कर दीजिए. जब कुछ युवक हिंसा कर रहे थे तो केवल चार लोगों को पैलेट से पैर में गोली मारी गयी है और इसमें कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है.'

कश्मीर को 'यातना शिवि' में बदल देने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित होने के बावजूद लोग यातना शिविर का अर्थ नहीं जानते हैं.

पढ़ें: पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा के लिए किया नामांकन

उन्होंने पूछा, 'मुझे पता है कि यह क्या है. मैं 30 बार जेल गया हूं. तब भी मैंने इसे यातना शिविर कारार नहीं दिया था. उन्होंने (कांग्रेस) आपातकाल के दौरान डेढ़ साल तक लोगों को जेल में बंद कर दिया था लेकिन किसी ने उसे यातना शिविर नहीं कहा था. क्या एहतियातन गिरफ्तारी यातना शिवर (के बराबर) है.'

मीम अफजल ने क्या कहा, जानें

कांग्रेस ने मलिक के इस बयान को बचकाना करार दिया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि हमें सत्यपाल मलिक जैसे सीनियर राजनेता से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी. राहुल गांधी टूरिज्म करने के लिए जम्मू कश्मीर नहीं जाना चाहते.
यदि सही मायने में केंद्र की सरकार और राज्यपाल मलिक कश्मीर को लेकर चिंतित है और लोकतंत्र में भरोसा करते हैं तो यह ऑफर सिर्फ राहुल गांधी को क्यों देना चाहते! ऑल पार्टी डेलिगेशन क्यों नहीं बुलाते! मीम अफजल ने कहा कि राहुल गांधी ने भी राज्यपाल मलिक को उचित जवाब दे दिया है .

नई दिल्ली/श्रीनगर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ऑफर पर राहुल गांधी ने कहा कि वह कश्मीर आने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें बिना रोक-टोक के आम लोगों से मिलने की इजाजत दी जाए. उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल होंगे.

कांग्रेस नेता मीम अफजल.
सत्यपाल मलिक ने एक दिन पहले ही राहुल को कश्मीर आने का निमंत्रण दिया था. उन्होंने कहा था कि राहुल कश्मीर आना चाहते हैं, तो वह उनके लिए विशेष विमान भेजेंगे. इस पर राहुल ने कहा कि उन्हें विशेष विमान की जरूरत नहीं है. वह चाहते हैं कि उन्हें स्वतंत्र होकर घूमने दिया जाए.
rahul gandhi tweet
राहुल का ट्वीट.

राहुल ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं से मिलना चाहते हैं. वह आम लोगों से मिलना चाहते हैं. वह वहां पर घूमना चाहते हैं. सरकार इसकी इजाजत दे. उन्हें कोई स्पेशल एयरक्राफ्ट की जरूरत नहीं है. एक दिन पहले राज्यपाल ने कहा था कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी के एक नेता के व्यवहार के बारे में शर्मिंदगी महसूस करना चाहिए, जो संसद में 'मूर्ख' की तरह बात कर रहे थे.

मलिक ने कहा, 'मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्यौता दिया है . मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए. आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए.'

राज्यपाल कश्मीर में हिंसा संबंधी कुछ नेताओं के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. शनिवार की रात राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है. उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान सबके लिए समाप्त किए गए हैं. न तो लेह, करगिल, जम्मू, रजौरी और पुंछ में और न ही यहां (कश्मीर) इसे समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण है. इसका कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है.'

मलिक ने कहा कि इस मुद्दे को मुठ्ठी भर लोग हवा दे रहे हैं, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे.

उन्होंने कहा, 'विदेशी मीडिया ने कुछ (गलत रिपोर्टिंग करने का) प्रयास किया और हमने उन्हें चेतावनी दी है. सभी अस्पताल आपके लिए खुले हैं और किसी एक व्यक्ति को भी गोली लगी हो तो आप साबित कर दीजिए. जब कुछ युवक हिंसा कर रहे थे तो केवल चार लोगों को पैलेट से पैर में गोली मारी गयी है और इसमें कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है.'

कश्मीर को 'यातना शिवि' में बदल देने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित होने के बावजूद लोग यातना शिविर का अर्थ नहीं जानते हैं.

पढ़ें: पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा के लिए किया नामांकन

उन्होंने पूछा, 'मुझे पता है कि यह क्या है. मैं 30 बार जेल गया हूं. तब भी मैंने इसे यातना शिविर कारार नहीं दिया था. उन्होंने (कांग्रेस) आपातकाल के दौरान डेढ़ साल तक लोगों को जेल में बंद कर दिया था लेकिन किसी ने उसे यातना शिविर नहीं कहा था. क्या एहतियातन गिरफ्तारी यातना शिवर (के बराबर) है.'

मीम अफजल ने क्या कहा, जानें

कांग्रेस ने मलिक के इस बयान को बचकाना करार दिया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि हमें सत्यपाल मलिक जैसे सीनियर राजनेता से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी. राहुल गांधी टूरिज्म करने के लिए जम्मू कश्मीर नहीं जाना चाहते.
यदि सही मायने में केंद्र की सरकार और राज्यपाल मलिक कश्मीर को लेकर चिंतित है और लोकतंत्र में भरोसा करते हैं तो यह ऑफर सिर्फ राहुल गांधी को क्यों देना चाहते! ऑल पार्टी डेलिगेशन क्यों नहीं बुलाते! मीम अफजल ने कहा कि राहुल गांधी ने भी राज्यपाल मलिक को उचित जवाब दे दिया है .

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Last Updated : Sep 26, 2019, 9:00 PM IST
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